educationEducational NewsMp news

MP के इस सरकारी स्कूल से नहीं हटेंगी निगाहें!: राजधानी में बना पहला CM राइज स्कूल; हर उम्र के बच्चे के लिए उसकी सोच के हिसाब से खिलौने, खेल और कोर्स; बिना टेस्ट एडमिशन Digital Education Portal

राजधानी का सरकारी स्कूल ऐसा भी है, जहां शायद ऐसा हो कि बच्चा आने के बाद वापस जाने की जिद ही ना करे। जी हां, बात कर रहे हैं CM राइज स्कूल की। जहांगीराबाद का रशीदिया स्कूल को खास तौर पर मॉडल के रूप में बनाया है। इसे पहली कक्षा से लेकर 8वीं क्लास तक के बच्चों की छोटी से छोटी बात को ध्यान में रखकर नया रूप दिया गया है।

दीवारों पर समुद्री जीवों से लेकर अंतरिक्ष की जानकारी देने वाले चित्र और टेडी बियर उकेरे और रखे गए हैं। कलर फुल इस थीम में बच्चों की मानसिक और फिजिक्स को ध्यान में रखते हुए टेबल और कुर्सी भी खास डिजाइन के हैं। टॉयलेट तक के डिजाइन और रंग तक पर विशेष ध्यान दिया गया है। स्कूल को सीसीटीवी की निगरानी में रखा है।

स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश शुरू हो गया है। अब तक 33 बच्चों के एडमिशन हो चुके हैं। सिर्फ 7 सीट ही शेष रह गईं हैं। स्कूल में जाकर सीधे एडमिशन लिया जा सकता है। इसके लिए कोई खास प्रक्रिया नहीं है। प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। इस कारण इसकी जानकारी अभी ज्यादा लोगों को नहीं है।

एडमिशन के लिए टेस्ट नहीं

स्कूल में अभी पहली से लेकर 8वीं तक की क्लास के लिए सामान्य प्रक्रिया से ही एडमिशन दिया जा रहा है। क्लास फुल होने के बाद कुछ छात्रों को वेटिंग में लिया जाता है। सत्र शुरू होने पर किसी बच्चे के ड्राॅप होने पर वेटिंग वाले बच्चों को अवसर दिया जाता है। डीईओ नितिन सक्सेना ने बताया, अभी स्कूल में प्रत्येक क्लास के लिए 8 टीचर हैं। इसके अलावा 5 से 6 टीचर म्यूजिक, स्पोर्ट और लाइब्रेरी के लिए दूसरे स्कूल से अटैच किया गया है।

एडमिशन की स्थिति

कक्षा सीट भरी खाली वेटिंग
1 40 33 7 नहीं
2 40 12 28 नहीं
3 40 27 13 नहीं
4 40 25 15 नहीं
5 40 40 फुल 7 वेटिंग
6 40 40 फुल 12 वेटिंग
7 40 40 फुल 7 वेटिंग
8 40 38 2 नहीं

सिर्फ 40 दिन में तैयार किया स्कूल

इस स्कूल को तैयार होना सरकारी विभागों की छवि सुधारने में भी महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि सिर्फ 40 दिन में इस स्कूल को तैयार किया गया है। इसे नया रूप देने के लिए कमिश्नर कविंद्र कियावत, स्कूल शिक्षा विभाग के जेडी राजीव तोमर के नेतृत्व में नगर निगम, स्मार्ट सिटी और पीडब्ल्यूडी विभाग ने दिया है। सभी विभागों के अधिकारी दिन में कम से कम एक बार दौरा करते थे। प्रिंसिपल से लेकर शिक्षक और सभी कर्मचारियों ने एक दिन में 14-14 घंटे तक काम किया, तब जाकर तय समय पर इसे तैयार किया गया। प्रिंसिपल निवेदिता भटनागर ने बताया, अभी ऑनलाइन क्लास ही चल रही हैं। पहली से 8वीं की क्लास खोलने के शासन के निर्देश होते ही ऑफलाइन क्लास शुरू कर देंगे। हम भी नई क्लास को लेकर बच्चों के रिएक्शन का इंतजार है।

