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मध्य प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं के आंकड़े बदले संचालक ने दिए जांच के निर्देश Digital Education Portal

मध्‍य प्रदेश के आलीराजपुर में सबसे ज्यादा 485 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं।भोपाल(राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं से संबंधित जानकारी में लगातार आ रहे अंतर को देखते हुए महिला एवं बाल विकास संचालक डा. रामराव भोंसले ने संभागीय संयुक्त संचालकों को जांच के निर्देशDownload28229555731591685607294.दिए हैं। यह गड़बड़ी भारत सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार आलीराजपुर जिले में अभी भी 485 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। रीवा जिला दूसरे नंबर पर है। यहां 356, झाबुआ में 325, विदिशा में 270 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं। ऐसे ही आंकड़े विभाग के अपने भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र और पेयजल की स्थिति के हैं। यह स्थिति तब है, जब सरकार पिछले दो साल से लगातार कह रही है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के उन सरकारी भवनों में शिफ्ट करो, जो खाली हैं।हर तीन माह में आंगनबाड़ी केंद्रों का सर्वे किया जाता है। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाती है, जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध सभी सुविधाओं की जानकारी होती है। महिला एवं बाल विकास संचालनालय स्तर पर इस साल की रिपोर्ट का जब पिछले सालों की रिपोर्ट से तुलनात्मक परीक्षण किया गया, तो पता चला कि हर साल आंंकड़ों में अंतर आ रहा है।मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक ने संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध संसाधन और मूलभूत सुविधाओं की जानकारी की समीक्षा करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि अप्रत्याशित रूप से परिवर्तित आंकड़ों के संबंध में उस क्षेत्र के सेक्टर पर्यवेक्षक या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से स्थिति स्पष्ट कर रिपोर्ट में संशोधन करें। रिपोर्ट ‘नवदुनिया” के पास मौजूद है।205 कच्‍चे भवन में आंगनबाड़ी केंद्र इस साल की रिपोर्ट के अनुसार 205 कधो भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। यह संख्या वर्ष 2020 में 284 थी और वर्ष 2019 में एक हजार 213 । इसमें सबसे ज्यादा 16 कधो भवन बड़वानी जिले में हैं। ऐसे ही वर्तमान में 24 हजार 943 किराए के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से 300 भवन कच्चे हैं।यह संख्या वर्ष 2020 में चार हजार 237 और वर्ष 2019 में चार हजार 229 थी। रिपोर्ट बताती है कि 14 हजार 43 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 14 हजार 58 और वर्ष 2019 में एक हजार 164 था। चार हजार 813 केंद्रों में कुओं से पानी का इंतजाम किया जा रहा है। वर्ष 2019 में यह आंकड़ा तीन हजार 24 था।

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