पटना: बिहार स्कूल में लगातार कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने स्कूलों में सभी तरह की शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है. लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या बिहार में सरकारी और निजी स्कूल पढ़ाई शुरू होगी? क्या क्लास नौ से पढ़ाई की इजाजत दी सकती है?
बिहार इन सबके बीच, शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी हालत में क्लास एक से लेकर क्लास आठ तक के स्कूलों में पढ़ाई की इजाजत नहीं दी जाएगी. दूसरी तरफ स्कूल बंद होने की वजह से निजी स्कूलों को खासा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
उनका तर्क है कि पढ़ाई भले ही न हो रही हो लेकिन दूसरी गतिविधियां स्कूलों में जारी है. इसके साथ ही जो भी टीचिंग या नॉन टीचिंग स्टाफ हो, उन्हें तो वेतन देना ही पड़ता है. ऐसे में सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
पटना बोर्ड कॉलोनी में मौजूद मशहूर डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल वी एस ओझा के मुताबिक, स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही है, लेकिन टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन्हें वेतन हर हाल में देना है. वहीं, छात्रों का कहना है कि पांच महीने का अरसा बहुत ज्यादा होता है, अब घर में मन नहीं लगता है. क्लास की तुलना ऑनलाइन क्लास से कभी नहीं हो सकती है.
दरअसल, केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की जिसमें तमाम तरह की रियायतें दी गईं हैं इसलिए स्कूलों में भी पढ़ाई की अनुमति दी जा सकती है. कम से कम नौ और उसके बाद की क्लास तो शुरू की जा सकती है. क्योंकि क्लास नौ या उससे बड़े स्कूली छात्रों की इम्यूनिटी मजबूत होती है. लेकिन शिक्षा विभाग किसी भी तरह के जोखिम के लिए तैयार नहीं है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब तक कोरोना वैक्सीन का टेस्टेड वैक्सीन सामने नहीं आता है, तब तक कम से कम क्लास एक से क्लास आठ तक के स्कूलों में पढ़ाई तो शुरू नहीं ही होगी, भले यह साल निकल जाए. प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक रणजीत कुमार सिंह के मुताबिक, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है. स्कूल खुलने की हालत में बच्चे जब घर पहुंचेंगे तो आशंका है कि पूरा परिवार ही कोरोना संक्रमित हो जाए. लिहाजा ये जोखिम नहीं ले सकते हैं.
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.