मध्यप्रदेश सरकार का दीपावली का तोहफा : हर भूमिहीन को मिलेगा मुफ्त प्लाट ,आवासीय भू-अधिकार योजना लागू, पात्रता, ऑनलाइन आवेदन एवं अन्य शर्ते

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प्रदेश में जिन परिवारों के पास खुद की जमीन नहीं है, उन्हें अधिकार देने सरकार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना लागू करने के आदेश जारी किए हैं। ये योजना चुनाव वाले जिलों में आचार संहिता खत्म होने के बाद लागू होगी। योजना में भूखंड विहीन को 645 वर्ग फीट प्लॉट मिलने के बाद शासकीय योजना का भी लाभ मिलेगा और बैंक ऋण मिलने में भी आसानी होगी।
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मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे परिवार जिनके पास प्लॉट नहीं है, उन्हें सरकार मुफ्त में प्लॉट उपलब्ध कराएगी। बदले में उनसे किसी तरह की प्रीमियम राशि जमा नहीं करवाई जाएगी। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनने का रास्ता खुल जाएगा। सीएम ने ने गुरुवार को अपने निवास से जारी संदेश में कहा कि भूखंड का अधिकार पत्र पति-पत्नी के संयुक्त नाम से दिया जाएगा। भूखंड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा। परिवार से आशय पति-पत्नी तथा उनके अविवाहित पुत्र पुत्री होंगे। आवेदन करने के लिए वही आवेदक परिवार पात्र होंगे, जो संबंधित ग्राम के निवासी हों। पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्रामवासियों से आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी।
उपचुनाव वाले जिले में फिलहाल योजना लागू नहीं होगी
इस योजना के तहत मुख्यमंत्री की ओर से भूमिहीन को भूखंड मिल जाएगा। साथ ही इस भूखंड को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल कर मकान बनाने के लिए पात्र माना जाएगा। यानी भूखंड देने के साथ मकान बनने की राह भी खोल दी गई है। योजना उपचुनाव वाले जिले (खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़, आलीराजपुर, देवास और सतना) में फिलहाल लागू नहीं होगी।
गरीब हो या अमीर जिसने इस धरती पर जन्म लिया उसे रहने का अधिकार : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रत्येक परिवार को सम्मान के साथ जीवनयापन करने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए यह योजना लागू की है। गरीब हो या अमीर, जिसने इस धरती पर जन्म लिया है, उसका यह अधिकार है कि रहने के लिए जमीन का एकटुकड़ा तो कम से कम उसके नाम हो । जिस पर वह आवास बनाकर रह सके। इसके मद्देनजर हमने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। ऐसे घर, जिनमें एक से अधिक परिवार रहते हैं, उनके पास रहने का कोई भूखंड नहीं है, उन्हें प्रत्येक ग्राम पंचायत में आबादी क्षेत्र की भूमि पर निरशुल्क आवासीय भूखंड का पट्टा दिया जाएगा। भू-स्वामी अधिकार सहित दिए जाने वाले इस भूखंड पर बैंकों से ऋण की सहायता भी मिल सकेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने की राह भी इससे खुल जाएगी।
इन्हें होगी निःशुल्क प्लॉट की पात्रता…
प्रदेश के ऐसे भूमिहीन नागरिक जिनके पास आवास नहीं हैं, उन्हें शिवराज सरकार ने बड़ी सौगात दी है। सरकार ऐसे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर आवासीय भूखंड (प्लाट) देगी। यह अधिकतम 60 वर्ग मीटर आकार का होगा और इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। भू-स्वामी अधिकार पत्र पति-पत्नी के संयुक्त नाम से दिया जाएगा। परिवार के किसी भी सदस्य के आयकरदाता या शासकीय सेवक होने पर वे योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। सरकार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना लागू की है।
- आवंटन के लिए भूखंड का क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा।
- परिवार से आशय पति-पत्नी तथा अविवाहित पुत्र-पुत्री होंगे।
- आवेदन कलेक्टर कार्यालय में ऑनलाइन जमा होंगे,
- 10 दिन , में होगा निराकरण ।
- पात्र परिवार को गांव का निवासी होना अनिवार्य होगा।
- भूखंड आवंटन के लिए कोई भी प्रीमियम देय नहीं होगा,
- आवेदनों का निराकरण कमिश्नर करेंगे।
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
- जिन परिवारों के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिए आवास है।जिस परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक भूमि है।
- जिसका नाम ग्राम की एक जनवरी 2021 की मतदाता सूची में नहीं होगा।
- आवेदक परिवार का कोईसदस्य आयकरदाता है।
- आवेदक परिवार को कोई भी सदस्य शासकीय नौकरी में है।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उचित मूल्य की राशन दुकान से राशन पाने के लिए पात्रता पर्ची नहीं होना।
राशन दुकान से राशन नहीं लेने वाले अपात्र
इस योजना की एक खासियत यह भी है कि गांव में जो व्यक्ति pds की दुकान से राशन के लिए पात्र नहीं है ऐसे लोग इस योजना के लिए अपात्र होंगे। इसके अलावा जिन परिवारों के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिए आवास है अथवा परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है या जो परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं है, अथवा यदि परिवार का कोई भी सवस्थ आयकर दाता या परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में है, या आवेदक का नाम उस ग्राम में जहां वह आवासीय भू-खंड चाहता है वहां एक जनवरी 2021 को प्रचलित मतदाता सूची में दर्ज नहीं है वे व्यक्ति योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
कलेक्टर घोषित कर सकते हैं आबादी भूमि
भू-राजस्व संहिता के तहत कलेक्टर दखलरहित भूमि को आबादी भूमि घोषित कर सकते हैं। यदि दखलरहित भूमि के बाद जमीन की कमी महसूस होती है तो निजी भूमि भी अर्जित करने का अधिकार कलेक्टर को है।
आनलाइन करना होगा आवेदन
योजना में शामिल होने के लिए आनलाइन ssara पोर्टल से आवेदन करना होगा। आवेदन का परीक्षण पंचायत के सचिव व पटवारी करेंगे और पोर्टल पर आनलाइन ही जानकारी भेजेंगे।
तहसीलदार ग्रामवार सूची तैयार करेंगे।
राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तय किया है कि जिन परिवारों के पास कोई भूखंड नहीं है, उन्हें सरकार निश्शुल्क प्लाट उपलब्ध कराएगी।
-शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
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