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सौ फीसदी रिजल्ट: छात्रों को मोबाइल दिलवाया, ऑनलाइन क्लासेस में 100% उपस्थिति रही तो रिजल्ट भी 100% रहा Digital Education Portal
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सौ फीसदी रिजल्ट: छात्रों को मोबाइल दिलवाया, ऑनलाइन क्लासेस में 100% उपस्थिति रही तो रिजल्ट भी 100% रहा Digital Education Portal

10वीं और 12वीं कक्षा में 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले 10 सरकारी स्कूलों में 9 गांव के - dainik bhaskar
10वीं और 12वीं कक्षा में 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले 10 सरकारी स्कूलों में 9 गांव के

  • 10वीं और 12वीं कक्षा में 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले 10 सरकारी स्कूलों में 9 गांव के
  • बीना के सनई स्कूल में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं का रिजल्ट सौ फीसदी रहा

जिले में 10वीं और 12वीं कक्षा में सौ फीसदी रिजल्ट देने वाले स्कूलों की सूची तैयार हुई है। इस साल 10 स्कूलों का रिजल्ट सौ फीसदी रहा। इनमें 4 स्कूलों ने 10वीं और 6 स्कूलों ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट सौ फीसदी दिया। सागर के ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय तिली में 10वीं कक्षा के 100 फीसदी बच्चों ने फर्स्ट डिवीजन हासिल की। वहीं बीना के सनई स्कूल में 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं का रिजल्ट सौ फीसदी रहा।

इनके अलावा 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले विद्यालयों में 85 से 90 फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। इन स्कूलों के प्राचार्यों से भास्कर टीम ने बात कर इसके पीछे की कहानी जानी तो सामने आया कि कोरोना काल के बावजूद भी सभी स्कूलों ने विद्यार्थियों की ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं में सौ फीसदी उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया। जिनके पास मोबाइल नहीं थे, शिक्षकों ने उनके घर जाकर पालकों से मोबाइल खरीदने की बात कही। वहीं पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने से यह सफलता मिली।

उमावि छुल्ला- पालकों को मोबाइल खरीदने पर जोर दिया

रहली के शासकीय उमावि छुल्ला में 12वीं के 30 विद्यार्थियों में से 20 प्रथम श्रेणी में पास हुए। स्कूल के प्राचार्य श्यामबिहारी चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेस के लिए बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे। शिक्षकों ने बच्चे के घर जाकर पालकों से क्लास के लिए मोबाइल खरीदने को कहा। वहीं जो बच्चे कक्षा में उपस्थित नहीं होते थे, उसी दिन कारण जानने उनके घर पहुंच जाते थे।

बरखेड़ा सिकंदर- कक्षाओं में 100% उपस्थिति पर फोकस

रहली के शा. उमा विद्यालय बरखेड़ा सिकंदर में 12वीं के 20 विद्यार्थियों में से 12 प्रथम श्रेणी में पास हुए। प्राचार्य नरेंद्र कोरी का कहना है कि ग्रामीण अंचल में कोचिंग की सुविधा नहीं है। बच्चों को गांव में ही कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसा माहौल दिया। कक्षाओं में विद्यार्थियों की 100 फीसदी उपस्थिति पर फोकस किया। हर बच्चे के डाउट्स क्लियर किए।

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शासकीय उमा विद्यालय सनई- 10वीं और 12वीं दोनों में रिजल्ट 100%

बीना ब्लॉक के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सनई में 33 विद्यार्थियों ने कक्षा 10वीं और 33 विद्यार्थियों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा दी थी। दोनों कक्षाओं का रिजल्ट 100 फीसदी रहा और दोनों ही कक्षाओं में 27-27 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी हासिल की। स्कूल के प्राचार्य केपी साहू ने बताया कि कक्षा में‌ स्ट्रेंथ कम होने के कारण कोचिंग इंस्टीट्यूट जैसी पढ़ाई का माहौल बना। अतिथि शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों पर अच्छी मेहनत की। विद्यालय में कमजोर बच्चों के लिए अलग से कक्षाएं लगाकर उन्हें भी प्रथम श्रेणी लाने का प्रयास किया।

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ज्ञानोदय विद्यालय सागर- 100% विद्यार्थी फर्स्ट आए

ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय सागर में 78 विद्यार्थियों ने 10वीं की परीक्षा दी थी। इनमें न सिर्फ सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, बल्कि 100 फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं। स्कूल के प्राचार्य अशोक असाटी का कहना है कि सत्र की शुरुआत से ही विद्यार्थियों की नियमित कक्षाओं पर ध्यान दिया गया। जो विद्यार्थी जिस विषय में कमजोर था, उसकी विशेष कक्षा लगाकर आगे लगाने का प्रयास किया।

सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी

अर्ध्दवार्षिक परीक्षा के बाद स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक ली गई। कमजोर बच्चों की निदानात्मक कक्षाएं विषयवार लगाने के निर्देश दिए। जिन स्कूलों ने शत प्रतिशत पालन किया, उनका परिणाम सामने है। अब विद्यालयवार समीक्षा की जा रही है और जिनका रिजल्ट 50 फीसदी से कम हैं, उन पर सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी।
– मनीष वर्मा, जेडी लोक शिक्षण

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