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मध्य प्रदेश पुलिस ने बनाया विशेष एप पलभर में मिलती है बदमाश की पूरी जानकारी Digital Education Portal

सीसीटीएनएस से जुड़ा है यह फेस फारेंसिक एप। देशभर के छह लाख बदमाशों की जानकारी तक है पहुंच।

मध्य प्रदेश पुलिस ने बनाया विशेष एप, पलभर में मिलती है बदमाश की पूरी जानकारी
भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने एक विशेष एप बनाया है। इस फेस फारेंसिक एप के जरिये अब देशभर के करीब छह लाख बदमाशों की पलभर में पहचान सुनिश्चित की जा सकती है। संदिग्ध व्यक्ति की फोटो एप पर अपलोड करते ही, यदि वह सूचीबद्ध बदमाश हुआ तो उसका आपराधिक रिकार्ड सामने आ जाता है। इस तरह प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के बदमाशों की तत्काल पहचान संभव हो सकेगी। अन्य जिलों या प्रदेशों के फरारी काट रहे बदमाशों की धरपकड़ भी आसानी से की जा सकेगी। एप पुलिस की दूरसंचार शाखा द्वारा तैयार किया गया है। इसका उपयोग भोपाल के 400 पुलिसकर्मियों ने शुरू भी कर दिया है।

इस एप को देशव्यापी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) से जोड़ा गया है। इस आनलाइन नेटवर्क में महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब समेत देश के लगभग सभी राज्यों के बदमाशों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

एप के उपयोग का तरीका भी सुरक्षित है। एप को संबंधित पुलिसकर्मी के शासकीय मोबाइल पर एप्लिकेशन लिंक के माध्यम से डाउनलोड किया जाता है। यह ओटीपी डालने के बाद ही काम शुरू करता है। एप खुलते ही इसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र के अधिकारी के पास पहुंचती है, इसलिए इसके उपयोग पर निगरानी भी की जा सकती है।

सबसे पहले दिया बीट प्रभारियों को

शुरुआत में भोपाल पुलिस आयुक्त ने 38 थानों के दस-दस पुलिसकर्मियों को यह एप उपलब्ध करवाया है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों को भी एप दिया गया है। पुलिसकर्मी किसी भी संदिग्ध को रोककर उसकी पहचान करते हैं। हाल ही में भोपाल के मंगलवारा निवासी एक संदिग्ध को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की पार्किंग में पुलिस ने रोका। वह भागने लगा। उसे पकड़कर जैसे ही उसका फोटो एप पर अपलोड किया तो वह महाराष्ट्र का निगरानीशुदा बदमाश निकला।

एप में हैं ये अतिरिक्त सुविधाएं: एप के किसी के फोटो का मिलान करने के लिए छह तरह के विकल्प मिलते हैं। इनमें अपराधी, गिरोह, एफआइआर, गुम इंसान, गायब व मिल चुके बच्चे और अज्ञात शव की पहचान के विकल्प रहते हैं।

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इनका कहना है

फेसफारेंसिक एप का उपयोग सिर्फ पुलिस कर सकती है। संदिग्ध का फोटो अपलोड करते ही उसके चेहरे की बनावट जैसे कई बदमाशों का डाटा एप पर सामने आ जाता है। पहचान की पुष्टि होते ही संबंधित को तत्काल पकड़ा जा सकता है।

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-संजय झा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, दूरसंचार मुख्यालय

यह एप पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होगा। जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों के पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा।

– अमित कुमार, पुलिस उपायुक्त (क्राइम ), भोपाल

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