जयपुर: राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 में साक्षात्कार से ठीक पहले 227 पदों को कम करने के चलते 227 अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह गए और अब नियुक्ति से वंचित अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. वंचित अभ्यर्थियों के समर्थन में प्रदेश के 75 विधायक पत्र लिख चुके हैं तो वहीं 7 मंत्रियों ने भी इनकी पीड़ा समझ सरकार को पत्र लिखा.
साथ ही पुलिस आईजी ने भी खाली पदों को देखते हुए 227 पदों को फिर से जोड़ने की अनुसंशा की है, लेकिन 90 दिन बीत जाने के बाद भी इन वंचित अभ्यर्थियों की समस्या दूर होने का नाम नहीं ले रही है.
गौरतलब है कि साल 2016 में पुलिस उपनिरीक्षक के 330 पदों पर भर्ती विज्ञप्ति निकाली गई थी.६ साल बाद निकली भर्ती में बेरोजगारों को बड़ी राहत देते हुए पदों की संख्या बढ़ाकर 721 कर दी गई, लेकिन बात जब साक्षात्कार तक पहुंची तो भर्ती से 227 पदों को कम करते हुए पदों की संख्या 511 कर दी गई, जिसके चलते 227 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह गए.
नियुक्ति से वंचित रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि “10 साल में दो बार ही भर्ती निकाली गई. 2010 में हुई भर्ती में उम्र पूरी नहीं कर पा रहे थे, तो वहीं इस बात परीक्षा पास कर साक्षात्कार में मेरिट में स्थान प्राप्त किया, लेकिन पदों को कम करने के चलते नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो गए.
ऐसे में अगर फिर से भर्ती लम्बे समय बाद आती है तो ओवरएज के चलते आवेदन नहीं कर पाएंगे. इसलिए सरकार को 227 बेरोजगारों के हितों को सोचते हुए फैसला लेना चाहिए, जिससे नौकरी की आस देख रहे बेरोजगारों को सपना पूरा हो सके.”
राजस्थान युवा हल्ला बोल प्रदेशाध्यक्ष ईरा बोस का कहना है कि “साक्षात्कार से ठीक पहले पदों को कम करने के लिए 227 चयनित अभ्यर्थी बाहर हुए. ऐसे में जब भी सरकार से गुहार लगाई जाती है
तो सिर्फ आश्वासन मिलता है, लेकिन कोई फैसला नहीं हो रहा. ऐसे में अगर जल्द चयनित अभ्यर्थियों को हितों में कोई फैसला नहीं आया तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.”
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