Mp news

💥Big Breaking 💥 मध्य प्रदेश में 257 संजीवनी क्लीनिक और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे Digital Education Portal

15 वें वित्त आयोग में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए प्रदेश को मिले 467 करोड़ रुपये।

मध्‍य प्रदेश में 257 संजीवनी क्लीनिक और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे
भोपाल। शहरों में मरीजों के इलाज की सुविधाएं बढ़ने जा रही हैं। एक साल के भीतर प्रदेश में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) और संजीवनी क्लीनिक मिलाकर 257 अस्पताल खुलेंगे। 15 वें वित्त आयोग के तहत 467 करोड़ रुपये प्रदेश को शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए मिले हैं। इससे यह अस्पताल खोलने के साथ ही मौजूदा अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने का प्रविधान भी है। इन अस्पतालों के खुलने का फायदा यह होगा कि मरीजों को उनके घर के पास ही इलाज मिल जाएगा।

इतना ही नहीं पहले से चल रहे अस्पतालों में जांच और इलाज की सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। अभी प्रदेश के शहरों में 110 संजीवनी क्लीनिक, 141 यूपीएचसी और 62 सिविल डिस्पेंसरी हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारियों ने बताया कि नए पुराने सभी संजीवनी क्लीनिक और यूपीएचसी का एक साल का बजट 75 लाख रुपये है। इसमें 25 लाख रुपये भवनों के उन्नयन के लिए है। बाकी राशि दवाएं और अन्य सामान के लिए है। हर साल 12 लाख रुपये का प्रविधान किराए के लिए रखा गया है। अब 46 तरह की जांचें हो सकेंगी दोनों तरह के अस्पतालों में जांचों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

अभी कार्ड से 12 तरह की जांचें की जा रही हैं। अब इन जांचों के अलावा 34 तरह के जांच लैब से कराई जाएंगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से एक निजी लैब (फर्म) से प्रदेश भर में जांचों के लिए अनुबंध किया गया है। लैब की तरफ से अस्पतालों से सैंपल लेकर एक जगह (हब) एकत्र किया जाएगा। वहीं पर जांच कराई जाएगी। भोपाल संभाग में यह सुविधा शुरू कर दी गई है।यहां कोलार, गांधी नगर, बैरसिया और अशोका गार्डन यूपीएचसी को हब बनाया गया है। उज्जैन संभाग में हफ्ते भर के भीतर और मार्च अंत तक पूरे प्रदेश में इतनी जांचें होने लगेंगी।

हर महीने आ रहे औसतन 1500 मरीज

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों ने बताया कि हर महीने औसतन 1500 मरीज संजीवनी क्लीनिक या यूपीएचसी में आ रहे हैं। यानी हर दिन करीब 50 मरीज आ रहे हैं।संजीवनी क्लीनिक खुलने का समय सुबह 10 से शाम पांच बजे तक और यूपीएचसी का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक है।

यूपीएचसी और संजीवनी क्लीनिक में मिलती हैं ये सुविधाएं

Join whatsapp for latest update

120 तरह की दवाएं देने की व्यवस्था है, हालांकि कई जगह सभी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। मार्च के पहले दवाओं की संख्या 204 करने की तैयारी है।

इन अस्पतालों में ओपीडी और डे केयर की सुविधा होती है।

Join telegram

इनका कहना है

एक एमबीबीएस डाक्टर, फार्मासिस्ट, एक स्टाफ नर्स और एक बहुउद्देशीय कर्मचारी रहता है। 257 नए संजीवनी क्लीनिक और यूपीएचसी शुरू करने के लिए बजट मिला है। जांच और दवाओं की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। अभी 12 तरह की जांचें रैपिड कार्ड से हो रही हैं, जो बढ़कर 46 हो जाएंगी।

डा. पंकज शुक्ला, डायरेक्टर, एनएचएम

  • #Sanjivani Clinic
  • #Urban Primary Health Centers
  • #Madhya Pradesh news
  • #Madhya Pradesh government
  • #15th Finance Commission
  • #Urban Health Program

हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा .

Team Digital Education Portal

शैक्षणिक समाचारों एवं सरकारी नौकरी की ताजा अपडेट प्राप्त करने के लिए फॉलो करें

Follow Us on Telegram
@digitaleducationportal
@govtnaukary

Follow Us on Facebook
@digitaleducationportal @10th12thPassGovenmentJobIndia

Follow Us on Whatsapp
@DigiEduPortal
@govtjobalert


Discover more from Digital Education Portal

Subscribe to get the latest posts to your email.

Show More

आपके सुझाव हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं ! इस पोस्ट पर कृपया अपने सुझाव/फीडबैक देकर हमे अनुग्रहित करने का कष्ट करे !

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|