माशिमं का मानना, ‘बेस्ट आफ फाइव’ के कारण बच्चों का परफार्मेंस खराब हो रहा। इस योजना को समाप्त करने को लेकर शासन असमंजस में।
भोपाल । मप्र बोर्ड में दसवीं का रिजल्ट कम होने के डर के कारण स्कूल शिक्षा विभाग ‘बेस्ट आफ फाइव’ योजना को समाप्त करने का निर्णय नहीं ले पा रहा है, जबकि माध्यमिक शिक्षा मंडल इस योजना की कमियां गिनाते हुए उसे समाप्त करने का प्रस्ताव प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के पास भेज चुका है।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में छह विषय होते है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान, गणित व विज्ञान शामिल है। साथ नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के विषय भी रहेंगे। इससे दसवीं में कुल सात विषय हो रहे है। इस संबंध में मंडल ने निर्देश जारी किए है कि दसवीं के विद्यार्थियों को हिंदी व अंग्रेजी लेना अनिवार्य होगा। साथ ही विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान मुख्य विषय रहेंगे। छटवें विषय के रूप में विद्यार्थी संस्कृत या एनएसक्यूएफ में से कोई एक विषय ले सकते है। इस संबंध में मंडल ने निर्देश जारी कर दिए है। हालांकि विभागीय अधिकारियों की मानें तो मंडल के संस्कृत को वैकल्पिक विषय करने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग सहमत नहीं है। आगामी सोमवार तक स्कूल शिक्षा विभाग मंडल के उक्त आदेश को निरस्त कर सकता है, जबकि मंडल का संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में लेने के संबंध में तर्क यह है कि अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय किया, तो विद्यार्थी सबसे पहले इसे छोड़ेंगे। शासन पहले ही बेस्ट आफ फाइव लागू करके विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। यदि अंग्रेजी को भी वैकल्पिक विषय के रूप में किया गया, तो आगामी समय में छात्र के भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
शासन को भेजा गया है प्रस्ताव
मंडल की दसवीं परीक्षा में वर्तमान नवीन शैक्षणिक सत्र से बेस्ट आफ फाइव को समाप्त करने का प्रस्ताव माशिमं की पाठ्यचर्या समिति ने भेजा है। मंडल ने बेस्ट आफ फाइव की कई कमियां गिनाई हैं। इसमें मप्र के विद्यार्थियों को आर्मी के फार्म भरने के योग्य न होने तक की बात कही गई है। बावजूद इसके स्कूल शिक्षा विभाग छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए उसे समाप्त करने का निर्णय नहीं ले पा रहा है।
बेस्ट आफ फाइव 2017 से लागू
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में विद्यार्थियों का रिजल्ट बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में ‘बेस्ट आफ फाइव’ योजना को लागू किया गया। इस योजना के तहत दसवीं के छह विषयों में पांच विषय में पास होना अनिवार्य है। इस योजना के लागू होने के बाद अधिकांश छात्रों ने एक विषय के रूप में गणित व अंग्रेजी को पढऩा बंद कर दिया। इसे देखते हुए मंडल ने दसवीं में ‘बेस्ट आफ फाइव’ को समाप्त करने के लिए अक्टूबर 2020 में अनुशंसा की। लेकिन इसके बाद विचार नहीं नहीं किया। अब एक बार फिर से मंडल की पाठ्यचर्या समिति की बीते मई में आयोजित बैठक में इसे दोबारा समाप्त करने का निर्णय लिया है।
# Madhya Pradesh News
- # MP School Education News
- # MP Board of Secondary Education
- # माध्यमिक शिक्षा मंडल
- # स्कूल शिक्षा विभाग
- # Bhopal News in Hindi
- # Bhopal Latest News
- # Bhopal Samachar
- # MP News in Hindi
- # Madhya Pradesh News
- # भोपाल समाचार
- # मध्य प्रदेश समाचार