प्रधानमंत्री आवास योजना लोअर मिडिल और मिडिल क्लास के लोगों के घर के सपने को पूरा करने के लिए शुरू की गई स्कीम पीएम आवास योजना का लोग जमकर फायदा ले रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति पहली बार अपना घर लेता है तो इस स्कीम के तहत लोन के ब्याज पर राहत मिलती है। लेकिन इससे जुड़े कई नियम भी हैं, जिनका पालन न करने पर आप पूरी छूट गंवा सकते हैं। जैसे यदि आप लोन बैलेंस किसी और बैंक में ट्रांसफर कराते हैं तो फिर लोन पर मिली छूट खत्म हो जाएगी।
आइए जानते हैं, पीएम आवास योजना के तहत लोन पर मिलने वाली छूट पर क्या हैं नियम.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगर आपने अपने लोन बैलेंस को किसी और बैंक में ट्रांसफर किया है तो आपको मिल रहा इस योजना का लाभ खत्म हो जाएगा।
ध्यान रखिए कि इस योजना के तहत सब्सिडी का मूल्यांकन पूरी अवधि के लोन अमाउंट के आधार पर किया जाता है। लोन के बैलेंस ट्रांसफर का सीधा अर्थ यह है कि आपके लोन को दूसरा बैंक अदा करेगा और आपका अकाउंट ट्रांसफऱ हो जाएगा। लोन की यह अदायगी प्रीपेमेंट मानी जाती है, ऐसे में लोन के ब्याज पर आपको सब्सिडी नहीं मिलेगी। मान लीजिए कि आपने किसी बैंक से 2018 में लोन लिया तो आपकी पात्रता 9 लाख रुपए पर सिर्फ 2 वर्ष की सब्सिडी की होगी यानी आपकी सब्सिडी पात्रता कम हो जाएगी।
इसका मतलब आपको ना सिर्फ लोन चुकाना होगा बल्कि बाकी के 18 वर्षों के लिए अनयूटिलाइज्ड सब्सिडी भी चुकानी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को पहला पक्का घर बनाने वाले परिवारों को लाभ दिया जाता है। इस योजना के तहत एक परिवार को सिर्फ एक बार ही लाभ लिया जा सकता है। अगर आवेदक के पति/पत्नी या बच्चे के नाम से देश में कहीं भी कोई पक्का मकान है तो उसे PMAY का लाभ नहीं मिल सकता। 25 जून 2015 को केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी।
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की उम्र 21 से 55 साल होनी चाहिए। अगर आवेदक की उम्र 50 साल से ज्यादा है तो उसके कानूनी वारिस को होम लोन में शामिल किया जायेगा।
EWS के लिए सालभर की आमदनी 3 लाख रुपये तय की गई है। कम आय वर्ग (LIG) के लिए वार्षिक आमदनी 3 लाख से 6 लाख के बीच होनी चाहिए। 12 और 18 लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वाले लोग भी MIG के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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