मंथली टेस्ट: सरकारी स्कूल में कक्षा 9वीं तक के विद्यार्थियों को देना होगा मंथली टेस्ट, हर विषय पर होगा फोकस Digital Education Portal

- एनएएस सर्वे में मप्र ने 12वां स्थान हासिल किया है, लेकिन तीसरी और पांचवीं के तीन व 8वीं और 10वीं के चारों विषयों में परसेंट बहुत कम बढ़े
नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में देशभर में 12वीं रैंक हासिल करने के बाद अब प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग नंबर-1 आने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय ने एक योजना तैयार की है। इसके तहत अब हर महीने स्टूडेंट का एक रेंडम टेस्ट लिया जाएगा। कक्षा एक से कक्षा 9वीं तक के स्टूडेंट को इसमें शामिल किया जाएगा। इसका फाॅर्मेट एनएएस सर्वे की तर्ज पर रहेगा।
इसमें बेसिक से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए टीचर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। टेस्ट का प्रारूप भी ऑनलाइन ही भेजा जाएगा। फिलहाल इस पर अलग से कोई बजट तय नहीं किया गया है, लेकिन शाला विकास समिति के बजट का उपयोग किया जा सकता है। टेस्ट के लिए प्रश्न बोलकर लिखवाए जाएंगे और आंसर के लिए रफ कॉपी के पेज का उपयोग होगा। अब एनएएस सर्वे 2026 में आयोजित होगा। विभागीय मंत्री इंदर सिंह परमार ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों के टेस्ट का एनालिसिस करके उन्हें तैयार किया जाए और इसमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्कूल टीचर को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
हर विषय पर होगा फोकस
एनएएस सर्वे में मप्र ने 12वां स्थान हासिल किया है, लेकिन तीसरी और पांचवीं के तीन व 8वीं और 10वीं के चारों विषयों में परसेंट बहुत कम बढ़े हैं। ऐसे में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, साइंस व सोशल साइंस के लिए स्पेशल प्लान बनाएंगे। विभाग की तरफ से अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूलों में टीचर्स की कमी है, वहां उनकी पूर्ति की जाए। लिस्ट बनाने का काम 1 जून से शुरू होगा।
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