Madhya Pradesh News: सामुदायिक चिकित्सा और फारेंसिक मेडिसिन पर ज्यादा ध्यान, तृतीय वर्ष में सिर्फ यही विषय रहेंगे। अंतिम वर्ष 18 और बाकी 12-12 माह का होगा। अभी तक मेडिसिन, कान, नाक एवं गला (ईएनटी) और नेत्र रोग (आप्थैलमोलाजी) को तृतीय वर्ष में पढ़ाया जाता था।
Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद (नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी) ने एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। अब सभी चिकित्सकीय विषय अंतिम वर्ष में ही पढ़ाए जाएंगे। अंतिम वर्ष अब एक की जगह डेढ़ वर्ष का होगा। नवंबर से शुरू होने जा रहे 2022-23 के सत्र से यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
इस संबंध में एनएमसी ने सभी कालेजों के डीन को पत्र लिखकर व्यवस्था करने को कहा है। सामुदायिक चिकित्सा और फारेंसिक मेडिसिन के विषय अभी द्वितीय वर्ष में पैथोलाजी, माइक्रोबायोलाजी और फार्माकोलाजी के साथ पढ़ाए जाते थे। अब इन पर ज्यादा ध्यान देते हुए इन्हें तृतीय वर्ष (पूर्व अंतिम वर्ष) में कर दिया गया है। बता दें कि सामुदायिक चिकित्सा में बीमारियों की रोकथाम (प्रिवेंशन) और शोध पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
अभी तक मेडिसिन, कान, नाक एवं गला (ईएनटी) और नेत्र रोग (आप्थैलमोलाजी) को तृतीय वर्ष में पढ़ाया जाता था। अब सभी चिकित्सकीय विषयों को अंतिम वर्ष मे एक साथ कर दिया गया है। यानी गैर चिकित्सकीय विषयों को अच्छी तरह से समझने के बाद ही विद्यार्थियों को चिकित्सकीय विषय पढ़ाए जाएंगे।
अब इस तरह होगा पाठ्यक्रम
अभी प्रथम वर्ष 12 माह, द्वितीय वर्ष 18 माह और तृतीय और अंतिम वर्ष 12-12 माह के होते हैं । नई व्यवस्था मेें अंतिम वर्ष 18 माह और बाकी 12-12 माह के होंगे। प्रथम वर्ष में पहले की तरह ही मानव एनाटामी, फिजियोलाजी और बायोकेमेस्ट्री विषय पढ़ाए जाएंगे। द्वितीय वर्ष मे लगने वाले पांच विषय पैथोलाजी, माइक्रोबायोलाजी, फार्माकोलाजी, फारेंसिक मेडिसिन और सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा (सीएफएम) में से फारेंसिक और सीएफएम को तृतीय वर्ष में कर दिया गया है। अंतिम वर्ष में मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक मेडिसिन (शिशु रोग), स्त्री एवं प्रसूति रोग (गायनी), हड्डी रोग (आर्थोपेडिक्स), नेत्र रोग और ईएनटी को शामिल किया गया है।
इनका कहना है
कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य गैर संक्रामक बीमारियां बढ़ने की वजह से एनएमसी का ज्यादा ध्यान अब बीमारियों की रोकथाम पर है। इसी कारण सीएफएम को द्वितीय वर्ष मे कर दिया गया है। इसके अलावा अपराध बढ़ने के कारण फारेंसिक मेडिसिन का महत्व बढ़ा है। फारेंसिक को अब चिकित्सकीय विषय की तरह ही माना जाता है, क्योंकि इसमें दुष्कर्म के मामलों का परीक्षण और अपराधों की पड़ताल में बहुत सा काम चिकित्सकीय होता है।
– डा. भानु प्रकाश दुबे, पूर्व सदस्य, एमसीआइ।
# medical education in hindi
# MBBS final year
# medical subjects
# Madhya Pradesh News
# Madhya Pradesh government
# education of Homeopathy
# education of Unani medicine
🔥🔥 Join Our Group For All Information And Update, Also Follow me For Latest Information🔥🔥
अगर आप को डिजिटल एजुकेशन पोर्टल द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अधिक से अधिक शिक्षकों के साथ शेयर करने का कष्ट करें|
Follow Us On Google News – Digital Education PortalMadhya Pradesh News: सभी चिकित्सकीय विषय अब एमबीबीएस अंतिम वर्ष में पढ़ाए जाएंगे Digital Education Portal 8
हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा|
मध्यप्रदेश में 39,000 स्कूलों में अतिशेष शिक्षक : नए शिक्षकों की पोस्टिंग के कारण पुराने शिक्षक हुए अतिशेष, इतने शिक्षकों का होगा ट्रांसफर
4 days ago
Mp Board 5th 8th Exam Time Table 2023 : एमपी बोर्ड कक्षा पांचवी और आठवीं की परीक्षा 23 मार्च से राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किया टाइम टेबल एवं ब्लूप्रिंट
5 days ago
Pre Board 12th English Paper 2023 Download Pdf file : प्री बोर्ड कक्षा 12वीं अंग्रेजी पेपर डाउनलोड
5 days ago
Mp Board Pre Board Exam 12th Biology Paper 2023 Download Pdf file : प्री बोर्ड कक्षा 12वीं बायोलॉजी पेपर
5 days ago
MP Board Admit Card 2023 : एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं एडमिट कार्ड 2023, Direct Download Mpbse.mponline.gov.in Digital Education Portal