राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को प्राचार्य करेंगे प्रेरित- राज्यमंत्री श्री परमार, हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यो का तीन दिवसीय एक्सपोज़र विजिट और कार्यशाला सम्पन्न
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री Inder Singh Parmar ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करने का दायित्व शिक्षकों और प्रचार्यों का है। छात्रों को रोजगार के नए क्षेत्रों और कोर्सेज के बारे में बताए जाने की आवश्यकता है। मंत्री श्री परमार आज स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य की तीन दिवसीय एक्सपोज़र विजिट एवं कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 75 हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों को 28 से 30 अक्टूबर तक भोपाल से राष्ट्रीय संस्थानों का एक्सपोजर विजिट कराया गया। श्री परमार ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को भी राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों का भ्रमण कराने की कार्य-योजना पर कार्य किया जाना चाहिए, ताकि छात्र स्वयं के अनुभव से सीखे और अपने भविष्य के बारे में निर्णय लें। श्री परमार ने सभी प्राचार्यो से सभी छात्रों को भ्रमण कराये गए राष्ट्रीय संस्थानों के कोर्स और उसमें प्रवेश लेने की प्रक्रिया के बारे में बताने का आग्रह किया।
श्री परमार ने कहा कि विद्यार्थियों को सामाजिक रूप से प्रचलित कैरियर विकल्पों के अलावा वर्तमान में प्रासंगिक और नवीन तकनीकी कोर्स की जानकारी दी जानी आवश्यक है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ‘आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और आत्म-निर्भर भारत’ का सपना साकार हो सकेगा। श्री परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था में अमूल-चूल परिवर्तन आएगा। इसके क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक विचार और मानसिकता से कार्य करने की आवश्यकता है। श्री परमार ने कौटिल्य जैसे महान शिक्षक का उदाहरण देते हुए प्राचार्य को प्रोत्साहित किया और कहा कि जिस तरह कौटिल्य ने समाज को एकत्रित कर राष्ट्र निर्माण किया, उसी तरह समाज में उच्च मूल्य और आदर्श स्थापित करने की अहम जिम्मेदारी आप सभी की है। इस मनोयोग से कार्य करें कि भविष्य में जब इतिहास लिखा जाए तब शिक्षकों की भूमिका के बिना इतिहास का वर्णन अधूरा लगे।
स्कूली विद्यार्थियों को रुचि अनुसार भविष्य के अवसर प्रदान करना विभाग का दायित्व
प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा कि प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों को रुचि अनुसार भविष्य के अवसर प्रदान करना विभाग का दायित्व है। प्रतिभा हर बच्चे में होती है मगर प्रतिभा के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर सभी बच्चों को नहीं मिलते हैं। अगर रुचि अनुसार अवसर और मार्गदर्शन प्राप्त हो तो सभी बच्चे आसमान छू सकते हैं। श्रीमती शमी ने कहा कि विभाग का प्रयास है कि कम से कम प्रदेश में स्थित विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों के पाठ्यक्रमों और उनमे प्राप्त होने वाले अवसरों की जानकारी प्रदेश के बच्चों को प्राप्त हो और हमारे स्कूल उन्हें इन संस्थानों में प्रवेश हेतु तैयार कर सकें। यह कार्यशाला और एक्सपोजर विजिट इसी कड़ी में एक प्रयास है।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट के प्रोफेसर श्री एन.आर. मंडल ने कहा कि वे स्वयं झारखंड के देवघर में छोटे से स्कूल में पढ़ते थे। उस समय उन्हें उच्च शिक्षा और रोजगार के इतने अवसरों से परिचय नहीं था। स्कूल शिक्षा विभाग की यह कार्यशाला और विजिट का कार्यक्रम प्रदेश के दूरस्थ इलाकों के विद्यार्थियों को वो सभी जानकारियाँ प्रदान करेगा जो उनके भविष्य निर्माण में सहायक होंगी।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री के.जी. सुरेश ने स्कूल शिक्षा विभाग की इस पहल को वर्तमान समय की आवश्यकता अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के मार्गदर्शन और प्राचार्यों के सहयोग के लिए विश्वविद्यालय भी कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रमों का आयोजन जिला स्तर पर करने का प्रयास करेगा। सीपेट के प्रिंसिपल डायरेक्टर श्री संदेश कुमार जैन और अनेक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कार्यशाला के महत्व और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सहभागी प्राचार्यों के द्वारा कार्यशाला एवं भ्रमण किये गए संस्थानों के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लगभग 90 हायर सेकंडरी विद्यालयों के प्राचार्य इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन सुभाष उत्कृष्ठ विद्यालय भोपाल के प्राचार्य श्री सुधाकर पाराशर ने किया।
एक्स्पोज़र विजिट और कार्यशाला में प्राचार्यों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, होटल प्रबंधन खानपान प्रौद्योगिकी एवं पोषण आहार संस्थान, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय, केंद्रीय पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थान, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान का भ्रमण कराया गया एवं संस्थान में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रम एवं कोर्स के संबंध में जानकारी दी गई।
अपर संचालक लोक शिक्षण श्री धीरेंद्र चतुर्वेदी, संभागीय संयुक्त संचालक श्री राजीव तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री नितिन सक्सेना सहित संबंधित विभागीय अधिकारी एवं प्राचार्य उपस्थित रहे।
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