education

11 बड़े फैसले लेने जा रही है मोदी सरकार सभी की नजरें संसद पर टिकी जानिए कौन से फैसले ले सकती है मोदी सरकार

सितंबर के दूसरे सप्ताह में संसद के मानसून सत्र की शुरूआत के संकेत के साथ सरकार पर 11 अध्यादेशों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का दबाव है। संसद का यह सत्र पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच होने वाला है, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी।
दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले ही इन 11 अध्यादेशों को संसद के आगामी सत्र में पारित किया जाना जरूरी है।

इनमें से प्रमुख अध्यादेशों का जिक्र करें तो इनमें संसदीय कार्य मंत्रालय से जुड़ा मंत्रियों का वेतन और भत्ते (संशोधन) अध्यादेश शामिल है, जिसे नौ अप्रैल, 2020 को जारी किया गया। ये अध्यादेश मंत्रियों का वेतन और भत्ते एक्ट, 1952 में संशोधन करता है।

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश को 22 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। ये अध्यादेश महामारी रोग एक्ट 1897 में संशोधन करता है। इसमें खतरनाक महामारी की रोकथाम से संबंधित प्रावधान है।

कहानी कोरोना से जंग जीतने वाले राजेश कुमार आसावरा की (दास्तान खुशियों की ) -जनसंपर्क विभाग mp(Opens in a new browser tab)

अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश, 2020

वहीं अगर तीसरे संशोधन की बात करें तो यह उपभोक्ता मामले एवं खाद्य वितरण मंत्रालय का अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) अध्यादेश, 2020 है, जिसे पांच जून 2020 को जारी किया गया था। उक्त अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट 1955 में संशोधन करता है। इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का ही किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को पांच जून, 2020 को जारी किया गया था, जिसे पारित किया जाना है। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 को पांच जून 2020 को जारी किया गया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश 2020 को 24 अप्रैल, 2020 को जारी किया गया। उक्त अध्यादेश होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल एक्ट 1973 में संशोधन करता है। सरकार ने वित्त मंत्रालय के टैक्सेशन और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश, 2020 को 31 मार्च, 2020 को जारी किया था, जिसे पारित किया जाना है। वहीं दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को छह जून को घोषित किया गया था और 26 जून को घोषित बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश को रखा गया है। इन अध्यादेशों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है और साथ ही कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों के कल्याण के माध्यम से ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना है।

मानसून सत्र में पारित नहीं होने पर इनमें से लगभग पांच से छह अध्यादेश समाप्त हो जाएंगे। अध्यादेश अस्थायी कानून हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर प्रख्यापित किया जाता है, जिसका संसद के अधिनियम के समान प्रभाव होगा। अध्यादेश का छह महीने का जीवन होता है और जिस दिन से सत्र शुरू होता है, उसे एक विधेयक द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए, जिसे छह सप्ताह के भीतर संसद द्वारा पारित किया जाना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है।

Join whatsapp for latest update

Join telegram
Show More

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|