ऑनलाइन क्लास के बाद 50% बच्चे नहीं करते सेल्फ स्टडी, तिगुना हुआ स्क्रीन टाइम, 2 घंटे से बढ़कर 7 घंटे तक हुआ
ऑनलाइन क्लास सेल्फ स्टडी : प्रदेश में पांच माह से स्कूल बंद हैं। बच्चे घर पर ही पढ़ते हुए बोर होने लग गए हैं। 83.5 प्रतिशत बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेज क्लास अटेंड करते करते जिद्दी, सुस्त, झगड़ालू और अनुशासनहीन हो गए हैं। एक चौथाई अब घर को कैद समझने लगे हैं। 50 फीसदी अब स्कूल जाना चाहते हैं।
बच्चों पर ऑनलाइन क्लास सेल्फ स्टडी से हो रहे असर को लेकर राजस्थान के सभी शहरों के पैरेंट्स का ऑनलाइन सर्वे online classes self-study-analysis
ऑनलाइन क्लास के बाद 50% बच्चे नहीं करते सेल्फ स्टडी, तिगुना हुआ स्क्रीन टाइम, 2 घंटे से बढ़कर 7 घंटे तक हुआ
मित्रों साथ खेलने-कूदने मिलने की उन्हें याद सताने लगी है। कोई मोटे हो गए, कोई चिड़चिड़े। किसी को अब स्कूल की याद में नींद नहीं आती। स्कूल का माहौल छूटा तो बच्चों ने मोबाइल पर टाइम पास पहले से तीन चार गुणा तक बढ़ा दिया है।
किसी का तो पांच घंटे से भी ज्यादा हो गया ।
मोबाइल इस्तेमाल कम करने का कहने पर ही बच्चे गुस्सा जाते हैं। गुमसुम सुस्त हो जाते हैं, अलग जाकर बैठ जाते हैं। किसी की बात नहीं सुनते। यही चिंता 71% पेरेंट्स को सताने लगी है।
DigiLEP कक्षा 1-2 | विषय – हिन्दी बच्चों के लिए | दिनांक: 15.09.2020(Opens in a new browser tab)
उन्होंने बच्चों के साथ ऐसे हालात कभी नहीं देखे। पूरे टाइम बच्चों की चिंता में बिताने लगे हैं। कोई कहते हैं यह साल खराब न हो जाए। किसी को परीक्षा की चिंता हैं तो किसी के माथे पर फीस भरने की लकीरें हैं।
यह निष्कर्ष है भास्कर द्वारा करवाए चिल्ड्रन सर्वे का। 4845 बच्चों के पेरेंट्स ने सर्वे में भाग लिया। इनमें से 70 फीसदी पेरेंट्स को चिंता यह है कि लाॅक डाउन से बच्चों का व्यवहार खराब हो गया है, अब यह कब ठीक होगा?
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