![Ssv संस्कृत विश्वविद्यालय में सभी विषयों के कोर्स में बदलाव,जानिए 4 Digital education portal default feature image](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2022/12/digital-education-portal-default-feature-image.png?fit=1200%2C630&ssl=1)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सभी विषयों के कोर्स में बदलाव होगा। उसे नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने की तैयारी है। यह परिवर्तन तीन महीने के भीतर करना है। यह फैसला गुरुवार को एकेडमिक काउंसिल (विद्या परिषद) की बैठक में लिया गया।
विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति को सिद्धांतत: स्वीकार कर लिया। बैठक में कुलपति ने नई शिक्षा के बार में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस नीति में संस्कृत को काफी महत्व दिया गया है। पहली बार किसी शिक्षा नीति में संस्कृत भाषा की इतनी चर्चा हुई है। कुलपति ने सभी संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों से कहा है कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम बनाएं।
तीन महीने के भीतर उस पर चर्चा कर उसका प्रारूप भेज दें। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में लंबे समय से पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं हुआ है।
एकेडमिक काउंसिल की बैठक में डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) एजुकेशन कोर्स शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह कोर्स फिलहाल महाविद्यालयों के लिए शुरू किया जा रहा है। एक सम्बद्ध महाविद्यालय ने इस कोर्स को चलाने की मांग की थी। विश्वविद्यालय से मान्यता न मिलने के कारण यह मामला हाईकोर्ट में चला गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस मामले पर विचार हुआ।
अंकपत्र में फर्जीगिरी कर शास्त्री में दाखिला लेने वाले एक पूर्व छात्र की उपाधि निरस्त करने की परीक्षा समिति की संस्तुति को भी एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी प्रदान दे दी। मामला 2009 का है। इस छात्र का इंटर में 40 फीसदी अंक था, जबकि दाखिले के लिए 45 फीसदी अंक होना जरूरी था। उक्त छात्र ने इंटर के अंकपत्र में हेराफेरी कर उसे 48 फीसदी कर दिया। किसी ने इस मामले की शिकायत कर दी।
विश्वविद्यालय ने मामले की जांच की तो फर्जीगिरी पकड़ी गई। अब यह मामला कार्यपरिषद में जाएगा। इसके अलावा दर्शन संकाय के बोर्ड आफ स्टडीज की संस्तुतियों को स्वीकार कर लिया गया।
कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुलसचिव राजबहादुर, प्रो.रमेश कुमार द्विवेदी, प्रो. देवी प्रसाद द्विवेदी, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. केसी दुबे, प्रो. रामपूजन पांडेय, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो.शशिरानी मिश्र आदि शामिल थीं।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.