- स्वतंत्र प्रभात
बगहा, (नसीम खान “क्या”)। पर्यटनस्थली की पहचान बना वाल्मीकिनगर जहां शिक्षा विभाग के उदासीपूर्ण रवैये से शिक्षा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।बुनियादी शिक्षा से बच्चे बंचित हो रहे हैं।
बतादें की नदी घाटी योजना उच्च विद्यालय को जलसंसाधन विभाग से शिक्षा विभाग ने अधिग्रहण कर 10+2 कर लिया है लेकिन 300 छात्रों के पठन पाठन के लिए सिर्फ दो टीचरों के भरोसे विद्यालय व बच्चों के भविष्य को अंधेरे कोठरी में छोड़ दिया गया है।
जबकि इस विद्यालय में 15 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। वहीं बुनियादी शिक्षा राज्यकीय मध्यविद्यालय के भवन का छत रख-रखाव के अभाव में गिर गया है। जिसके दो साल होने को हैं,लेकिन समाचार पत्रिका में बार बार खबर छपने के बावजूद शिक्षा विभाग ने इस मसले को गम्भीरता से नहीं लिया है।
बतादें की इस बाबत वाल्मीकि वसुधा परिवार ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी,शिक्षा विभाग व मुख्यमंत्री को जानकारियां उपलब्ध कराई है। वाल्मीकि वसुधा परिवार के एमडी विद्यादित संजू ने बताया कि हमने इससे सम्बंधित सभी विभाग व अधिकारियों को पत्र लिखा है।
लेकिन इस पर कोई ठोस कार्य नहीं किया जा रहा है। हमने तब हारकर जन सहयोग का सहारा लेने की सोची। उन्होंने आगे बताया कि, हमने इस बाबत सोशल मीडिया के माध्यम से इस विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग देने की अपील की है।
जिसका रिस्पॉन्स बहुत अच्छा मिल रहा है। बतातें चलें कि वसुधा परिवार के एमडी विद्यादित संजू की प्रारम्भिक शिक्षा वाल्मीकिनगर में ही हुई थी। इनके पिता बी०डी० सिंहा 80-90 के दशक में वन विभाग में रेंज ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे।
संजू का कहना है कि मेरे जीवन का गोल्डेन पीरियड वाल्मीकिनगर में गुजरा है। इसलिए मेरा वाल्मीकिनगर की मिट्टी से गहरा लगाव है। बतातें चलें कि आजकल संजू गाजियाबाद में निवास करते हैं, और उनके द्वारा संचालित वाल्मीकि वसुधा परिवार के माध्यम से वाल्मीकिनगर के शिक्षा,मनोरंजन, पर्यटन,खेल व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने खर्च से कार्य कर रहें हैं।
इनके द्वारा संचालित वसुधा परिवार के माध्यम से छाता चौक, गोलचौक स्थित गोलंबर पार्क, हाई स्कूल का खेल मैदान का देख-रेख व रंगरोगन कराकर नया लुक दिया है। ताकि सैलानी आकर्षित हो सके।
उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान दिया है।वाल्मीकिनगर में अखंड ज्योति नेत्र शिविर लगाकर हज़ारों लोगों का निःशुल्क इलाज कराया है।सूत्रों की माने तो वाल्मीकि वसुधा परिवार वाल्मीकिनगर के पर्यटनस्थली के कई जगहों को सौंदर्यीकरण करने की योजना पर कार्य कर रही है।
काली मंदिर घाट, छठ घाट, 6 आर०डी० स्थित मेहराव, कवलेश्वर मंदिर स्थित हनुमान प्रतिमा सहित छातारूपी मेहराव का रंग-रोगन करने की योजना है। साथ ही महर्षि वाल्मीकि या किसी महापुरुष की चयनित जगह पर प्रतिमाएं स्थापित करने की भी योजना है।
संजू ने बताया कि इन सभी कार्यों को करने के लिए जलसंसाधन विभाग,वन विभाग, पर्यटन विभाग व जिलाधिकारी के सहयोग के साथ साथ जन सहयोग के बिना संभव नहीं है।
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