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मध्यप्रदेश पुरानी पेंशन की मांग हुई तेज : प्रदेशभर के विधायकों ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र , कर्मचारी संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, 4 मार्च को सभी जिलों में दिया जाएगा ज्ञापन

राजस्थान सरकार द्वारा 2004 के बाद नियुक्त हो गए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा के पश्चात अब पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही हैं। आपको बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में राज्य के ऐसे कर्मचारी जो कि 2004 के बाद शासकीय सेवा में आए हैं उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा की गई है इसके साथ ही झारखंड सरकार ने भी अब अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की घोषणा कर दी है। अब मध्य प्रदेश में भी कर्मचारी संगठन एकजुट होकर पुरानी पेंशन की मांग के लिए आंदोलन की राह पर है।

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मध्यप्रदेश पुरानी पेंशन की मांग हुई तेज : प्रदेशभर के विधायकों ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र , कर्मचारी संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, 4 मार्च को सभी जिलों में दिया जाएगा ज्ञापन 25

आपको बता दें कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में 2004 के पश्चात नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन पेंशन योजना एनपीएस लागू की गई है । एनपीएस में कर्मचारियों का कटोत्रा होकर इस राशि को शेयर बाजार में निवेश किया जाता है जिसके आधार पर कर्मचारियों को लाभांश दिया जाता है।

2005 में बंद हुई थी पुरानी पेंशन

अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था. नई पेंशन योजना लागू की गई थी. केंद्र सरकार के बाद नई पेंशन योजना लागू करने में राज्य भी पीछे नहीं रहे. हालांकि, ये अनिवार्य नहीं था. यूनियन का मानना है कि उस वक्त कर्मचारी इस नई पेंशन योजना को समझ नहीं पाए, उन्हें ऐसा लगा था, जैसे यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा फायदा देगी, लेकिन ये भ्रम टूटा और पिछले कई सालों से नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया. आइये समझते हैं कि दोनों पेंशन स्कीम में आखिर अंतर क्या है..?

नई पेंशन योजना क्या है (What is New Pension Scheme – NPS) ?

पेंशन योजना (NPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी एक सामाजिक सुरक्षा पहल है। नई पेंशन व्यवस्था1 जनवरी 2004 या उसके बाद सशस्त्र बलों को छोड़कर सार्वजनिक, निजी और यहां तक ​​कि असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य योगदान है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा प्रशासित और रेगुलेट किया जा रहा है। हालाँकि एनपीएस स्कीम को वर्ष 2009 से सभी वर्गों के लोगो के लिए शुरू कर दी गयी थी, जिसमें कोई भी व्यक्ति पेंशन खाते में योगदान देकर इस स्कीम का लाभ उठा सकता है।

एनपीएस के अंतर्गत एक निर्धारित धनराशि प्रतिमाह कंट्रीब्यूट की जाती है और सेवानिवृत होने पर कर्मचारी कुल राशि का सिर्फ 60 फीसदी ही निकाल सकते है | जबकि शेष 40 फीसदी धनराशि से कर्मचारी को इंश्युरेंस कम्पनी का एन्यूटी प्लान खरीदना होता है | इस इंश्युरेंस प्लान पर प्रतिमाह मिलनें वाला ब्याज कर्मचारी को पेंशन के रूप में प्राप्त होता है | इसमें इस बात की कोई गारंटी नही होती है, कि कर्मचारी को पेंशन के रूप में प्रतिमाह कितनी धनराशि मिलेगी

OPS और NPS में क्या हैं अंतर ?

  • पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के लिए जीपीएफ (GPF) की सुविधा मिलती है, परन्तु नई पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा नही है |
  • ओपीएस में कर्मचारी को पेंशन देने के लिए उनके वेतन से किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाती है, जबकि एनपीएस में सैलरी से हर महीने 10 प्रतिशत की कटौती निर्धारित है |
  • पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के सेवानिवृत्त होनें पर अंतिम वेतन का 50 फीसद मिलने की गारंटी है, जबकि नई स्कीम में इस बात की कोई पुष्टि नही है कि आपको कितनी पेंशन मिलेगी | क्योंकि यह पूर्ण रूप से बीमा कम्पनी और शेयर मार्केट पर निर्भर है |   
  • पुरानी पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है जबकि नई स्कीम में कर्मचारी पेंशन के लिए बीमा कम्पनी पर निर्भर है |
  • किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में आप सरकार से लड़ सकते है, जबकि नई योजना में कर्मचारी को बीमा कम्पनी से लड़ना होगा |
  • ओपीएस में यदि कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के दौरान होती है, तो उन्हें डेथ ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये मिलते है, जबकि एनपीएस में डेथ ग्रेच्युटी जैसी कोई सुविधा नही है |
  • पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन और नौकरी की सुविधा मिलती है, जबकि न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन और नौकरी को समाप्त कर दिया गया है |
  • पुरानी स्कीम में पेंशनर को प्रत्येक 6 माह के पश्चात महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है, जबकि नई योजना में एक निर्धारित पेंशन ही मिलेगी |
  • ओपीएस योजना में पेंशनर जी0 पी0 एफ0 से ऋण लेने की सुविधा उपलब्ध है, जबकि एनपीएस में लोन की कोई सुविधा नही है |
  • ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारी को कोई टैक्स नही देना पड़ता है परन्तु एनपीएस स्कीम में रिटायरमेंट के दौरान सिर्फ 60% धनराशि मिलेगी और उस पर टैक्स लगेगा |
  • पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर मिलती है, लेकिन नई पेंशन योजना पूर्ण रूप से शेयर बाजार पर आधारित है |

