ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021 | Operation Green Mission in hindi (Eligibility, Documents, Official Website, Toll free Number, Application), Digital Education Portal
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ऑपरेशन ग्रीन योजना मिशन 2021, क्या है, आवेदन, किससे संबंधित है, पात्रता, दस्तावेज, अधिकारिक वेबसाइट, टोल फ्री नंबर [Operation Green Mission Scheme in hindi] (Eligibility, Documents, Official Website, Toll free Number, Application)
ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021
नाम | ऑपरेशन ग्रीन योजना मिशन |
किसने लांच की | मंत्री हरसिमरत कौर बादल |
लांच तारीख | सन 2018-19 |
विभाग | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय |
लास्ट डेट | सन 2022 |
ऑनलाइन पोर्टल | क्लिक करें |
हेल्पलाइन नंबर | 011-26406557, 26406545, 9311894002 |
ऑपरेशन ग्रीन क्या है
अभी तक ऑपरेशन ग्रीन में सरकार द्वारा आलू प्याज एवं टमाटर को रखा गया था. इस सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन शुरू किया था. सरकार का मुख्य उद्देश्य था कि इन सब्जियों के उत्पादन की सही कीमत किसानों को मिल सके. किसानों को इसके रख-रखाव और ट्रांस्फोर्ट के लिए भी सरकार आर्थिक मदद करती है.
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ऑपरेशन ग्रीन का उद्देश्य
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021 का मुख्य उद्देश्य टॉप प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई 2001 से किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कृषि उत्पादक संगठन के साथ-साथ कृषि परिषद प्रसंस्करण सुविधाएं और पेशेवर प्रबंधनों को भी प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। इस योजना का लाभ बृहद पैमाने पर किसानों को दिया जाएगा जिसमें 22 नए कृषि उत्पादों को शामिल करने का ऐलान भी किया गया है हालांकि अब तक इस योजना में केवल टमाटर प्याज और आलू ही शामिल किए गए थे।
ऑपरेशन ग्रीन योजना मुख्य लाभ
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ कर दिया गया है जिसके कुछ मुख्य लाभ किसानों को इस प्रकार दिए जाएंगे:-
- मॉनसून या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से जिन किसानों की फसल खराब हो गई है उन्हें किसी तरह की क्षति पहुंची है तो उन्हें इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
- इस योजना का सबसे बड़ा लाभ किसानों को यह प्राप्त होगा कि उन्हें अपनी कोई भी फसल कम कीमत पर बेचना नहीं पड़ेगा।
- इस योजना की मदद से फसल के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने में सहायता मिलेगी जिससे किसान सही कीमत में खेती के लिए बिजवाई खरीद पाएंगे।
- देश में आलू टमाटर और प्याज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और किसानों की आय में दुगनी बढ़ोतरी करने के लिए सरकार ने इस योजना को साल 2022 तक के दिशा निर्देशों पर लागू कर दिया है।
- इस योजना के तहत टॉप उत्पादन क्लस्टर और एफपीओ को भी सुदृढ़ और उन्हें बाजार से जोड़ने का काम किया जाएगा जिसमें किसी भी मध्य व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होगा। और इसी कारण किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की कीमत में वृद्धि नहीं होगी और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम भी मिल पाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए 470 से अधिक ऑनलाइन कृषि सेवा केंद्र शीघ्र ही प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
- किसानों की पहुंच आसानी से बाजार तक हो सके इस बात को ध्यान में रखते हुए भी इस योजना के अंतर्गत 22000 नई कृषि मंडियों का विकास किया जाएगा।
- इस योजना में संपूर्ण श्रंखला तैयार की जाएगी जो समय समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए और किसानों को राहत के लिए जलवायु संबंधित जानकारी प्रदान करेगी।
- किसानों को संपूर्ण सहायता और उपलब्धता पहुंचाने के लिए इस योजना का क्रियान्वयन बहुत तेजी से किया जा रहा है जिसके लिए बजट का बहुत बड़ा हिस्सा दिया गया है।
ऑपरेशन ग्रीन में हुआ बदलाव
सरकार ने कोरोना महामारी काल की गंभीरता को देखते हुए ऑपरेशन ग्रीन में अब टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जी और फल को भी इसमें जोड़ने की घोषणा की है. किसानों को आर्थिक नुकसान से बाहर निकालने के उद्देश्य से यह बदलाव हुआ है. कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण आज भी कई किसान एक जगह से दूसरी जगह अपने फल,सब्जी को नहीं ले जा पा रहे है. परिवहन सेवा सरकारी तौर पर बंद है, प्राइवेट वाहन को किसानों को बहुत अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है. सरकार ऐसे किसानों की मदद के लिए यह स्कीम लेकर आई है. लॉकडाउन के समय कई जगह किसानों की फसल बड़े तौर पर बर्बाद हुई है, कहीं-कहीं तो वे कम दर में बेचने में मजबूर थे, कई जगह फसल कटाई के बाद फसल रखे-रखे ख़राब हो गई. इन सभी हानियों की कुछ हद तक भरपाई के लिए ऑपरेशन ग्रीन को नए तरह से सरकार शुरू कर रही है.
