गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संकट के बीच निजी विद्यालय 12 अक्टूबर से स्कूल खोलने की कवायद में जुट गए हैं। बच्चों को सुरक्षित स्कूल बुलाने और फिर उन्हें घर भेजने के लिए निजी विद्यालयों ने शिफ्टवार तैयारी की है। कोविड-19 गाइड लाइन के तहत अपनी तैयारी से संबंधित विवरण स्कूल एसोसिएशन ने उप मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को भेजा है। एसोसिएशन द्वारा भेजे गए विवरण में स्कूल में बैठने के इंतजाम, बच्चों को स्कूल आने व जाने के लिए अलग-अलग रास्ते तथा पढ़ाई के लिए नौंवी व ग्यारहवीं को एक साथ तथा दसवीं व बारहवीं के छात्रों को एक साथ स्कूल बुलाना शामिल है। उधर, शासन ने डीआइओएस को पत्र भेजकर बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों के क्या रूझान हैं इसकी जानकारी मांगी है, जिसमें कितने फीसद अभिभावक स्कूल भेजने व कितने न भेजने के पक्ष में हैं
स्कूल एसोसिएशन द्वारा तैयार गाइड लाइन के अनुसार स्कूल दो शिफ्ट में खोले जाएंगे। दसवीं व बारहवीं की कक्षा एक साथ सुबह आठ से ग्यारह बजे तक चलेगी। जबकि नौवीं व ग्यारहवीं के छात्रों की कक्षाएं दोपहर 12 से 3 बजे तक चलेंगी। दोनों ही शिफ्टों में आने वाले छात्र-छात्राओं को अपने अभिभावकों की लिखित अनुमति जरूरी होगी।
स्कूलों में ये होंगे इंतजाम
स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल खुलने पर कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा के इंतजाम भी तय कर लिए हैं। इसके तहत स्कूल आने वाले छात्रों के लिए आने-जाने के लिए अलग-अलग गेट होंगे। एक शिफ्ट में आने वाले दोनों कक्षाओं के छात्र अलग-अलग गेट से प्रवेश करेंगे। प्रवेश व निकास गेट से बिना मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। प्रवेश के दौरान मुख्य द्वार पर होगी थर्मल स्क्रीनिंग, एक कक्षा में सिर्फ 20 छात्र को बैठने की अनुमति होगी। हर डेस्क पर छात्र के नाम की पर्ची चस्पा होगी। भोजनावकाश में छात्र एक दूसरे से टिफिन व पानी आदान-प्रदान नहीं कर सकेंगे, स्कूल में नहीं होगी एसेंबली तथा स्कूल परिसर में नहीं चलेगी कैंटीन
फिलहाल कई प्रतियाेगी परीक्षाएं होने के कारण स्कूल खोलने के लिए 12 अक्टूबर की तिथि तय की गई है। स्कूल खोलने का प्लान प्रदेश भर के जिले से तैयार कर भेजा जा रहा है। सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलते ही हम कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए स्कूल खोलने के लिए तैयार हैं। हमने सभी तैयारी पूरी कर ली है। – अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन
कितने अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में है और कितने पक्ष में नहीं हैं। ऐसे अभिभावकों की राय एकत्र की जा रही है। जल्द ही शासन को भेज दी जाएगी। – ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआइओएस
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