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बनाई रणनीति

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आज दिनांक 26/02/2022 भोपाल में सम्पन्न हुई बैठक में कर्मचारियो अधिकारियों की मांगो पर विस्तार से चर्चा की गई । मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों की पदोन्नति भी सरकार द्वारा स्थगित कर दिया गया है एवं 11 प्रतिशत महगाई भत्ता पुरानी पेंशन की बहाली एवं अन्य मांगो के निराकरण नहीं किये जाने से प्रदेश के कर्मचारियों में काफी आक्रोश है एवं अन्य मांगों से संबंधित मुद्दों पर भी कर्मचारी नाराज हैं |

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Old Pension Scheme (OPS) क्या है ?

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2004 में एनपीएस अर्थात नेशनल पेंशन सिस्टम लागू किया गया था | लेकिन सरकार और कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर काफी लम्बे समय से संघर्ष जारी है | दरअसल कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को बहाल करने को लेकर लगभग 17 वर्षों से मुहिम चला रहे हैं | यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों के कर्मचारियों द्वारा इसके विरोध में धरना प्रदर्शन, आन्दोलन करते चले आ रहे है |

4 मार्च को जिलास्तर पर देंगे ज्ञापन

संयुक्त मोर्चा द्वारा शासन को बार बार पत्र प्रेषित कर माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं मुख्य सचिव महोदय से चर्चा हेतु आग्रह किया गया किन्तु शासन की तरफ से कोई संज्ञान नहीं लिया गया फलस्वरूप दिंनाक 4 मार्च 2022 को पुरे प्रदेश जिला कलेक्टरों को ज्ञापन दिया जावेगा यदि बजट सत्र में मांगो से सम्बन्धित आदेश नहीं किया गया तो मोर्चा आगामी आन्दोलन की रणनीति बनाएगा।

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मोर्चा की बैठक में शामिल कर्मचारी नेता सरंक्षक भुवनेश पटेल, अन्य पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति कर्मचारी संगठन विरेंद्र खोंगल सरंक्षक कर्मचारी कांग्रेस इंजीनियर अशोक शर्मा राजपत्रित अधिकारी संघ एल .एन . कैलासिया पेंशनर्स एसोसिएशन एसबी सिंह संयोजक मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जितेंद्र सिंह ,राजकुमार चंदेल महामंत्री राज्य कर्मचारी संघ महेंद्र शर्मा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष निहाल सिंह सरंक्षक लघु वेतन कर्मचारी संघ अनिल वाजपेई सरंक्षक निगम मंडल कर्मचारी महासंघ ,एमपी द्विवेदी मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ सतीश शर्मा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस सुरेंद्र सिंह सोलंकी मध्य प्रदेश नगर पालिका नगर निगम अधिकारी कर्मचारी संघ फिरोज खान राजस्व निरीक्षक संघ निर्मला पाटिल कृष्णा बैरागी अपाक्स संघ ,साबिर खान मध्य प्रदेश वाहन चालक यंत्रीकी संघ महावीर शर्मा कार्यकारी अध्यक्ष समग्र शिक्षक संयुक्त सुभाष शर्मा प्रवक्ता संयुक्त मोर्चा ने यह प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है।

पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली योजना संगठन एवं कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा, अन्य कर्मचारी संगठनों द्वारा दिए गए ज्ञापन के आधार पर मध्य प्रदेश के सैकड़ों विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए पत्र लिखा है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में भी अब पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर कर्मचारी सड़कों पर आने को तैयार है। कर्मचारियों की इस बड़ी मांग को देखते हुए अब मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश सरकार क्या निर्णय लेती है? यह दिलचस्प होगा।

इन विधायकों ने लिखे मुख्यमंत्री को पत्र

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