ऑपरेशन ग्रीन के अंतर्गत मिलेगा 50% का अनुदान
ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत किसान अब अपनी फसल, फल, सब्जी को एक जगह से दुसरे जगह बेचने के लिए अगर लेकर जाते है तो उन्हें परिवहन सेवा में सरकार अब 50 प्रतिशत का अनुदान देगी. मतलब अब किसान अपनी फसल को कम खर्चे में दूसरी जगह बेचने ले जा सकते है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होगा. इसके साथ ही जिन फसलों का भंडारण करना है उन्हें शीतगृह भण्डारण में फसल रखने के लिए 50 प्रतिशत का भी अनुदान दिया जायेगा. शीतगृह भण्डारण बनाने के लिए 50 % का खर्चा सरकार उठाएगी. सरकार ऑपरेशन ग्रीन के तहत अब किसानों को सब्जी, फल के परिवहन और भंडारण के लिए 50 प्रतिशन की सब्सिडी देगी.
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ऑपरेशन ग्रीन योजना मिशन फसलें कौन सी हैं
अभी तक ऑपरेशन ग्रीन में टमाटर (Tomato), प्याज (Onion) एवं आलू (Potato) or TOP को ही रखा गया था. अब इसमें 18 और सब्जी एवं फल को जोड़ ददिया गया है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब ऑपरेशन ग्रीन में 10 फल एवं 8 सब्जी शामिल किये जा रहे है. फलों में अब केला, कीवी, अमरुद, आम, संतरा, पपीता, लीची, अनार, कटहल एवं अनानास को जोड़ा जा रहा है. इसके साथ सब्जियों में राजमा, गाजर, शिमला मिर्च, बैगन, फूलगोभी, भिन्डी एवं करेला भी शामिल किया जा रहा है. मंत्री जी ने यह भी बताया है कि भविष्य में सरकार इस योजना के दायरे को और बढाकर अन्य फल एवं सब्जी को भी शामिल करने की योजना बना रही है.
ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत आने वाले राज्य
फिलहाल कुछ राज्यों में ही ऑपरेशन ग्रीन योजना को क्रियान्वित किया गया है परंतु साल 2021 में इस योजना को अपडेट कर के घोषित किया गया है जिसमें नीचे दिए गए राज्यों की सूची को भी जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा। इन राज्यों में इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने हाल ही में बजट की घोषणा की है।
टमाटर उत्पादक राज्य –
- आंध्र प्रदेश
- कर्नाटक
- ओडिशा
- गुजरात
- तेलंगाना
प्याज उत्पादक राज्य –
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक
- गुजरात
आलू उत्पादक राज्य –
- बिहार
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
- गुजरात
- मध्य प्रदेश
इन सबके अलावा पंजाब राज्य को प्रोडक्शन क्लस्टर क्षेत्र बताया गया है।
ऑपरेशन ग्रीन योजना किससे संबंधित है
कोरोना काल में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए टॉप 2 टोटल सब्सिडी कार्यक्रम सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस कार्यक्रम में टमाटर प्याज आलू के साथ 19 फल ( अमरूद, आम, केला, कीवी, लीची, मौसमी, संतरा, चकोतरा, किन्नू, कागजी नींबू, पपीता, नींबू, अनार, सेब, अनोला, कटहल, कृष्णा फल और पैशनफ्रूट तथा नाशपाती) के साथ-साथ 14 सब्जियां ( करेला, शिमला मिर्च, फ्रेंच बींस, फूल गोभी, भिंडी, गाजर, बैंगन, हरी मिर्च, मटर, प्याज, आलू टमाटर और खीरा) आदि को शामिल किया गया था।
