पिछले हफ्ते एनईईटी के एग्ज़ाम में शामिल होने वाली बिहार की एक छात्रा की कोरोना से मौत हो गई. मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले की छात्रा 13 सितंबर को पटना में एनईईटी का एग्ज़ाम देकर वापस लौटी थी जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसे मुज़फ़्फ़रपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती करवाया गया था लेकिन उसकी मौत हो गई. मौत के बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉज़िटिव आई है. छात्रा की मौत के बाद आरजेडी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. आरजेडी ने कहा कि यह मौत कोरोनावायरस से नहीं, इस देश के अहंकारी वायरस पीएम के कारण हुई है. हमने लगातर मांग की कि जेईई और नीट दोनों परीक्षाएं रद्द हों लेकिन सरकार अपनी आत्ममुग्धता में किसकी सुनती है?
देश की सरकार इस मौत की जिम्मेदार है .
यह मौत से नहीं, इस देश के अहंकारी के कारण हुई है।
हमने लगातर मांग की और दोनों परीक्षाएं रद्द हो। लेकिन सरकार अपनी आत्ममुग्धता में किसकी सुनती है? देश की सरकार इस मौत की जिम्मेदार है।
छात्रा के पिता के मुताबिक 13 सितंबर को परीक्षा देकर अपने गांव सकरा लौटने के बाद ही उसके पेट में दर्द के साथ तेज़ बुखार आया. फिर उसे कोविड अस्पताल में भर्ती कराकर कोरोना की जांच करवाई. मगर हालत बिगड़ने पर उसे एसकेएमसीएच अस्पताल रेफर कर दिया गया और वहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई. छात्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घर के बाक़ी लोगों की भी जांच की गई तो दो सदस्य संक्रमण की चपेट में मिले. मुज़फ़्फ़पुर के एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही ने कहा कि छात्रा का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक किया जाएगा.
मालमू हो कि जेईई और एनईईटी की परीक्षा टालने के लिए सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत तमाम विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से अपील की थी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था लेकिन इसके बावजूद परीक्षा नहीं टाली गई. इसके बाद एक सितंबर से 13 सितंबर के बीच लाखों छात्र जेईई मेन और एनईईटी की परीक्षा के लिए देशभर में बनाए गए केंद्रों पर पहुंचे. सरकार का दावा था कि छात्रों की जान की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं लेकिन मुज़फ़्फ़रपुर में छात्रा की मौत ने इस दावे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शिक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि जेईई मेन की परीक्षा में इस बार दो लाख छात्र ग़ैर हाज़िर रहे. कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी और बाढ़ की विभीषिका के चलते छात्र इस परीक्षा को छोड़ने के लिए मजबूर हुए. वहीं तमिलनाडु में जेईई और नीट की परीक्षा देने में नाकाम होने वाले 15 से ज्यादा छात्र ख़ुदकुशी भी कर चुके हैं.
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