MP TRANSFER POLICY 2022 विधानसभा चुनाव लगभग डेढ़ साल पहले एक बार फिर तबादलों से प्रतिबंध हटाने की तैयारी है। इस साल होने वाले तबादले इस कारण भी महत्वपूर्ण है कि अगले साल काफी तबादले चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर किए जायेगे जिसमे गृह जिले और 3 वर्ष अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को हर हाल में हटाया जाएगा।
प्रदेश में संभवतः 15 मई से 15 जून के बीच कर्मचारियों के स्थानांतरण किए जा सकेंगे। वर्ष 2022-23 की तबादला नीति अगली कैबिनेट में आने संभावना है। जीएडी द्वारा तैयार किए गए मसौदे के तहत बड़े विभागों में 5 फीसदी ही तबादले किए जा सकेंगे। सबसे पहले गंभीर अनियमितताओं और लापरवाही में दोषी कर्मचारियों को हटाया जाएगा।
MP TRANSFER POLICY 2022 संघ की नाराजगी से भी हटेंगे कुछ अफसर
संघ की नाराजगी से भी हटेंगे कुछ अफसर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले दिनों दिल्ली में बुलाई मप्र भाजपा कोर कमेटी की बैठक में कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी दर्ज कराई थीं। ऐसे अफसरों को भी सरकार फील्ड से हटाकर मुख्यालय अथवा लूपलाइन में भेज सकती हैं। इनमें कुछ बड़े अफसरों के नाम भी शामिल बताए जाते हैं।
अनुसूचित क्षेत्र के खाली पद पहले भरे जाएंगे : MP TRANSFER POLICY 2022
तबादला नीति में सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त पदों की पूर्ति करने ट्रांसफर होंगे। अनुसूचित क्षेत्रों में शत प्रतिशत पदों की पूर्ति होने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भरा जाएगा।
गंभीर शिकायत, लापरवाही पर हटेंगे अधिकारी
नई तबादला नीति में शासकीय सेवक के खिलाफ अत्यंत गंभीर शिकायत, अनियमितता और गंभीर लापरवाही में दोषी पाए जाने पर उन्हें हटाया जाएगा। इनमें कुछ जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, डीएसपी, एसडीएम आदि के नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में सीएम निर्देश दे चुके है कि लापरवाही करने वालों को बख्शे नहीं।
बड़े विभागों में 5 फीसदी होंगे ट्रांसफर
नीति में जिन विभागों में 2 हजार से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी पदस्थ है, जैसे गृह, फॉरेस्ट, स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य, उच्च शिक्षा आदि में 5 प्रतिशत ही कर्मचारियों के स्थानांतरण होंगे और जिन विभागों में 200 से लेकर 2 हजार तक कर्मचारी है, उनमें 10 प्रतिशत तथा जिन विभागों में मात्र 200 तक कर्मचारी 20 प्रतिशत तबादले हो सकेंगे।
करीब 40 से 50 हजार तबादले होंगे
सरकारी विभागों में 5.72 लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी कार्यरत हैं। इस हिसाब से करीब 40 से 50 हजार कर्मचारियों के ट्रांसफर होने की उम्मीद है। इनमें तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ अधिकारियों को भी बदला जाएगा। जीएडी ने वर्ष 2022 – 23 की तबादला नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे सीएम के पास पुनः भेजकर फिर कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
छह से ज्यादा कलेक्टर और एसपी की भी बदली जा सकती हैं जिम्मेदारियां
जीएडी सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन जिलों के कलेक्टर तथा एक दर्जन जिलों में एसपी भी बदले जा सकते हैं। करीब आधा दर्जन कलेक्टरों को लेकर तो सीएम भी नाराजगी जता चुके हैं। इन अफसरों की परफॉर्मेस पुअर मानी गई है। इनमें निवाड़ी, झाबुआ, उमरिया, भिड, सीधी, आदि जिले शामिल हैं। डीएसपी स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण तबादला बोर्ड से किए जाएंगे।
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