बच्चों के वैक्सीनेशन में क्या होगा खास? जानिए सबकुछ: 1 जनवरी 2007 के पहले जन्मे 48 लाख बच्चों को लगेगी वैक्सीन; 30 मिनट तक सेंटर पर रहना होगा Digital Education Portal
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- Madhya Pradesh Vaccination Of Children In MP From January 3. 48 Lakh Children Born Before January 1, 2007 Will Get The Vaccine;
मध्यप्रदेश में बच्चों के लिए वैक्सीनेशन अभियान 3 जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए 1 जनवरी से कोविन पोर्टल पर ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी। प्रदेश में 15 से 18 साल की उम्र के 48 लाख बच्चे हैं। इन बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान की तैयारी को लेकर Digital Education Portal ने राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला से बात की। पढ़िए बच्चों के वैक्सीनेशन की क्या है तैयारी…
बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर क्या तैयारी की गई है?
- प्रदेश में 15 से 18 साल तक के 48 लाख हितग्राही होंगे। इसकी तैयारी के लिए सरकारी, निजी स्कूल, नवोदय, केंद्रीय विद्यालय, मदरसे सभी को लिस्ट करा रहे हैं। जिलों में बच्चों की संख्या के अनुसार कार्ययोजना बना रहे हैं। जो दो दिन में तैयार हो जाएगी।
बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए कटऑफ डेट क्या रहेगी?
- जो बच्चे 1 जनवरी 2007 के पहले जन्मे हैं, उनका टीकाकरण होगा।
बच्चों का वैक्सीन के लिए स्कूल में केन्द्र बनाएंगे। घुमंतू बच्चों के लिए क्या व्यवस्था रहेगी?
- घुमंतू बच्चों के लिए उन एरिया पर नजर है जो हाई रिस्क पल्स पोलिया के अंतर्गत चिह्नित हैं। क्योंकि 23 जनवरी से पल्स पोलियो भी है। हमारी पूरी योजना तैयार है। हमारी मोबाइल टीमें उन एरिया में जाएंगी। वहां जो भी 15 से 18 साल के बच्चे मिलेंगे उनको वैक्सीन लगाई जाएगी।
सेंटर पर टीका लगाने के बाद बच्चों को कितनी देर रुकना होगा?
- बड़ों के समान बच्चों को भी 30 मिनट सेंटर पर वैक्सीन लगने के बाद मॉनीटरिंग में रखा जाएगा।
अभियान कितने चरण में होगा और कितनी टीमें तैनात होंगी?
- अभियान एक ही चरण में होगा है। को-वैक्सीन वैक्सीन लगाई जाएगी। इसका दूसरा डोज 28 दिन बाद लगाया जाएगा। पूरे प्रदेश में 10 से 12 हजार टीमें गठित करके अभियान संचालित कर रहे हैं। इसमें 3 जनवरी से टीकाकरण का चरण पूरा कर लेंगे। आप निर्देश के अनुसार एक टीम डेढ़ सौ से दौ सौ बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कब और कैसे रहेगी?
- रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी से प्रारंभ होगा। इसमें प्री रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था भी है। इसमें स्कूल का आईडेंटी कार्ड, 10वीं की मार्कशीट समेत अन्य दस्तावेज भी वेलिड माने जाएंगे। इसके बाद वैक्सीनेशन केंद्र पर आने पर एक यूनिक मोबाइल नंबर की जरूरत होगी। 1 नंबर पर चार लोगों को रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसमें वैरिफायर और वैक्सीनेटर मदद करेंगे।
बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान में साइड इफैक्ट के लिए सेंटर पर क्या इंतजाम रहेंगे?
- हम लोग मीजेल्स रूबेला में 2 करोड़ 32 लाख स्कूली अभियान संचालित किया था। वहां भी किसी प्रकार का गंभीर प्रकरण दर्ज नहीं हुआ था। बच्चे थोड़ा डर जाते हैं। उनको समझाइश की जरूरत होती है। हमने टीचर्स और स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रशिक्षित कर रखा है कि हम कोई जोर जबरदस्ती टीके नहीं लगाएंगे। उनको खुशनुमा माहौल में टीके लगेंगे। थोड़ा बहुत दर्द होता है यह पहले से ही समझा दिया जाएगा, जिससे वह घबराएं नहीं। फिर भी हमने सभी सेंटर को मेडिकल ऑफिसर की उपस्थिति से जोड़ा है। पालकों से अपील है कि हम बीमारी से डरे और टीके से नहीं।
बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए कितने सेंटर बनेंगे?
- हमारे सभी हाई सेकंडरी स्कूल केंद्र बिंदू होंगे। हालांकि, अभी कार्ययोजना फाइनल नहीं होगी।
बच्चों के वैक्सीनेशन में अभिभावक किन बातों का ध्यान रखें?
- पालक को याद रखना है कि सुई दर्द देती है। इस प्रकार की मानसिकता बच्चों की रखना है। टीके वाले दिन खाली पेट बच्चों को ना रखें। खाली पेट में लोगों में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा जरूरी डॉक्यमेंट पूरे रखें।
बड़ों में वैक्सीन को लेकर कई भ्रांतियां थीं, ऐसे में बच्चों को वैक्सीन लगाने सेंटर तक लाने क्या तैयारी है?
- भय, भ्रांति और भ्रामक जानकारी से समाज में असामाजिक तत्व अभाव फैलाना चालू कर देते हैं। एक अभियान के विरोध में वातावरण निर्माण करते हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी के रूप में आपको बताना चाहता हूं कि टीका सेफ है और प्रभावी है।
स्वास्थ्य विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग की क्या भूमिका रहेंगी?
- हमारे प्राध्यापक और टीचर्स की दोहरी भूमिका रहेगी। क्योंकि, उनके स्कूल में जाकर ही वैक्सीनेशन करना है तो वहां व्यवस्था करनी होगी। दूसरा अभिभावकों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें। साथ ही ऐसा वातावरण बनाएंगे कि टीका चाही गई आवश्यकता है, थोपी गई नहीं। स्कूल शिक्षा विभाग मोबलाइजर का काम करेगा। स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन का काम करेगा।
प्रीकॉशन डोज के लिए क्या व्यवस्था है?
- इसके लिए 10 जनवरी से अभियान शुरू होगा। इसमें दोनों डोज लगाने वाले हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोग 39 सप्ताह या 9 महीने बाद पात्र होंगे। इसके लिए कोविड पोर्टल अपने आप उनको प्रीकॉशन डोज का मैसेज भेजेगा।
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