उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती में एक से अधिक जिले से आवेदन करने वाले बीटीसी-टीईटी प्रशिक्षुओं को पहली काउंसिलिंग में नियुक्ति नहीं मिलेगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि ऐसे अभ्यर्थियों को किसी भी जनपद में पद उपलब्ध होने की स्थिति में द्वितीय काउंसिलिंग में ही उनके अभ्यर्थन पर विचार किया जाएगा।
15 दिसंबर 2016 को जब 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू हुई तो उसमें 51 जिलों में ही पदों का आवंटन हुआ था। 24 जिले जहां शून्य पद थे, वहां के बीटीसी प्रशिक्षुओं को यह सहूलियत दी गई थी की किसी भी एक जिले में प्रथम वरीयता देते हुए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इन 24 जिलों के कुछ अभ्यर्थियों ने गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर अनुचित लाभ लेने के लिए एक से अधिक जिलों से ऑनलाइन आवेदन कर दिया।
इससे उन बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी अभ्यर्थियों का नुकसान हुआ जिन्होंने दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एक ही प्रथम वरीयता जिले के लिए आवेदन किया था। पिछले दिनों भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू होने पर जब विभिन्न जिलों के बीएसए को इस तथ्य की जानकारी हुई तो उन्होंने सचिव को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया। इस पर सचिव संजय सिन्हा ने बुधवार को स्थिति स्पष्ट की।
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