सरहदों की रक्षा व निगेहबानी के साथ-साथ इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) फोर्स के ‘हिमवीर’ अब समाज सेवा के मोर्च पर भी कमान संभालेंगी. इस फोर्स के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी चाइना बार्डर पर सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी है. पूरा वर्ष बर्फ से लकदक दुर्गम पहाड़ियों पर ये हिमवीर कहे जाने वाले ये जवान सरहदों की रक्षा के लिए डटे रहते हैं.
यही जवान अब अपनी ड्यूटी के साथ-साथ समाज सेवा की बागडोर भी संभालेंगे.
इसके लिए आईटीबीपी की एनआईटीएसआरडीआर विंग ने जवानों के लिए समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्प तैयार किए हैं. इसके पीछे आईटीबीपी का मकसद है कि अपनी ड्यूटी के अलावा ये जवान अपनी सामाजिक जिम्मेवारी को भी समझें व लोगों के साथ जुड़कर समाज सेवा के विभिन्न कार्यों को अंजाम दें. ताकि इसका फायदा आमजन को मिले. इसके साथ ही आमजन को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक भी बनाएं व उन्हें सरकार की ओर से भी चलाए जा रहे विभिन्न जागरूकता अभियानों से भी जोड़ें.
इसी उद्देश्य का सामने रखते हुए आईटीबीपी के जवानों ने समाज व जन सेवा की बागडोर संभालने का निर्णय लिया है. ये अभियान आईटीबीपी की एनआईटीएसआरडीआर विंग के डीआईजी अश्वनी कुमार की देखरेख में चलाया जाएगा. इसकी शुरूआत आईटीबीपी ने हरियाणा के पंचकूला स्थित मोरनी के गांव मांधना से की है. इस अभियान को आगे भी जारी रखेगा. इसके साथ-साथ जवान व अधिकारी लोगों के बीच जाकर चौपालनुमा बैठकें भी करेंगे. जिसमें लोगों को देश की सरकारों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी देते हुए उनसे जुड़ने का आग्रह किया जाएगा.
हिमवीरों ने एकत्रित किया 50 किलो कचरा, लोगों संग की बैठकें
समाज व जन सेवा से जुड़े अपने अभियान की शुरूआत आईटीबीपी के जवानों ने हरियाणा के ग्रामीण इलाकों से की है. जिसके भीतर उन्होंने मोरनी हिल्स के चार किलोमीटर दायरे में गांव मांधना व आसपास इलाके से 50 किलो कचरा एकत्रित किया. इस कचरे में लोगों द्वारा फैलाए गया प्लास्टिक कचरा समेत शराब व बीयर की ढेरों बोतलें भी शामिल रहे. जिसे लोगों ने मोरनी हिल्स की रास्तों में किनारे फैंक रखी थी.
इसके साथ-साथ उन्होंने मांधना गांवों में लोगों से सम्पर्क कर उन्हें विभिन्न सामाजिक मुद्दों के साथ जागरूक भी किया. गांवों में भी लोगों के योगदान से सफाई अभियान चलाया गया. साथ ही उन्हें अच्छी क्वालिटी के डस्टबीन भी वितरित किए गए. इसके साथ-साथ् स्कूल खुलने पर पहले की तरह आईटीबीपी स्कूलों में विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन से निपटने व दूसरों को बचाने के गुर भी सिखाएगी.
इसके लिए स्कूल सेफ्टी कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. जिसे नियमित रूप से स्कूल खुलने के बाद प्रारम्भ किया जाएगा. इसके भीतर विद्यार्थी भूकंप, बाढ़ व आगजनी जैसी आपदाओं में खुद को व दूसरों को बचाने के गुर सीखेंगे.