नई दिल्लीः सरकार हमेशा से किसानों की कमाई को बढ़ाने के लिए नई-नई स्कीमें लाती रहती है, ताकि उन पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े. किसान सम्मान निधि से लेकर कई सारी ऐसी योजनाएं हैं, जिनके जरिए किसान भाई खेती के अलावा भी अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं. अब सरकार किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए फॉर्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) के तौर पर एक योजना लेकर के आई है, जिससे अपनी खेती करने के साथ ही दूसरों की मदद भी कर सकते हैं.
क्या है ये योजना
किसानों के लिए फॉर्म मशीनरी बैंक बनाया गया है. आजकल खेती बिना मशीनों के कर पाना असंभव है. लेकिन प्रत्येक किसान खेती-बाड़ी में प्रयुक्त होने वाली मशीनों को नहीं खरीद सकता है.
सरकार ने किराये पर मशीनों की उपलब्धता बढ़ाने के फॉर्म मशीनरी बैंक का गांवों में गठन किया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने वेबसाइट, मोबाइल ऐप के जरिए किसान समूहों का गठन किया है.
सरकार दे रही है 80 फीसदी सब्सिडी
नौजवान फार्म मशीनरी बैंक खोलकर नियमित और अच्छी इनकम का जरिया खड़ा कर सकते हैं. खास बात ये है कि फार्म मशीनरी बैंक के लिए सरकार 80 फीसदी सब्सिडी के साथ कई और तरह की मदद भी कर रही है.
20 फीसदी लगाना होगा पैसा
केंद्र सरकार देशभर में ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’ (Custom Hiring Centre) बनाये जाने को प्रोत्साहन दे रही है और 50 हजार से ज्यादा ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’ बनाए भी जा चुके हैं. फार्म मशीनरी बैंक के लिए किसान को कुल लागत का महज 20 फीसदी पैसा ही लगाना होगा. क्योंकि, लागत का 80 फीसदी पैसा सब्सिडी के तौर पर वापस किसान को मिल जाएगा. सब्सिडी 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक दी जाएगी.
तीन साल में केवल एक बार सब्सिडी
किसान अपने फार्म मशीनरी बैंक में सीड फर्टिलाइजर ड्रिल, प्लाउ, थ्रेसर, टिलर, रोटावेटर जैसी मशीनों को अनुदान पर खरीद सकता है. कृषि विभाग की किसी भी योजना एक मशीनरी पर तीन साल में केवल एक बार ही सब्सिडी दी जाएगी. एक साल में किसान तीन अलग-अलग तरह के यंत्र या मशीनों पर अनुदान ले सकता है.
ऐसे करें अप्लाई
फार्म मशीनरी बैंक के लिए किसानों को अनुदान के लिए अपने इलाके के ई-मित्र कियोस्क पर एक तय फीस देकर आवेदन करना होगा. अनुदान के लिए एप्लीकेशन के साथ फोटो, मशीनरी के बिल की कॉपी, भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाते की पास बुक की फोटो कॉपी समेत कुछ और दस्तावेज जमा करने होते हैं.
फिलहाल राजस्थान में शुरू हुई स्कीम
राजस्थान में इस योजना के तहत सभी वर्ग के किसानों को फायदा दिया जाएगा. हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओ, बीपीएल कार्ड धारक और छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाती है. इस योजना के तहत ‘पहले आओ पहले पाओ’ के अनुसार किसानों को अनुदान राशि दी जाएगी.
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