आत्मनिर्भर भारत के अभियान के साथ जोड़कर इस योजना को 6 महीने के लिए लागू कर दिया गया था जिसे बढ़ाकर 31 मार्च तक किया गया। आत्मनिर्भर योजना के तहत निर्धारित किए गए फल और सब्जियों से संबंधित परिवहन और भंडारण में 50% सब्सिडी मुहैया कराने का काम ऑपरेशन ग्रीन योजना द्वारा किया जाता है।
ऑपरेशन ग्रीन योजना रणनीति
केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत मूल्य स्थिरीकरण के उपाय के साथ साथ एकीकृत मूल्य श्रृंखला विकास एवं परियोजनाओं की दोहरी रणनीति को अपनाने की योजना तैयार की गई है इस पूरी रणनीति की जानकारी आपको नीचे दी जाएगी।
अल्पकालिक मूल्य स्थिरीकरण उपाय-
सब्जियों के मूल्य निर्धारण एवं स्थिरीकरण के क्रियान्वयन हेतु नफेड तथा नोडल एजेंसी बनाई जाएंगी। जिसमे खा.प्र.उ.मं निम्नलिखित दो घटकों के लिए 50% तक सब्सिडी उपलब्ध कराएंगे।
- उत्पादन स्थल से टमाटर, प्याज, आलू जैसी फसलों की ढुलाई करके भंडारण तक ले जाने के लिए।
- उगाई गई फसलों के लिए उपयुक्त भंडारण सुविधाएं किराए पर उपलब्ध कराने के लिए।
- बाजार अधिसूचना एवं अग्रिम चेतावनी प्रणाली
- एम आई ई डब्ल्यू एस डैशबोर्ड एवं पोर्टल ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के तहत निर्धारित शर्तों के अनुसार टमाटर प्याज एवं आलू के निर्धारित मूल्यों पर निगरानी एवं हस्तक्षेप के चेतावनी जारी करने हेतु एक प्लेटफार्म तैयार किया गया है। यह टोपी फसलों से संबंधित सूचना जैसे कि फसलों का मूल्य तथा आवक, क्षेत्र उपज और उसके साथ-साथ उत्पादन, आयात एवं निर्यात तथा फसल कैलेंडर के साथ-साथ कृषि शास्त्र के बारे में आसानी से किसानों को समझ में आने वाला विजुअल फॉर्मेट सूचना के रूप में प्रदान करेगा।
दीर्घकालिक एकीकृत मूल्य श्रृंखला विकास परियोजनाएं
- इस परियोजना में किसान उत्पादक संगठनों की रचना एवं उनकी क्षमता निर्माण का कार्य किया जाएगा।
- गुणवत्ता उत्पादन का ध्यान रखा जाएगा
- खेती के स्तर पर फसलोंत्तर प्रसंस्करण सुविधाएं दी जाएंगी
- कृषि लॉजिस्टिक्स
- विपणन एवं खपत केंद्र बनाए जाएंगे
ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021 का बजट
केंद्र सरकार द्वारा 2 फरवरी साल 2021 में लोकसभा के अंदर ऑपरेशन ग्रीन योजना 2021 के बजट की घोषणा की गई थी जिसमें अनुमानित आंकड़ों के अनुसार ऑपरेशन ग्रीन के लिए 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए थे। जिसे संशोधित अनुमानों के अनुसार घटाकर 32.48 करोड रुपए कर दिया गया था। परंतु इसी वित्त वर्ष 2020 21 के अंतर्गत इसे दोबारा से 127.50 करोड़ रुपए कर दिया गया। परंतु कुछ समय पश्चात संशोधित अनुमानों के अंतर्गत निर्धारित राशि को घटाकर 38.32 करोड़ रुपए कर दिया गया। साथ में यह भी घोषणा की गई कि इस योजना के तहत किसान सहित कोई भी अधिसूचित फलों एवं सब्जियों जैसी फसलों का परिवहन करने में सक्षम हो पाएगा। योजना के तहत रेलवे द्वारा इन फलों एवं सब्जियों के परिवहन पर मात्र 50% शुल्क लगाया जाएगा तथा बचा हुआ 50% शुल्क मंत्रालय की ओर से भारतीय रेल को प्रदान किया जाएगा।
ऑपरेशन ग्रीन योजना आवेदन आखिरी तिथि
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि योजना का लाभ जो भी किसान लेना चाहते है वे जल्द से जल्द इस योजना के लिए आवेदन कर लें. क्योकि इसका लाभ सन 2022 तक पात्र किसानों को दिया जायेगा.
