राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लगी रोटेशन की प्रक्रिया समाप्त होगी। शिक्षकों को अब हर दिन स्कूल आना होगा। इसके लिए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने निर्देश दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि शिक्षकों की रोटेशन प्रणाली सबसे पहले खत्म की जाए।
शिक्षक गांव में किसी पेड़ के नीचे, खुले स्थान पर या फिर घर-घर जाकर बच्चों की समस्याओं का हल करें। बच्चों को किताबें दी जा चुकी है ऐसे में उन्हें जो कुछ समझ में नहीं आ रहा है उसका समाधान करें। बच्चों से पूछे कि जो किताबें दी गई है वह पढ़ रहे हैं या नहीं? 46 लाख बच्चों में से 12 लाख बच्चे ही डिजिटल कंटेंट पा रहे हैं।
डिजिटल कंटेंट का प्रयास सही है, लेकिन यह कारगर नहीं है। कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद हैं और छह महीने की पढ़ाई बाधित हो गई है। सिलेबस छोटा होने पर भी अब तक निर्णय नहीं हो सका है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द सिलेबस छोटा करने पर निर्णय लिया जाए, ताकि छात्र-छात्राओं को यह तो पता चल सके कि उन्हें क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है। उन्होंने कहां की गांव के खुले स्थान या पेड़ के नीचे कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए बच्चों को जानकारी देनी है। जिंदगी है तभी पढ़ाई। इसलिए सुरक्षा को देखते हुए इस काम को निश्चित रूप से करना है। वेबिनार में शिक्षकों द्वारा स्कूल खोलने की अपील करने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है। जल्द ही प्रस्ताव बनाकर आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जाएगा। वेबिनार में माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी, झारखंड शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया, प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह, अपर सचिव गरिमा सिंह, समेत सभी जिलों के पदाधिकारी, बीआरपी-सीआरपी, शिक्षक मौजूद थे।
स्कूलों के टेबलेट का होगा इस्तेमाल :
राज्य की 35572 सरकारी स्कूलों में कहीं एक तो कहीं दो टेबलेट दिए गए हैं। उन टेबलेट का उपयोग जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है उन्हें छोटे-छोटे समूह में पढ़ाने के लिए उपयोग करने को शिक्षा विभाग ने कहा है। चतरा के उपायुक्त दिव्यांशु झा ने कहा कि जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल था उन्हें जिनके पास मोबाइल नहीं है उन बच्चों से टैग किया गया है। इससे जिले के ज्यादा से ज्यादा बच्चे विभाग की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे हैं डिजिटल कंटेंट का लाभ ले रहे हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का हुआ : राहुल शर्मा
शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के छह माह हो गए हैं। अधिकांश बच्चे स्कूल और शिक्षकों से दूर हैं। ग्रामीण परिवेश के बच्चे पढ़ाई में पूरी तरह शिक्षकों पर ही निर्भर थे स्कूल बंद होने से उनमें दूरी आ गई है। इसकी वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है। जब तक स्कूल बंद रहता है उस लर्निंग एप को दूर करने की शिक्षक कोशिश करें।
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