केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डः 59.43 प्रतिशत छात्र सफल, 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के परिणाम घोषित
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डः 59.43 प्रतिशत छात्र सफल, 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के परिणाम घोषित सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘12 वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के परिणामों की घोषणा कर दी गई है, जो 10 अक्टूबर तक करने की योजना थी, ताकि छात्र मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में आगे की पढ़ाई कर सकें। परिणामों की घोषणा आठ दिनों के रिकार्ड समय में की गई है। ’’केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12 वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिये। इसमें 59.43 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं।
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘12 वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के परिणामों की घोषणा कर दी गई है, जो 10 अक्टूबर तक करने की योजना थी, ताकि छात्र मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में आगे की पढ़ाई कर सकें। परिणामों की घोषणा आठ दिनों के रिकार्ड समय में की गई है। ’’
इस परीक्षा के लिये कुल 1.16 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 1.05 लाख छात्र परीक्षा में बैठे। इनमें 87,849 छात्र पूरक परीक्षा में शामिल हुए, जबकि शेष छात्र अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिये इसमें शामिल हुए।
नवीनतम शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक कॉलेजों में नये छात्रों के लिये सत्र एक नवंबर से शुरू होगा और नामांकन प्रक्रिया अक्टूबर में संपन्न हो जाएगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सख्त एहतियात के बीच देश भर में 1,268 केंद्रों पर 22 सितंबर को 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं की कंपार्टमेंटल परीक्षा शुरू हुई थी।
सीबीएसई के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा शुल्क माफी के लिये न्यायालय में याचिका
कोविड-19 महामारी और इसकी वजह से अभिभावकों की वित्तीय समस्याओं के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में एक अपील दायर करके 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्देश सीबीएसई और दिल्ली सरकार को देने अनुरोध किया गया है। ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ नाम के गैर सरकारी संगठन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के खिलाफ यह अपील दायर की है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में दिल्ली की आप सरकार और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कहा था कि इस जनहित याचिका को प्रतिवेदन मानते हुये इस पर कानून, नियमों और सरकार की नीतियों के अनुसार तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लें। अपील में कहा गया है कि लॉकडाउन और महामारी की वजह से अभिभावकों की आमदनी या तो खत्म हो गयी है या फिर इतनी कम हो गयी है कि उनके लिये अपने परिवार का दो समय पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है। अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के आदेश ने देश में 30 लाख और अकेले दिल्ली में तीन लाख छात्रों को राहत से वंचित कर दिया है।
अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया है कि सीबीएसई को या तो परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्देश दिया जाये या फिर देश में केन्द्र को पीएम केयर्स फण्ड से इस धन का भुगतान करना चाहिए। अपील में कहा गया है कि दिल्ली के छात्रों के लिये आप सरकार को भी ऐसा ही करने का निर्देश दिया जाये। अपील में कहा गया है कि 2018-19 तक 10वीं और 12वीं की सीबीएसई की परीक्षा का शुल्क न्यूनतम था लेकिन 2019-20 से बोर्ड ने इसमे कई गुणा वृद्धि कर दी है।
बोर्ड ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिये 10वीं के छात्रों से 1500 से 1800 रूपए और 12वीं कक्षा के छात्रों से 1500 से 2400 रूपए परीक्षा शुल्क की मांग की है। यह धनराशि उनके विषयों की संख्या और प्रैक्टिकल आदि पर निर्भर है।
अपील के अनुसार दिल्ली सरकार ने पिछले साल 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा शुल्क का भुगतान सीबीएसई को किया था लेकिन 2020-21 में वित्तीय संकट का हवाला देते हुये उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया है। गैर सरकारी संगठन ने कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में सीबीएसई को परीक्षा शुल्क माफ करने या विकल्प के रूप में केन्द्र सरकार को पीएम केयर फण्ड या दूसरे उपलब्ध स्रोतों से इसका भुगतान करने का निर्देश दिया जाये।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.