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MP में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीतिj 2020, CM शिवराज ने की राज्य शोध ज्ञान फाउंडेशन स्थापित करने की घोषणा, कुलपतियों को दी ये हिदायत…

भोपाल। मध्य प्रदेश में आज गुरुवार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ हो गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में सभी पहलुओं पर भोपाल स्थित मिंटो हॉल में चर्चा की गई. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगू भाई पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव समेत कई शिक्षाविद शामिल हुए. प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो गई है. वहीं सीएम ने मध्यप्रदेश में राज्य शोध ज्ञान फाउंडेशन स्थापित करने की घोषणा की है.

MP नई शिक्षा नीति लागू

बता दें कि मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है. यह नई नीति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए लागू हो गई है. इसकी घोषणा राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर दी है. कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और प्रचार भी शामिल हुए.

शिक्षा नीति लागू होना गर्व की बात: CM

इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति आज से लागू कर रहे हैं यह गर्व की बात है. नई शिक्षा नीति के बारे में अनेक प्रयास हुए. विद्यार्थियों के जीवन को बदलने वाली नई शिक्षा नीति बनी है. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा वह है जो मुक्ति दिलवाए, इस लोक में भी और परलोक में भी. मुक्ति का मतलब संपूर्णता प्रदान करें. जीवन की सारी आवश्यकताओं को व्यवहारिक रूप से पूरा करें और अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने में सहयोगी हो.

नई शिक्षा नीति रोजगार- कौशल देने वाली: CM

शिवराज सिंह ने कहा कि शिक्षा वो जो मनुष्य को मनुष्य बना दें. नई शिक्षा नीति में संपूर्ण ज्ञान है. नई शिक्षा नीति में फिजिक्स केमिस्ट्री पढ़ते हुए भी हिंदी और संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर सकतें हैं ये अनुमति देती है. बांध नहीं सकते डिग्री करते हुए, बाध्यता नहीं है. एक गाइड पढ़ लेना शिक्षा नहीं है. पढ़ने के बाद रोजी-रोटी नहीं कमा सके तो उस शिक्षा का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कुंठा का शिकार हो रहे थे. शिक्षा आजीविका प्रदान करने का सामर्थ्य नहीं दे सके वो शिक्षा का क्या मतलब. नई शिक्षा नीति रोजगार और कौशल देने वाली शिक्षा है.

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किसी बच्चे के बिगड़ने पर शिक्षक होगा जिम्मेदार

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि पढ़ने के बाद विद्यार्थी ड्रग्स लेता हो चरित्रवान ना हो ऐसी शिक्षा का क्या मतलब. चरित्रवान हो देशभक्त हो, नैतिकता हो, बेटियों की इज्जत करना जानता हो उसे ही शिक्षित कहेंगे. केवल डिग्री लेने से शिक्षित नहीं होते. कोई बच्चा बिगड़ा तो दोष उसका नहीं समाज का है शिक्षा देने वालों का है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सबकी चिंता की गई है. 5 C का मतलब क्रिटिकल थिंकिंग क्रिएटिविटी, क्यूरोसिटी, कम्युनिटी है. जो शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा करना है.

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कुलपतियों को CM दी हिदायत

शिवराज सिंह ने इस मौके पर वाइस चांसलरों को उनके कामों को लेकर भी हिदायत दी है. सीएम ने कहा कि वाइस चांसलर के नाम शिक्षा दिए जाने और मॉनीटिरिंग जरूरी है. विश्वविद्यालय रिसर्च का केंद्र होना चाहिए. विश्व विद्यालय उद्योगों के साथ मिलकर काम करें. जिससे हम शिक्षा को और सार्थक बना सकें. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के हरसंभव उपाय करेंगे.

IMP में शिक्षा नीति का पालन होना चाहिए: राज्यपाल

इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने भी संबोधित किया. राज्यपाल ने कहा कि जो नई शिक्षा नीति आई है उसका पालन होना चाहिए. तक्षशिला नालंदा विद्यापीठ जैसी शिक्षा संस्थान देश में थे. इस विद्यापीठ में बाहर से भी लोग पढ़ने के लिए आते थे. मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने के हर संभव प्रयास होना चाहिए. इस कार्यशाला के आयोजन के साथ ही काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा को जीवन में उपयोगी एवं दायित्व पूर्ण बनाकर हम देश के विकास और सुपर पावर बनाने का अवसर दिया है. छात्रों के लिए शिक्षा सुगम हो. छात्रों को उनकी पसंद और जरूरत के अनुसार ऑनलाइन कार्यक्रमों की व्यवस्था हो. वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल शिक्षा व्यवस्था होने की मांग हैं. शिक्षा को रोजगार आधारित बनाने के लिए कौशल उन्नयन की जरूरत है.

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया है. मंत्री यादव ने कुलपतियों, टास्क फोर्स कमेट को भी धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चा हुई, कोरोना काल में थोड़ा कठिन था. नई शिक्षा नीति का अर्थ रोजगार जोड़ने का काम हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि नई शिक्षा नीति में झांसी की रानी के साथ-साथ रानी अहिल्या बाई, भील टनटा बिरसा मुंडा, रानी अवंती बाई की जीवनी को भी जगह दी है. इतिहास को स्वर्णिम अध्याय में रचाने की कोशिश की है यह गर्व की बात है. इसी साल कृषि का अध्याय भी शुरू करने का प्रयास करेंगे.

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