सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु द्वारा कराई जा रही प्रवेश परीक्षा को रद्द कर दिया है। इस प्रवेश परीक्षा का आयोजन 12 सितंबर को हुआ था, जिसे खारिज कर दिया गया है। प्रवेश परीक्षा का नाम NLAT 2020 (नेशनल लॉ एप्टिट्यूट टेस्ट) रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि NLSIU को कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट (क्लैट) 2020 के माध्यम से अक्टूबर तक दाखिले करने होंगे।
इस बार क्लैट परीक्षा का आयोजन 28 सितंबर को हो रहा है।इससे पहले 12 सितंबर को हुई ऑनलाइन परीक्षा को कराने की कोर्ट ने सशर्त इजाजत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा और तब तक दाखिला भी नहीं होगा जब तक खुद कोर्ट परीक्षा की वैधता पर अंतिम फैसला नहीं दे देता।
NLSIU ने क्लैट 2020 से खुद को अलग करते हुए कहा था, ‘यूनिवर्सिटी अकैडमिक ईयर 2020-21 में दाखिले के लिए क्लैट-2020 परीक्षा में हासिल किए गए अंकों को स्वीकार नहीं करेगी।’ ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि क्लैट 2020 परीक्षा बार-बार स्थगित हो रही है। इसके बाद NLSIU के पूर्व कुलपति, प्रोफेसर डॉ. आर वेंकट राव और छात्रों के अभिभावकों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
जिसमें कहा गया कि ये फैसला एकतरफा है और इससे क्लैट के उम्मीदवार परेशानी में हैं।आपको बता दें क्लैट परीक्षा को देशभर के 22 लॉ विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले ग्रेजुएट और अंडर ग्रेजुएट लॉ कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित कराया जाता है। परीक्षा का आयोजन कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज द्वारा कराया जाता है। लेकिन इस बार एनएलएसआईयू ने इससे खुद को अलग करने का फैसला लिया था।