कान्हा में 0.2 और अमरकंटक में 1 डिग्री पर पहुंचा पारा। 55 साल बाद राजधानी भोपाल में पहली बार न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड।
पेड़- पौधों और पत्तियों पर जमी ओस की बूंदें, फसलों को पाला से नुकसान की आशंका
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में तीव्र शीतलहर चलने की संभावना
भोपाल(Digital Education Portal प्रतिनिधि)। उत्तरी हवा चलने के कारण पूरा प्रदेश ठिठुर रहा है। रविवार-सोमवार की रात पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया। कान्हा में पारा 0.2 और अमरकंटक में 1 डिग्री रिकार्ड किया गया। नौगांव, उमरिया और अमरकंटक में रात का पारा एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं ग्वालियर और चंबल संभाग के कई इलाकों में पारा दो डिग्री सेल्सियस से नीचे बना रहा। इससे पेड़- पौधों और पत्तियों पर ओस की बूंदें जमी देखी गईं। 55 साल बाद राजधानी भोपाल में पहली बार न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से 7.6 डिग्री कम रहा। फसलों को पाला से नुकसान की आशंका है।
प्रदेश में तेज ठंड का असर सामान्य जनजीवन पर भी देखने को मिल रहा है। रात नौ बजे बजते-बजते सड़कों पर अपेक्षाकृत लोग दिखाई नहीं दे रहा है। रात में यातायात करने से लोग बच रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के चारों महानगरों समेत अधिकतर जिलों में अगले दो तीन दिन ठंड का प्रकोप जारी रहेगा।
इसके चलते भोपाल, नर्मदापुरम(होशंगाबाद), इंदौर, उज्जैन, रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में तीव्र शीतलहर चलने की संभावना है। इसके अलावा रीवा संभाग के जिलों सहित जबलपुर, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, बैतूल, रायसेन, सीहोर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर एवं दतिया में दो दिन तक शीतल दिन रहेगा।
वहीं रीवा, उमरिया, छतरपुर, टीकमगढ़, मंडला, बालाघाट, सीहोर, भोपाल, रायसेन, भिंड, मुरैना, श्योपुरकला, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, दतिया में कहीं-कहीं पाला पड़ने की भी आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं, जिसका असर मध्य प्रदेश में भी दिख रहा है। इंदौर में 6.5 डिग्री, ग्वालियर में 1.8 डिग्री, जबलपुर में 4.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकार्ड किया गया। वहीं अधिकतम तापमान की बात की जाए तो इंदौर में 23.3, ग्वालियर में 23 व जबलपुर में 22.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया है।
खेतों में धुआं करने व ग्लूकोज के छिड़काव की सलाह
कृषि विज्ञानियों ने रबी की फसल खासकर अगेती के चने की फसल को पाला से नुकसान की आशंका जताई है। जल्द बोवनी वाली दलहनी फसल में फूल आ चुके हैं। पाला पड़ने से फूल मुरझा जाएंगे। इसी तरह मटर की फसल को भी ओस से नुकसान होगा। विज्ञानियों ने इसके लिए खेतों में धुआं करने व ग्लूकोज के छिड़काव की सलाह दी है।
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