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मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर : नियमितीकरण को लेकर शिवराज सरकार उठा सकती है यह बड़ा कदम, विभाग ने मंगवाई रिटायर होने वाले कर्मचारियों की जानकारी

मध्य प्रदेश शिवराज सरकार लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियमित कर्मचारियों के स्थान पर लंबे अरसे से लाखों की संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इन संविदा कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब इन संविदा कर्मचारियों की मांग पर विचार किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश शिवराज सरकार  लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियमित कर्मचारियों के स्थान पर लंबे अरसे से लाखों की संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इन संविदा कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब इन संविदा कर्मचारियों की मांग पर विचार किया जा रहा है।
संविदा कर्मचारी नियमितिकरण

यदि सब कुछ ठीक रहा तो आपको बता दें कि 20 से 25 वर्ष से जमे संविदा कर्मचारियों को रिटायर होने वाले नियमित कर्मचारियों के पदों के विरुद्ध नियमित किया जा सकता है।

रिटायरमेंट से खाली होने वाले पदों पर संविदाकर्मियों को करेंगे एडजस्ट

लंबे अरसे से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए यह खबर अच्छी हो सकती है। वजह यह है कि विभिन्न विभागों से आने वाले दिनों में रिटायर होने वाले कर्मचारियों के खाली पदों पर सीनियर संविदा कर्मचारियों को एडजस्ट किया जा सकता है।

कर्मचारी कल्याण आयोग ने की सिफारिश

जीएडी की राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने राज्य सरकार से इस बारे में सिफारिश की है। रिटायर होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी बुलवाई गई है। समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा का कहना है कि जिन विभागों में पंद्रह, बीस साल की अवधि से संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, उनकी जानकारी पहले से ही उपलब्ध है। गौरतलब है कि इस साल 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी रिटायर हो रहे हैं। अगले साढ़े तीन साल में यह आंकड़ा 2.5 लाख तक पहुंच जाएगा।

आपको बता दे की 5 जून 2018 को जीएडी ने संविदा कर्मचारियों के लिए नए नियम बनाए थे। इसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान किया गया था। ज्यादातर संविदा कर्मचारी नियमित पदों के विरुद्ध ही कार्यरत हैं।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में लगातार नियमित कर्मचारियों के स्थान पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मियों की भर्ती की जा रही है ऐसी स्थिति में संविदा कर्मी लंबे समय से कार्य कर रहे हैं कुछ संविदा कर्मियों द्वारा रिटायरमेंट भी संविदा आधार पर ही हो चुका। ऐसी स्थिति में सरकार को संविदा कर्मचारियों को डिलीट करने के लिए कदम उठाना चाहिए।

किस प्रमुख विभाग में कितने संविदा कर्मचारी

  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 24000
  • ऊर्जा विभाग 7000
  • नेशनल हेल्थ मिशन 16000
  • राज्य शिक्षा केंद्र 3008
  • आयुष विभाग 1600
  • पैरामेडिकल 645
  • खेल एवं युवा कल्याण विभाग 1200
  • महिला एवं बाल विकास विभाग 800
  • पीएचई 895
  • कृषि विभाग 450
  • तकनीकी शिक्षा 745

राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने की सिफारिश

मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों अधिकारियों को नियमितीकरण के लिए राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री रमेश चंद शर्मा द्वारा सिफारिश की गई। आपको बता दें कि श्री रमेश चंद जी शर्मा राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष के पूर्व मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ में प्रदेश महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं इसके साथ ही पूर्व में भी कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। श्री रमेश चंद शर्मा लंबे अरसे से कर्मचारियों के हितों की लड़ाई भी लड़ रहे हैं।

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आपने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारी हितैषी है एवं शीघ्र ही संविदा कर्मचारियों अधिकारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ा कदम उठा सकते हैं। राज्य कर्मचारी संघ एवं मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग समिति द्वारा मध्य प्रदेश सरकार से संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की मांग लंबे समय से की जा रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को पूरा किया जा सकेगा इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आश्वासन भी दिया गया है।

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