educationEducational News

अफगानिस्तान के बच्चों को MP में मिलेगा आसरा: नागदा के मोहन राठी उठाएंगे अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी, 21 साल के होने तक रहने, खाने और मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करेंगे Digital Education Portal

350 बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्य - dainik bhaskar

350 बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्य

अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह है, लोग बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। दुनिया भर की निगाहें अफगानिस्तान की ओर हैं। वहां जिस तरह के हालात बने हैं, उससे सबसे बड़ा खतरा बच्चों के भविष्य पर भी है।

अफगान के अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीयों को सुरक्षित देश लाने के कार्य में सरकार जुटी है। उज्जैन के पास नागदा के रहने वाले समाजसेवी मनोज राठी ने अफगानिस्तान छोड़कर आए अफगानी नागरिक और हिन्दुस्तानियों के अनाथ हुए बच्चों की 21 साल का होने तक परवरिश करने की बात कही है। राठी ने बताया, कई हिंदू और सिख परिवार बेघर हो गए। कई बच्चों के माता-पिता उनसे बिछड़ गए। यदि ऐसे भी कोई बच्चे हिन्दुस्तान आते हैं, तो उनके रहने, खाना और पढ़ाई का खर्च मोहन श्री फाउंडेशन उठाने को तैयार है। ऐसे बच्चों की शिक्षा का खर्च नागदा का ही मोहन श्री विद्यापीठ उठाएगा।्र

2013 में की थी शुरुआत

राठी ने 2013 में गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के लिए मोहन श्री विद्यापीठ नामक स्कूल की शुरुआत की थी। इसमें फिलहाल 350 बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के बड़े स्कूलों जैसी सुविधा वाली शिक्षा दे रहे हैं। फिलहाल, स्कूल में 5 वीं कक्षा तक की पढ़ाई हो रही है। वहीं, अनाथ या प्रताड़ित होकर घर छोड़ दिए गए 13 बच्चों का खर्च मनोज राठी उठा रहे हैँ। यहां शाजापुर के मोहन बड़ोदिया के 2 बच्चे, आलोट के 2 बच्चे व रतलाम के 3 बच्चे हैं। पहले इनके मां-बाप भीख मंगवाते थे। सभी धर्मों के बच्चों को इस स्कूल में रखा जाता है। मोहन श्री विद्यापीठ में 2 बच्चे मुस्लिम हैं। इन सभी पर राठी प्रति माह करीब 50 हजार रुपए खर्चा करते हैं। स्कूल में मुफ्त पढ़ाई कर रहे 350 बच्चों पर 70 हजार अलग से खर्च होता है। फिलहाल स्कूल में 10 लोगों का स्टाफ है।

मुस्लिम महिला को 40 हजार रुपए देकर खुलवाई दुकान

मोहन राठी स्कूल के बच्चों के साथ।

मोहन राठी स्कूल के बच्चों के साथ।

मनोज राठी अपने पिता की याद में कई बार ऐसे लोगों की मदद करते रहते हैं, जिनका कोई नहीं होता। यही नहीं, कई बार गरीबों का इलाज भी अपने पैसों से करवाते हैं। कुछ दिन पहले ही कोरोना के चलते बेरोजगार हुई मुस्लिम महिला को 40 हजार देकर प्लास्टिक के सामान बेचने की दुकान खुलवाई।

हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा .

Join whatsapp for latest update

Team Digital Education Portal

शैक्षणिक समाचारों एवं सरकारी नौकरी की ताजा अपडेट प्राप्त करने के लिए फॉलो करें

Follow Us on Telegram
@digitaleducationportal
@govtnaukary

Join telegram
Follow Us on Facebook
@digitaleducationportal @10th12thPassGovenmentJobIndia

Follow Us on Whatsapp
@DigiEduPortal
@govtjobalert


Discover more from Digital Education Portal

Subscribe to get the latest posts to your email.

Show More

आपके सुझाव हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं ! इस पोस्ट पर कृपया अपने सुझाव/फीडबैक देकर हमे अनुग्रहित करने का कष्ट करे !

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|