सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत, मध्य प्रदेश में छात्र जल्द ही डिजी-लॉकर के माध्यम से अपनी डिग्री और मार्कशीट एक्सेस करने लगेंगे, जो छात्रों को उनके प्रमाणपत्रों को डिजिटल मोड में सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगा और उन्हें कभी भी और कहीं भी एक्सेस प्रदान करेगा। कागज रहित शासन (पेपरलैस) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार नए सत्र में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में डिजिटल लॉकर (डिजी-लॉकर) शुरू करने के लिए तैयार है।
उच्च शिक्षा विभाग ने दस्तावेजों के डिजिटल प्रारूप की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, जहां सभी विश्वविद्यालय डिजिटल मार्कशीट, डिग्री और छात्रों के अन्य दस्तावेजों को जारी करेंगे। डिजिटल दस्तावेजों को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के संबंधित अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से सत्यापित किया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर पंजीकृत होने के बाद, छात्र डिजी-लॉकर तक कभी भी, कहीं भी पहुंच सकेंगे, जहां सभी दस्तावेज सुरक्षित होंगे।
इसके अलावा डिजी-लॉकर तक पहुंचने के लिए एक मोबाइल ऐप या पोर्टल विकसित किया जाएगा, जहां छात्रों के लिए लिंक साझा किया जाएगा। आगे की पहुँच के लिए पोर्टल पर पंजीकरण की पुष्टि के लिए संबंधित कॉलेजों की आवश्यकता होगी।
इस बात को भी स्पषट किया कि अगले शैक्षणिक सत्र तक डिजी-लॉकर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। डिजी-लॉकर तक पहुंचने के बाद, छात्रों को किसी भी साक्षात्कार या किसी अन्य उद्देश्य के लिए अपने दस्तावेजों को ले जाने की आवश्यकता नहीं है। संपूर्ण दस्तावेज सत्यापित तरीके से उपलब्ध कराए होंगे।