MGNREGA मोदी सरकार का बेरोजगारों को तोहफा, गांव की तरह छोटे शहरों में भी मनरेगा के तहत मिलेगा रोजगार
MGNREGA . सरकार बेरोजगारों (Unemployed) को काम दिलाने के लिए कई योजनाएं बना रही है. इसी कड़ी में मोदी सरकार अपने रोजगार कार्यक्रम मनरेगा (MNREGA Employment Programme) मनरेगा (एमजीएनआरईजीए) को गांवों के साथ शहरों में भी लाने की योजना बना रही है. यह रोजगार उन लोगों को शहरों में मिलेगा जो कोरोना से हुए लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हो गए हैं. अगर इस योजना को अमल में लाया गया तो शहरों में भी एक बड़ी आबादी को रोजगार मिल पाएगा.
मनरेगा : इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस रोजगार कार्यक्रम को छोटे शहरों में लागू किया जाएगा.
इसके पीछे सोच यह है कि बड़े शहरों में आमतौर पर प्रशिक्षित या जानकार कामगारों की जरूरत ज्यादा होती है. जबकि छोटे शहरों में दिहाड़ी कामगारों के लिए प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती है. इस पर शुरुआत में 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सरकार इस आइडिया पर पिछले साल से ही विचार कर रही है. कोरोना की वजह ने अब इसे तेजी से लागू करने का अवसर दे दिया है.
MGnrega – कामगार प्रति दिन कम से कम 202 रुपये पाते हैं
मोदी सरकार ने इस साल मनरेगा के तहत पहले ही 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इस योजना में ग्रामीण इलाकों के कामगार प्रति दिन कम से कम 202 रुपये पाते हैं. साल में कम से कम 100 दिन उन्हें काम मिलता है. शहरी इलाकों में इसे लागू किए जाने से कोरोना में बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार मिल सकेगा.कोरोना के कारण बेरोजगारी दर बढ़कर 23 प्रतिशत पर पहुंच गई थी
कोविड-19 कारण शहरी इलाकों में लोगों पर बहुत ज्यादा असर डाला है. इससे कामगारों के लिए बेरोजगारी की समस्या आ गई है. अप्रैल में 12.1 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार चले गए. इससे बेरोजगारी की दर बढ़कर 23 प्रतिशत पर पहुंच गई है. हालांकि जब से अनलॉक शुरू हुआ है, तब से बेरोजगारी की दर में गिरावट आ रही है.
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