अब फर्जी कॉलर पहचान होगी आसान : कॉल करने पर नंबर के साथ दिखेगा नाम (KYC BASED NAME), ट्राई ने तैयार किया मसौदा

नई दिल्ली। अब आपको बिना टू कॉलर ऐप की मदद से अनजान नंबर से आए कॉल की जानकारी मिल जाया करेगी। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई एक ऐसे ही मैकेनिज्म पर काम रही है, जिसके जरिए किसी के फोन में आए कॉलर के नाम की जानकारी उसके सिम पर कराए गए केवाईसी वाले नाम से पता चलेगी।

अब केवाईसी नाम भी दिखेगा
फिलहाल कोई आपको कॉल करता है तो स्क्रीन पर सिर्फ उसका नंबर नजर आता है, लेकिन ट्राई के इस फ्रेमवर्क के फाइनल होने के बाद आपको फोन पर यूजर का केवाईसी नाम भी नजर आएगा। इस मैकेनिज्म के बाद जब भी कोई आपको फोन कॉल करेगा तो स्क्रीन पर उसका नाम फ्लैश होगा।
कुछ महीनों में शुरू होगा
यह फीचर काफी हद तक टू कॉल की तरह काम करेगा। दूरसंचार विभाग ने भी ट्राई से इस पर काम शुरू करने के लिए कहा है। ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला के मुताबिक इस पर कंसल्टेशन अगले कुछ महीनों में शुरू हो सकती है। उन्होंने बताया, ‘अभी हमें इस पर एक रिफ्रेंस मिला है और जल्द ही हम काम शुरू कर देंगे।
फेक कॉल्स से बच सकेंगे यूजर्स
TRAI के चेयरमैन पीडी वाघेला ने बताया कि इस फीचर के आने के बाद फेक कॉल्स से यूजर्स बच सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेमवर्क पूरा होने के बाद इस फीचर को लेकर ज्यादा चीजें क्लियर हो पाएंगी। बता दें कि टू कॉलर जैसे कॉलिंग ऐप्स इस तरह के फीचर्स मुहैया कराते हैं, लेकिन इसमें यूजर्स के केवाईसी पर बेस्ड नाम नजर नहीं आते हैं।
TRAI शुरू करने जा रही है ये प्रक्रिया
KYC Based प्रक्रिया टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ
इंडिया, TRAI की ओर से शुरू होने जा रही है। जब इसे लागू कर दिया जाएगा तो Call करने वाले यूजर का KYC वाला नाम आपके Mobile के Display पर दिखाई देगा।
इसके लागू होने से क्या होगा फायदा
TRAI की ओर से इस Rules को Apply कर देने के बाद से कोई भी User अपनी पहचान छुपा नहीं सकेगा।
वहीं Call करने पर KYC वाला Name दिखने का मतलब यह हुआ कि Name बिल्कुल सही होगा।
इससे आप पहले ही फर्जी और स्पैम कॉल (Fake & Spam Calls) से सावधान हो सकेंगे।
हालाकि इससे पहले भी Call आने पर यूजर का नाम देखने की सुविधा True Caller के तहत है, लेकिन इस पर दिखने वाले नाम (Name) में फ्रॉड होने की संभावना (Possibility Of Fraud) है।
सभी यूजर्स को कराना होगा KYC
इस नई KYC Based प्रक्रिया दूरसंचार विभाग यानि DoT के मानदंडों के अनुसार होगी।
इस प्रक्रिया के तहत KYC Call करने वाले यूजर्स की पहचान (Identification of Users) हो सकेगी।
इस प्रक्रिया में Telecom कंपनियों की ओर से यूजर्स का KYC के नाम पर ऑफिशियल नाम, पता दर्ज करना होगा।
इसके अलावा दस्तावेज के तौर पर Voter ID Card, D.L. या फिर Electricity Bill की रसीद देनी होगी।
KYC आधारित कॉलर नाम क्या है?
आपको बता दें की यह KYC विवरण में दर्ज किए गए व्यक्ति का नाम है।
KYC Based प्रक्रिया अक्सर नई SIM खरीदते समय या पुराने को बदलते समय पूरी होती है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रक्रिया यूजर्स को Fraud से बचाएगा।
KYC BASED SYSTEM कैसे करेगा मदद
• यह Spam Calls & Messages की पहचान करने में मदद कर सकता है।
• इससे काफी हद तक Digital Fraud को भी रोका जा सकता है।
• अब यूजर्स को नंबर पहचानने के लिए थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल (Third Party App Installed) नहीं करना पड़ेगा, जिससे कोई भी ऐप आपका डेटा नहीं चुरा (Not Steal Your Data) सकता है।