RPSC में भर्तियों का मामला: जुलाई में सरकार को सौंप सकती है रिपोर्ट; राज्य सरकार की ओर से गठित की गई थी कमेटी की 4 बैठक ऑनलाइन हुई, जरूरी दस्तावेज मांगे
राजस्थान सरकार की ओर से RAS सहित प्रदेश में विभिन्न भर्तियों को समय पर पूरा करवाने और भर्ती प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण के लिए गठित की गई समिति ने काम काज शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि जुलाई में कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
RPSC के पूर्व अध्यक्ष M.L. कुमावत की अध्यक्षता में गठित कमेटी में रिटायर्ड IAS खेमराज, IG स्टांप महावीर प्रसाद, RPSC सचिव शुभम चाैधरी, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सलाहकार व रिटायर्ड RAS बद्री नारायण शामिल है। कमेटी की बैठकों में कोरोना काल भी बाधा बन रहा है। कमेटी सदस्य ऑन लाइन ही बैठकें आयोजित कर रहे हैं।
RPSC और अन्य कार्यालयों में स्टाफ नहीं आने या आधे ही आने से भी कमेटी को रिपोर्ट तैयारी में कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कमेटी अब तक अपनी चार बैठकें आयोजित कर चुकी है। समिति ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के साथ ही राजस्थान लोक सेवा आयोग से भी आवश्यक दस्तावेज की मांग शुरू कर दी है।
कुमावत ने कई नवाचार किए थे अपने कार्यकाल में
आयोग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूर्व अध्यक्ष कुमावत ने अपने कार्यकाल में आयोग में RAS सहित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कई एक नवाचार किए थे। सरकार ने उनके इसी अनुभव का लाभ लेते हुए बेरोजगारों को जल्द रोजगार मिले, इसके लिए यह कवायद कर रही है। माना जा रहा है कि कुमावत को समिति का अध्यक्ष इसलिए ही बनाया गया है कि वे आयोग के काम काज से भली भांति परिचित हैं और परीक्षाओं के आयोजन में देरी व भर्ती प्रक्रिया लंबित होने में क्या क्या कारण हो सकते हैं, इसके बारे में सही विश्लेषण और उपाय कर सकेंगे।
कुमावत ने आयोग की पत्रिका कसौटी में अपने कार्यकाल में हुए नवाचारों के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि 28 फरवरी 2010 को सीआर चौधरी की सेवानिवृत्ति के बाद उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में आरएएस, आरटीएस की प्रारंभिक परीक्षा की स्केलिंग प्रणाली को बार-बार चुनौती मिल रही थी। इसके कारण आरएएस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा समय पर आयोजित करने तथा आयोग अपनी परीक्षाओं का नियोजित तरीके से कैलेंडर बनाने में विफल हो जाता था। अत: स्केलिंग प्रणाली के दोषों/विवादों को खत्म करने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) के समान पाठयक्रम में बदलाव की कवायद की गई।
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इसके साथ ही 10 मार्च 2011 को आयोग में पहली बार चिकित्सा अधिकारी (दंत, होम्योपैथी, यूनानी, पशु चिकित्सा अधिकारी) के पदों के लिए ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कराई गई। कुमावत ने ही 26 जून 2011 को चिकित्सा शिक्षा विभाग के सहायक आचार्य नेत्र रोग एवं सहायक आचार्य नाक, कान, गला के पदों के लिए संवीक्षा परीक्षा ऑन लाइन रूप में आयोग में आयोजित की।
आयोग में आमंत्रित विशेषज्ञों को गोपनीयता को अक्षुण्ण रखे जाने के उद्देश्य से कोड नंबर आवंटित किए गए, साक्षात्कार में शामिल अभ्यर्थियों को गोपनीयता की दृष्टि से एफआर नंबर (काल्पिनिक रोल नंबर) आवंटित किए गए। आरएएस की लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में बार को डेड ओएमआर का प्रयोग शुरू किया गया। पहली बार इंटरनेट पर वेबसाइट से सीधे प्रवेश पत्र डाउनलोड करने की सुविधा दिसंबर 2010 में अध्यापक ग्रेड सेकंड की परीक्षा में उपलब्ध कराई गई।
RPSC
एक साल में ही कराई थी RAS परीक्षा
आयोग के इतिहास में यह रिकॉर्ड भी कुमावत के नाम ही है कि उनके कार्यकाल में RAS परीक्षा एक साल में ही पूरी हो गई थी। वर्ष 2010 सितंबर में RAS की प्रक्रिया शुरू हुई थी और वर्ष 2011 में अगस्त में इस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई और अभ्यर्थियों ने ज्वाइनिंग ले ली थी। आयोग ने UPSC से भी कम समय में इस भर्ती को पूरा किया था।
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