सीआरपीएफ : गृह राज्य में मिलेगी पोस्टिंग 100 दिन परिवार वालों के साथ रहने का मौका 20 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले जवानों को तोहफा
देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के अफसरों के लिए खुशखबरी है। ऐसे अधिकारी, जिन्होंने अपनी सेवा के बीस साल घर से दूर गुजारे हैं, अब उन्हें होम जोन, होम स्टेट या इच्छानुसार पोस्टिंग मिल सकेगी। इस योजना पर सीआरपीएफ मुख्यालय संजीदगी से काम कर रहा है। डीजी सीआरपीएफ, डॉ. एपी महेश्वरी बताते हैं कि बल अब इस योजना को लागू करने जा रहा है। इतना ही नहीं, इस बल में सभी अफसर और जवान, एक साल में सौ दिन अपने परिवार के साथ रहें, यह नियम भी लागू कर दिया गया है।
सीआरपीएफ बल में सभी अफसर और जवान , एक साल में सौ दिन अपने परिवार के साथ रहें, यह नियम भी लागू कर दिया गया है।
सीआरपीएफ : डॉ. महेश्वरी बताते हैं, हमें खुशी है कि सीआरपीएफ एक ऐसा बल है, जिसके सभी अधिकारी और जवानों ने खुद को देश के लिए समर्पित किया है। वे सदैव ‘देश सर्वप्रथम’ के कथन पर आगे बढ़ते हुए ड्यूटी देते हैं…
बता दें कि सीआरपीएफ में ‘नेचर ऑफ ड्यूटी’ के चलते सभी अफसरों के लिए होम जोन या होम स्टेट पोस्टिंग मिलना संभव नहीं था। बहुत से अफसर ऐसे भी हैं, जो लंबे समय से दूरवर्ती इलाकों में तैनात रहे हैं। उनके सेवाकाल में ऐसे कम अवसर आते हैं, जिनमें वे अपने गृह राज्य या उसके आसपास वाले राज्यों में कार्यरत रहे हों।
डॉ. महेश्वरी बताते हैं, हमें खुशी है कि सीआरपीएफ एक ऐसा बल है, जिसके सभी अधिकारी और जवानों ने खुद को देश के लिए समर्पित किया है। वे सदैव ‘देश सर्वप्रथम’ के कथन पर आगे बढ़ते हुए ड्यूटी देते हैं। हमारा भी फर्ज बनता है कि उनके लिए सकारात्मक नीतियां बनाकर उन्हें यथासंभव राहत देने करने का प्रयास करें। अभी तक यह होता रहा है कि ऐसे अफसर जो शांत क्षेत्र में या होम स्टेट के करीब तैनात हैं, अचानक किसी आवश्यक ड्यूटी के चलते उन्हें अपनी मूल बटालियन से नॉर्थ ईस्ट, नक्सल क्षेत्र या कश्मीर में भेज दिया जाता है। यदि वे अधिकारी हार्ड पोस्टिंग पर एक साल या उससे ज्यादा का समय बिताते हैं तो वह समय उनकी मूल बटालियन की पोस्टिंग में कम हो जाता है।
ऐसे में जो अधिकारी तीन साल के लिए अपने गृह राज्य या शांत पोस्टिंग पर तैनात होते हैं और वे बीच में हार्ड पोस्टिंग पर चले जाते हैं, तो उनका बाकी समय मूल बटालियन वाली पोस्टिंग में से कम हो जाता था। यानी कि उसे केवल दो साल ही शांत क्षेत्र की पोस्टिंग मिल पाती थी। अब इनकी तैनाती को कंपनी की मूवमेंट के हिसाब से यानी एक्चुअल डेप्लॉयमेंट के मद्देनजर काउंट किया जाएगा।
एक्चुअल डेप्लॉयमेंट के जरिए ही उनका पीपीएस बनेगा। डीजी डॉ. महेश्वरी के अनुसार, जो अफसर अपनी बटालियन से बीच में ही किसी दूसरी ड्यूटी पर बाहर चले जाते हैं तो ऐसे में उनकी होम पोस्टिंग का कार्यकाल कम हो जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। वह अधिकारी अपनी मूल तैनाती से जितने समय तक बाहर रहा है, उसे उतना ही अतिरिक्त समय मूल पोस्टिंग वाले क्षेत्र में दिया जाएगा। यानी उसका होम टाउन या होम जोन पोस्टिंग कार्यकाल बढ़ा देंगे।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.