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National Sports Day 2021: जानें क्यों हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है राष्ट्रीय खेल दिवस

National sports day 2021

राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त: देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. यह दिवस हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस का आयोजन खेलों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है.

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारत में खेलों के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन पुरस्कारों में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार शामिल हैं. इस अवसर पर खिलाड़ियों के साथ-साथ उनकी प्रतिभा निखारने वाले कोचों को भी सम्मानित किया जाता है.

अन्य जानकारी

पंजाब और चंडीगढ़ में यह दिन बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता और जर्मन सेना में कर्नल बनाने का प्रस्ताव दिया था जिसे 31 साल के ध्यानचंद ने विनम्रता से ठुकरा दिया था.

राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व असीम है. यह केवल इस दिन का जश्न मनाने के बारे में ही नहीं है बल्कि देश भर में खेलों और खेलों की भावना का जश्न मनाने के बारे में है. इस दिन खेल के महत्व पर प्रकाश डालना और खेल के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करना है.

इस तरह के दिवस युवाओं को रोजगार प्रदान करते हैं और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस का मुख्य उद्देश्य खेल के महत्व के बारे में जागरुकता पैदा करना और मानव शरीर के अपने फायदे को समझने के लिए लोगों का ध्यान केंद्रित करना है.

मेजर ध्यानचंद के बारे में

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था.

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मेजर ध्यानचंद भारत के सबसे बड़े हॉकी खिलाड़ी थे.

मेजर ध्यानचंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे.

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उन्होंने वर्ष 1926 से वर्ष 1948 के बीच 1000 से अधिक गोल किए थे.

उन्होंने भारत को वर्ष 1928 का एम्सटर्डम ओलंपिक, वर्ष 1932 का लॉस एंजिल्स ओलंपिक और वर्ष 1936 का बर्लिन ओलंपिक जीताने में मदद की.

वे हॉकी के पैरामीटर बन चुके थे जिसके द्वारा अन्य खिलाड़ियों की क्षमता को मापा जाता हैं.

ध्यानचंद केवल 16 वर्ष की उम्र में सेना में शामिल हो गये थे.

उनकी गिनती भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में होती है.

वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे.

उन्हें वर्ष 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.

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