Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/index.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4

Notice: Undefined index: HTTP_ACCEPT_LANGUAGE in /home/educationportal.org.in/public_html/wp-blog-header.php on line 4
School Fees During Lockdown लॉकडाउन के दौरान स्कूल नहीं ले सकते पूरी फीस पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20% कम लेनी होगी फीस - सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश
coronaeducation

School fees during lockdown लॉकडाउन के दौरान स्कूल नहीं ले सकते पूरी फीस पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20% कम लेनी होगी फीस – सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश

 सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में देशभर के प्राइवटे स्कूलों को आदेश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान वे छात्रों से पूरी फीस नहीं वसूल सकते हैं. इसके साथ ही, सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा है कि फीस का भुगतान नहीं करने की स्थिति में 10वीं-12वीं के किसी छात्र का रिजल्ट भी नहीं रोका जाएगा और न ही उन्हें कोई परीक्षा में बैठने से रोक सकता है.

अदालत ने कहा है कि जो अभिभावक फीस का भुगतान करने में आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं हैं, उनकी फीस माफी पर भी स्कूलों को विचार करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्कूल सत्र 2020-21 के लिए वार्षिक फीस ले सकते हैं, लेकिन इसमें भी उन्हें 15 फीसदी की रियायत देनी होगी, क्योंकि छात्रों ने स्कूलों से वह सारी सुविधाएं नहीं ली हैं, जो वे स्कूल आने पर लेते थे. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि स्कूल अभिभावकों से बकाया फीसदी 5 अगस्त से 6 किस्तों में वसूल करें और फीस नहीं देने या भुगतान में देर होने पर 10वीं और 12वीं का रिजल्ट नहीं रोका जाएगा तथा न ही छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्कूल सत्र 2020-21 के लिए वार्षिक फीस ले सकते हैं, लेकिन इसमें भी उन्हें 15 फीसदी की रियायत देनी होगी, क्योंकि छात्रों ने स्कूलों से वह सारी सुविधाएं नहीं ली हैं, जो वे स्कूल आने पर लेते थे. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि स्कूल अभिभावकों से बकाया फीसदी 5 अगस्त से 6 किस्तों में वसूल करें और फीस नहीं देने या भुगतान में देर होने पर 10वीं और 12वीं का रिजल्ट नहीं रोका जाएगा तथा न ही छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका जा सकता है.
School Fees During Lockdown लॉकडाउन के दौरान स्कूल नहीं ले सकते पूरी फीस पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20% कम लेनी होगी फीस - सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश 10

इतना ही नहीं, अदालत ने स्कूलों से यह भी कहा है कि यदि कोई अभिभावक फीसदी का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, तो स्कूल उनके मामलों पर गंभीरता से विचार करेंगे और उनके बच्चों का रिजल्ट नहीं रोकेंगे. पीठ ने यह भी माना है कि यह आदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इसमें यह कहीं भी नहीं है कि सरकार महामारी की रोकथाम के लिए शुल्क और फीस या अनुबंध में कटौती करने का आदेश दे सकती है. इस अधिनियम में प्राधिकरण का आपदा के प्रसार की रोकथाम के उपाय करने के लिए अधिकृत किया गया है.

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों ने बिजली, पानी, पेट्रोल-डीजल, स्टेशनरी, रखरखाव और खेलकूद के सामानों के पैसे बचाएं हैं. ये बचत करीब 15 फीसदी के आसपास बैठती है. ऐसे में, छात्रों से इन सबका पैसा वसूलना शिक्षा का व्यवसायीकरण करने जैसा होगा.

अगर आप को डिजिटल एजुकेशन पोर्टल द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अधिक से अधिक शिक्षकों के साथ शेयर करने का कष्ट करें|

Join whatsapp for latest update
Follow us on google news - digital education portal
Follow Us On Google News – Digital Education Portal

हमारे द्वारा प्रकाशित समस्त प्रकार के रोजगार एवं अन्य खबरें संबंधित विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जाती है। कृपया किसी प्रकार के रोजगार या खबर की सत्यता की जांच के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट विजिट करें | अपना मोबाइल नंबर या अन्य कोई व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी शेयर न करे ! किसी भी रोजगार के लिए व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती हैं ! डिजिटल एजुकेशन पोर्टल किसी भी खबर या रोजगार के लिए जवाबदेह नहीं होगा

Team Digital Education Portal

Join telegram
Show More

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Digital Education Portal

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Please Close Ad Blocker

हमारी साइट पर विज्ञापन दिखाने की अनुमति दें लगता है कि आप विज्ञापन रोकने वाला सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया इसे बंद करें|