Teacher Transfer Policy 2021 मध्य प्रदेश शिक्षक स्थानांतरण नीति गांव में 5 साल पढ़ाना होगा अनिवार्य, सीएम राइज स्कूलों में लागू की जाएगी स्टीम पद्धति स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार
![Teacher transfer policy 2021 मध्य प्रदेश शिक्षक स्थानांतरण नीति गांव में 5 साल पढ़ाना होगा अनिवार्य, सीएम राइज स्कूलों में लागू की जाएगी स्टीम पद्धति स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार 4 मध्य प्रदेश शिक्षक स्थानांतरण नीति गांव में 5 साल पढ़ाना होगा अनिवार्य, सीएम राइस स्कूलों में लागू की जाएगी स्टीम पद्धति स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2021/01/Capture-2021-01-05-22.22.11.jpg?fit=1920%2C1080&ssl=1)
Teacher Transfer Policy 2021 सीएम राइज स्कूल. स्टीम पद्धति .मध्यप्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए नई नीति जल्द लागू होगी इस नीति में अब हर शिक्षक को गांव में 5 साल पढ़ाना अनिवार्य होगा तभी संबंधित शिक्षक का ट्रांसफर हो पाएगा।यह बात मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार दी आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की कार्य योजना के दौरान कही।
शिक्षक स्थानांतरण नीति Teacher Transfer Policy 2021
शिक्षकों को 5 साल गांव में पढ़ाना होगा अनिवार्य पंजाब की तर्ज पर बनेगी शिक्षक स्थानांतरण नीति
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने स्पष्ट किया कि अब नई शिक्षा नीति को पंजाब की तर्ज पर बनाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक शिक्षक को कम से कम 5 वर्ष ग्रामीण क्षेत्र के शालाओं में पढ़ाना अनिवार्य होगा। साथ ही शिक्षक के परफॉर्मेंस के आधार पर भी नीति निर्धारण किया जाएगा। अच्छा परफॉर्मेंस देने वाले शिक्षकों का ट्रांसफर उनकी इच्छा के अनुसार स्कूलों में किया जा सकेगा।
शिक्षक संगठनों से चर्चा के बाद फाइनल होगा शिक्षक ट्रांसफर नीति का प्रारूप
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि नई शिक्षक ट्रांसफर नीति का प्रारूप विभाग द्वारा तैयार किए जाने के बाद मध्य प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों के विचार विमर्श के बाद ही फाइनल किया जाएगा।नई शिक्षा नीति में इस बात को समाहित किया जाएगा कि अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन के रूप में उनकी मनचाही जगह पर स्थानांतरित किया जा सके। साथ ही शिक्षकों के व्यवसायिक विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए प्रशिक्षण की नीति भी तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए।
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नवोदय स्कूल की तर्ज पर खुलेंगे सीएम राइज स्कूल
स्कूल शिक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप तैयार की जाने रही कार योजनाओं के दौरान शिक्षा विभाग में नवोदय स्कूल की तर्ज पर सीएम राइज स्कूल खोले जाने की भी समीक्षा की। श्री परमार ने बताया कि अगले शैक्षणिक सत्र अप्रैल 2021 से सीएम राइस स्कूलों को प्रदेश भर में प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए पूरे मध्यप्रदेश में स्कूलों का चिन्हांकन किया जा कर जिला पंचायत जनपद पंचायत के माध्यम से अनुमोदन करवाया जा रहा है। इन स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों के समान सभी प्रकार की सुविधाएं होगी यहां तक की स्कूल के आसपास के क्षेत्र से भी बच्चों को लाने एवं ले जाने के लिए स्कूल बस की व्यवस्था की जाएगी । जिससे कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आ सके एवं शासकीय स्कूलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ सके।
राज्य सरकार प्रदेश के एक लाख दो हजार सरकारी स्कूलों को मर्ज कर केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर 9200 ‘सीएम राइज’ स्कूल खोलने जा रही है। हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले ये स्कूल विश्वस्तरीय सुविधाओं (स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया) से लैस होंगे। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होंगी। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे और उन्हें स्कूल तक लाने व घर छोड़ने के लिए सरकार बस, वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
प्रदेश में स्थित तीन हजार संकुल केंद्रों को क्षेत्र के पांच-पांच हजार स्कूलों की सूची भेजकर सीएम राइज के लिए तीन-तीन स्कूलों का चयन करने को कहा गया है। सरकार ने तीन साल (2023) में सभी स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है। नई नीति में 15-20 किमी के दायरे में आने वाले पुराने स्कूलों का मर्जर किया जाएगा।
स्टीम शिक्षा पद्धति को दिया जाएगा बढ़ावा
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स्टीम- साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आट्र्स और मैथ्स विषय की स्किल बेस्ड शिक्षण पद्धति की एक नई तकनीकी है।
स्कूलों में अब तक विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स और गणित विषयों को किताबी पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है। स्टीम शिक्षण की एक नई पद्धति है, जिसमें अनुभव के साथ ज्ञान दिया जाता है। इसमें स्किल बेस्ड एजुकेशन पर फोकस किया जाता है। इसके साथ ही इसमें किसी भी विषय को दूसरे विषय के साथ एकीकृत करके पढ़ाया जाता है। गणित, विज्ञान जैसे विषय अलग-अलग नहीं लगते हैं। इसके साथ ही शिक्षक को एजुकेटर बनाने पर फोकस किया जाता है। इसके साथ ही विद्यार्थियों में प्रयोगात्मक क्षमता बढ़ाकर अविष्कार करने की सोच विकसित की जाती है
स्टीम करिकुलम समय की मांग है। इसकी मदद से छात्रों को वर्तमान समय के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा सकेगा।
शिक्षकों के प्रदर्शन एवं बच्चों की उपस्थिति का डिजिटल रूप से किया जाएगा मूल्यांकन
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि छात्रों के मूल्यांकन शिक्षकों के प्रदर्शन के आकलन के लिए डिजिटल तरीके अपनाए जाएंगे। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए यह महत्वपूर्ण है कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति के लिए एम शिक्षा मित्र एवं बच्चों के मूल्यांकन के लिए परीक्षा मित्र सॉफ्टवेयर प्रचलित है। सीएम राइस स्कूलों के लिए डिजिटल माध्यम से विशेष तकनीकी का उपयोग किया जाएगा।
व्यावसायिक पाठ्यक्रम को दिया जाएगा बढ़ावा
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की समीक्षा करने के दौरान शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि अब स्कूलों में कौशल आधारित व्यवसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। चयनित स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों के लिए स्थानीय कुशल कारीगर, कलाकार, शिल्पी सहित अन्य विभिन्न कलाओं में बच्चों को निपुण करने के लिए पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। ताकि बच्चे पढ़ लिखकर बेरोजगार ना रहते होंगे अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें। जब युवा आत्मनिर्भर होंगे तो प्रदेश आत्मनिर्भर होगा और प्रदेश आत्मनिर्भर होगा तो देश आत्मनिर्भर बनेगा।
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