बच्चों के मानस के अनुसार 8 थीम पर बनाया

योजना बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षक आशुतोष पांडे ने बताया, कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के बच्चों के मानस को देखते हुए स्कूल डिजाइन किया गया है। इसमें रंग से लेकर पेंटिंग और कुर्सी टेबल तक के रंग का चयन बच्चों की रुचि को ध्यान में रखा गया है। सभी क्लास को विशेष थीम में ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

कक्षा – 1 : समुद्र थीम दिया गया है। सोच यह है, क्लास में पहली बार आने वाले बच्चों के लिए जानना जरूरी है कि धरती पर 70% पानी है। समुद्र में जीवन कैसा और क्या है?

Join whatsapp for latest update

कक्षा – 2 : जू थीम पर है। बच्चे अपने आप को दूसरे चीजों से जोड़ना शुरू करते हैं। उन्हें जंगल और पशु-पक्षुओं के महत्व को जानना जरूरी है।

कक्षा – 3 : मातृभूमि थीम पर है। इसे बच्चों की जानकारी को ध्यान में रखाकर रखा गया है। वह बिजली से लेकर पर्यावरण को समझने लगता है। इसमें उन्हें सभी घर में उपयोग होने वाली जरूरत के चीजों के बारे में बताया जाएगा।

Join telegram

कक्षा – 4 : जिम्मेदारी की थीम है। सोच यह है कि चौथी में आने पर बच्चे समझदार होने लगते हैं। वह कुछ अलग करने के बारे में सोचने लगते हैं। इसलिए वे क्या कर सकते हैं और उनकी क्षमता क्या है। इस पर काम किया जाएगा।

कक्षा – 5 : एक्स्ट्रा एक्टिविटी थीम है। अब इस उम्र में बच्चे पढ़ाई के साथ दूसरी एक्टिविटी में रुचि दिखाने लगते हैं। इसमें स्पोर्ट्स, पेटिंग और अन्य तरह की दूसरी एक्टिविटी।

कक्षा – 6 : रिश्ते और भावनाएं। अब बच्चा सिर्फ माता-पिता के अलावा दूसरे बच्चों और रिश्ते जोड़ना शुरू कर देते हैं। यहां उन्हें रिश्तों के महत्व को बताया जाता है।

कक्षा – 7 : पहचान थीम है। यहां से बच्चे अपनी पहचान बनाना शुरू करते हैं। वह अपने मूल्यों को बनाना तैयार करते हैं, तो यहां से उन्हें यह बताना जरूरी है कि उन्हें किस राह पर चलना है।

कक्षा – 8 : उड़ान थीम है। 8वीं के बाद बच्चे को अपने करियार के अनुसार सोचना होता है। बच्चे के लिए सबसे अहम समय होता है। यहीं से वह अपने सपनों की उड़ान शुरू करता है।

यह सुविधाएं भी

स्कूल में बच्चों के लिए विशेष टॉयलेट, मेडिकल रूम, स्पोर्ट्स रूम, योगा आदि के लिए ओपन स्कूल, आउड डोर प्ले मैदान, कम्प्यूटर रूम, स्मार्ट क्लास, डिजिटल ब्लैक बोर्ड, म्यूजिक रूम, क्रिएटिविटी स्पेस (जहां बच्चों द्वारा बनाई चीजें डिस्प्ले) के अलावा लंच के लिए अलग से कैफेटेरिया विशेष रूप से बनाया गया है।

खबरें और भी हैं…

हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा .

Team Digital Education Portal

शैक्षणिक समाचारों एवं सरकारी नौकरी की ताजा अपडेट प्राप्त करने के लिए फॉलो करें

Follow Us on Telegram
@digitaleducationportal
@govtnaukary

Follow Us on Facebook
@digitaleducationportal @10th12thPassGovenmentJobIndia

Follow Us on Whatsapp
@DigiEduPortal
@govtjobalert

Show More

Leave a Reply

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please Close Adblocker to show content