PM Kisan Samman Nidhi Scheme के तहत 12-12 हजार रुपये किसानों को मिले
दिल्ली. एग्रीकल्चर बिल (Agriculture Bill-2020) पर घिरी मोदी सरकार को विपक्ष और कुछ किसान संगठन एंटी फार्मर साबित करने में तुले हुए हैं. लेकिन यह सच है कि किसानों के हाथ में खेती के लिए डायरेक्ट यानी बिना बिचौलियों के आर्थिक सहयोग देने वाली यह पहली सरकार है. देश के 3 करोड़ 71 लाख किसान ऐसे हैं जिनके बैंक अकाउंट में पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत अब तक 12-12 हजार रुपये की रकम पहुंचाई जा चुकी है. ये वो किसान हैं जिन्हें योजना की शुरुआत से लाभ मिल रहा है और रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी नहीं है. जबकि इसके कुल लाभार्थी 11 करोड़ से अधिक हो चुके हैं.स्कीम के तहत अब तक 93 हजार करोड़ रुपये की रकम बांटी जा चुकी है.
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने राजनीतिक कारणों से अब तक यह स्कीम लागू नहीं की है, जिसकी वजह से वहां के एक भी किसान को लाभ नहीं मिला है. राज्य सरकार की रोक के बावजूद पश्चिम बंगाल के 12 लाख किसानों ने इस स्कीम के तहत आवेदन किया है, लेकिन मोदी सरकार (Modi Government) चाहकर भी उन्हें पैसा नहीं भेज पा रही है. जबकि वहां 71 लाख किसान परिवार हैं. बाकी सभी राज्यों ने इस योजना के तहत अपने-अपने किसानों को भरपूर पैसा दिलाने की कोशिश की है.
किन राज्यों को मिला सबसे अधिक लाभ
तमाम कृषि विशेषज्ञों की राय है कि किसानों को सीधी मदद से उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सकती है. दिसंबर 2018 में मोदी सरकार ने इसी दिशा में एक कदम उठाया और सभी किसानों को सालाना 6000-6000 रुपये देने की शुरुआत की.
इसके तहत सबसे ज्यादा 12,000-12,000 रुपये का फायदा पौने चार करोड़ किसानों को मिला है.
इनमें बीजेपी, कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियों के शासन वाले सूबे भी शामिल हैं.
PM Kisan Samman Nidhi Scheme के तहत 12-12 हजार रुपये किसानों को मिले
सबसे ज्यादा फायदा लेने वाले टॉप-10 राज्य
उत्तर प्रदेश: 1,11,60,403 लाभार्थी (बीजेपी शासित)
महाराष्ट्र: 35,59,087 लाभार्थी (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस)
आंध्र प्रदेश: 31,15,471 लाभार्थी (वाईएसआर कांग्रेस का शासन)
गुजरात: 29,02,483 लाभार्थी (बीजेपी शासित)
तमिलनाडु: 25,94,512 लाभार्थी (एआईएडीएमके)
राजस्थान: 24,77,975 लाभार्थी (कांग्रेस का शासन)
तेलंगाना: 24,22,519 लाभार्थी (टीआरएस शासित)
केरल: 23,65,414 लाभार्थी (सीपीआई-एम शासित)
पंजाब: 11,88,202 लाभार्थी (कांग्रेस का शासन)
हरियाणा: 10,66,730 लाभार्थी (बीजेपी शासित)
किसानों तक इस तरह पहुंचता है पैसा
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यह 100 परसेंट केंद्रीय फंड की स्कीम है. लेकिन कृषि स्टेट सबजेक्ट है,
इस वजह से लाभ तब तक नहीं मिलेगा जब तक कि राज्य सरकार अपने
किसानों के रिकॉर्ड को वेरीफाई न कर दे.
किसान जब इस स्कीम के तहत आवेदन करता है तो उसे रेवेन्यू रिकॉर्ड, आधार नंबर और बैंक अकाउंट (Bank Account) नंबर देना होता है. इस डाटा को राज्य सरकार वेरीफाई करती है.
जितने किसानों का डाटा वेरीफाई हो जाता है,
राज्य सरकार उनका फंड ट्रांसफर रिक्वेस्ट जनरेट करके केंद्र को भेजता है.
केंद्र सरकार इस रिक्वेस्ट के आधार पर उतना पैसा राज्य सरकार के बैंक अकाउंट में भेजती है. फिर राज्य सरकार के अकाउंट के जरिए पैसा किसानों तक पहुंच जाता है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक एक भी किसान का डेटा वेरीफाई करके सरकार के पास नहीं भेजा है. इसलिए तकनीकी तौर पर मामला फंसा हुआ है और आवेदन के बाद भी पैसा नहीं भेजा जा रहा.
पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ाने की मांग
PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत 12-12 हजार रुपये किसानों को मिले
कृषि मामलों के जानकार बीके आनंद कहते हैं कि जब से किसानों को नगद सहायता दी जा रही है तब से उनकी आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है.
वरना केंद्र या राज्य सरकारों का भेजा पैसा फाइलों के जरिए नेताओं और अधिकारियों के घर पहुंच जाता था.
अच्छा ये होगा कि आगे उवर्रक व अन्य सब्सिडी (Subsidy) भी सीधे किसानों के खाते में दी जाए. इससे कालाबाजारी रुकेगी, किसानों को फायदा मिलेगा और सरकारी धन की बचत भी होगी. सारी सब्सिडी बंद करके पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा सालाना 24 हजार रुपये कर दिया जाए तब भी किसानों की दशा सुधर सकती है,
क्योंकि यह पैसा भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों के घर जाना बंद हो जाएगा.
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