मेडिकल यूनिवर्सिटी ने ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है।
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मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (MU) में रिजल्ट बनाने वाली ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स इन्फ्राटेक को टर्मिनेट करने के बाद अब ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। भविष्य में भी ये कंपनी MU में कोई ठेका नहीं ले पाएगी। इस कंपनी का अतीत भी दागदार रहा है। कंपनी UP के आगरा स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में भी ठेका लेकर गड़बड़ी कर चुकी है। आगरा पुलिस ने कंपनी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण तक दर्ज किया था।
MU में परीक्षा-परिणाम में पास-फेल और नंबर बढ़ाने-घटाने के खेल में एग्जाम कंट्रोलर और एक लिपिक के साथ मिलकर गड़बड़ी करने वाली ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स की पुरानी करतूतें भी सामने आने लगी हैं। चार दिन पहले ही MU ने इस कंपनी से ऑनलाइन कामकाज का अनुबंध समाप्त किया था। अब इस कंपनी को ब्लैकलिस्टेड भी कर दिया है।
यूनिवर्सिटी में कंपनी का कमरा सील
चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से विवि में परीक्षा-परिणाम में अनियमितताओं की जांच के दौरान भी माइंडलॉजिक्स कंपनी ने छात्र-छात्राओं का डाटा शेयर नहीं किया था। नोटिस का भी संतोषजनक जवाब जांच समिति को नहीं दिया था। कंपनी का डाटा खंगालने पर और गड़बड़ी सामने आ सकती है। यही कारण है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित ठेका कंपनी का कमरा सील कर दिया गया है। इसकी जांच के बाद यदि जरूरत हुई तो यहां भी ठेका कंपनी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जा सकते हैं।
3 साल पहले ठेका कंपनी से हुआ था अनुबंध
ठेका कंपनी की करतूत के साथ ही MU प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। MU ने माइंडलॉजिक्स कंपनी से 16 जुलाई, 2018 को अनुबंधन किया था। कंपनी की ऑनलाइन रिजल्ट प्रक्रिया में खामी, गोपनीयता भंग होने और निविदा शर्तों के विरुद्ध कामकाज का प्रकरण सामने आते रहे, पर इन शिकायतों को MU प्रशासन नजरअंदाज करता रहा। छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं फेंके जाने के मामले में गढ़ा थाने में शिकायत कर फिर इसे वापस ले लिया था। तीन वर्षों में इस ठेका कंपनी ने कितने छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया होगा, इसका खुलासा डाटा की जांच के बाद ही हो पाएगा।
दागी कंपनी से MU ने किया था अनुबंध
माइंडलॉजिक्स कंपनी का अतीत भी दागदार रहा। बावजूद MU ने अनुबंध से पहले इसके बारे में पता नहीं किया, जबकि ठेका कंपनी ने वर्ष 2011-13 में आगरा यूनिवर्सिटी का भी ठेका लिया था। तब भी कंपनी पर इसी तरह की गड़बड़ी का आरोप लगा था। मामले में ठेका कंपनी के खिलाफ 4 सितंबर, 2018 को आगरा पुलिस ने धाेखाधड़ी, अमानत में ख्यानत, साजिश रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत FIR दर्ज किया गया था।
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