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Madhya Pradesh News: नर्सिंग कालेजों की फैकेल्टी को देना होगा शपथ पत्र सिर्फ एक कालेज में है नाम Digital Education Portal

Madhya Pradesh News: मध्‍य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल में पंजीयन अनिवार्य होगा। एक से ज्यादा कालेजों में फैकेल्टी के तौर पर दर्ज हुए तो पकड़ लेगा साफ्टवेयर।अभी तक मध्‍य प्रदेश में 241 कालेजों की समाप्त की जा चुकी है मान्यता

Madhya pradesh news:  नर्सिंग कालेजों की फैकेल्टी को देना होगा शपथ पत्र, सिर्फ एक कालेज में है नाम

Madhya Pradesh News: भोेपाल (राज्य ब्यूरो)। नर्सिंग कालेजों में हुए फर्जीवाड़े के बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय हर फैकेल्टी के लिए शपथ पत्र अनिवार्य करने जा रहा है। इसमें उन्हें बताना होगा कि उनका नाम और किसी कालेज में फैकेल्टी (शिक्षक) के तौर पर दर्ज नहीं है। मेडिकल कालेजों में पहले से यह व्यवस्था है। साथ ही मप्र नर्सिंग काउंसिल में पंजीयन भी अनिवार्य कर दिया गया है।

अभी तक दूसरे राज्यों या इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आइएनसी)में कराए गए पंजीयन को भी मान्य किया जा रहा था। ऐसे में कोई फैकेल्टी अपने नाम को शार्ट फार्म में लिखकर फैकेल्टी के तौर पर पंजीकृत होता था तो पकड़ पाना मुश्किल होता था। काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि एमपी आनलाइन के पोर्टल पर जैसे ही फैकेल्टी मप्र नर्सिंग काउंसिल का पंजीयन नंबर डालेगा पहले कहीं नाम होने पर जानकारी आ जाएगी।

241 कालेजों की समाप्त की जा चुकी है मान्यता

फर्जीवाड़ा करने के चलते प्रदेश के 241 कालेजों की मान्यता नर्सिंग काउंसिल द्वारा समाप्त की जा चुकी है। इनके अलावा मौजूदा सत्र में 94 कालेजों की मान्यता हाईकोर्ट जबलपुर के निर्देश पर नर्सिंग काउंसिल ने निलंबित की थी। इनमें कई बड़े कालेज भी शामिल थे। इन कालेजों ने मान्यता नवीनीकरण के संबंध में काउंसिल द्वारा भेजे गए ईमेल का जवाब ही नहीं दिया था।

जवाब देने पर इनमें 80 कालेजों की मान्यता बहाल की जा चुकी है। इनके अलावा 45 कालेजोें की मान्यता 21 सितंबर को समाप्त की गई है। यह वही कालेज हैं जिन्हें मान्यता देने के लिए नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को हाईकोर्ट ने निलंबित करने को कहा था।

रजिस्ट्रार ने कहा था कि मापदंड पूरा करने पर ही इन कालेजों को मान्यता दी गई थी। इसके बाद ला स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने कुछ कालेजों के संबंध में दस्तावेज कोर्ट में पेशकर बताया था कि कालेजों में न तो फैकेल्टी, न भवन और नहीं अस्पताल। इसके बाद भी मान्यता दे दी गई है।

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इसके पहले 93 कालेजों की मान्यता जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर समाप्त की गई थी। इनके अलावा ग्वालियर संभाग के 70 कालेजों की मान्यता भी समाप्त की जा चुकी है।

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