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ऑपरेशन ग्रीन योजना पात्रता, लाभार्थी (Eligibility and Beneficiaries)
- किसान उत्पादक संगठन एवं संस्था
- खाद्य प्रसंस्करण
- सहकारी समिति
- व्यक्तिगत किसान
- निर्यातक राज्य विपरण
आदि जो भी लोग सब्जी एवं फलों के उत्पादन या प्रसंस्करण कार्य में लगे है उन्हें इस योजना का पात्र माना जायेगा.
ऑपरेशन ग्रीन योजना आवेदन दस्तावेज (Documents)
- जो भी व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन करना चाहेगा उसे जरुरी है कि वो अपना आधार कार्ड जमा करे.
- आवेदक को आवेदन के समय अपने स्थाई पता का प्रूफ भी देना अनिवार्य होगा, इसके लिए वो बिजली का बिल, वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट के कागज जमा कर सकता है.
- आवेदक को अपना पैन कार्ड भी दिखाना अनिवार्य होगा.
- आवेदक को अपना चालू मोबाइल नंबर भी शेयर करना अनिवार्य होगा, क्यूंकि आगे आवेदन की सारी जानकारी आपको मेसेज द्वारा अधिकारी देंगें.
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ऑपरेशन ग्रीन योजना ऑनलाइन आवेदन (How to Apply)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा इस योजना को लांच किया गया है, साथ ही इसका क्रियान्वन भी इसी मंत्रालय द्वारा होगा. अधिकारियों ने बताया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की साईट में जाकर आवेदन किया जा सकता है.
- आवेदक को सबसे पहले खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ऑफिसियल साईट में जाना होगा.
- यहाँ आपको ऑपरेशन ग्रीन के तहत सब्सिडी के आवेदन के लिए फॉर्म दिखाई देगा.
- फॉर्म में आपसे कई तरह की जानकारी पूछी जाएगी, जिसे आप सही-सही भरकर फॉर्म को सबमिट कर दें.
ऑपरेशन ग्रीन योजना हेल्पलाइन नंबर
ऑपरेशन ग्रीन से संबंधित कोई भी जानकारी या शिकायत किसी भी किसान को कभी भी हो सकती है। किसानों के लिए उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए ही ऑपरेशन ग्रीन का शुभारंभ किया गया है इसलिए इस योजना से संबंधित हेल्पलाइन नंबर आपको नीचे दिए गए हैं।
हेल्पलाइन नंबर- 011 2640 6557, 2640 6545, 93118 94002
011 2649 2217, 2640 6557
ऊपर बताए गए किसी भी नंबर पर आप सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर के 1:00 बजे तक और दोपहर 1:30 से लेकर शाम 5:30 तक फोन कर सकते हैं. इन नंबरों पर आप सोमवार से लेकर शुक्रवार तक कॉल कर सकते हैं और सार्वजनिक अवकाश हो पर भी कॉल नहीं कर सकते हैं.
फॉर्म एक्सेप्ट हो जाने के बाद आपकी सब्सिडी का पैसा सीधे बैंक अकाउंट में आ जाएगा. किसानों की आर्थिक स्थति में इस योजना से बहित बदलाव आएगा, सभी जरूरतमंद और पात्र किसानों को इस योजना का फायदा जरुर उठाना चाहिये.
FAQ
Ans : अरुण जेटली जी द्वारा
Ans : आलू, प्याज और टमाटर
Ans : 5 अरब रुपए
Ans : 22,000
Ans : आलू, प्याज टमाटर जैसी सब्जी को संरक्षित करना और प्रोडक्शन बढ़ाना.
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