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मध्य प्रदेश में दिवंगत 70 शिक्षक परिवारों को अध्यापक-शिक्षक संघ ने दिया संबल Digital Education Portal
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मध्य प्रदेश में दिवंगत 70 शिक्षक परिवारों को अध्यापक-शिक्षक संघ ने दिया संबल Digital Education Portal

सहायता की पहल शुरू करने वाला प्रदेश का पहला कर्मचारी संघ

मध्‍य प्रदेश में दिवंगत 70 शिक्षक परिवारों को अध्यापक-शिक्षक संघ ने दिया संबल
भोपाल(राज्य ब्यूरो)। शिक्षक पति या पिता के दिवंगत होने के बाद आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे उनके स्वजन का जब मामूली पेंशन से काम नहीं चला और आर्थिक तंगी के कारण वे किसी समस्या में उलझे तब आजाद अध्यापक-शिक्षक संघ ने उन्हें संबल दिया। संघ ने 20-20 हजार रुपये देकर ऐसे 70 परिवारों की मदद की है। इनमें से कुछ परिवारों को नवंबर और कुछ को दिसंबर 2021 में सहयोग किया गया।

ज्ञात हो कि इन परिवारों को ही ध्यान में रखकर संघ ने पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली का अभियान छेड़ा है। मनोकामना यात्रा इसी अभियान का हिस्सा थी। संघ पुरानी पेंशन की बहाली की मांग पर अड़ा है और राज्य सरकार पर दबाव बनाने की नई रणनीति तय कर रहा है। संभवत: प्रदेश का यह पहला कर्मचारी संघ है, जिसने अपने सदस्यों का इस तरह से सहयोग किया है।

प्रदेश में दो लाख 85 हजार शिक्षक हैं। यह वर्ष 2018 में अध्यापक से शिक्षक बने हैं। इन्हें वर्तमान में अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है, पर इससे फायदा नहीं है। हालात यह हैं कि सेवानिवृत व दिवंगत शिक्षकों के स्वजनों को पेंशन के नाम पर हर माह 1200 से तीन हजार रुपये मिल रहे हैं। संघ इस राशि को भरण-पोषण के लिए नाकाफी मानता है और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है।

संघ के पदाधिकारी कहते हैं कि सरकार पिछले तीन साल में कोरोना एवं अन्य कारणों से दिवंगत हुए शिक्षकों के स्वजन की ही सुध ले। मनोकामना यात्रा में भी हमने यही बात की है। इतने परिवारों का सहयोग करने पर सरकार पर ज्यादा आर्थिक भार नहीं आएगा, पर सरकार सुन नहीं रही है।

आजीवन सदस्यों के स्वजन को मिली आर्थिक मदद

संघ ने उन्हीं दिवंगत सदस्यों के स्वजन की आर्थिक मदद की है, जिन्होंने आजीवन सदस्यता ली है। संघ को पांच सौ रुपये देकर आजीवन सदस्यता लेने वाले 22 हजार शिक्षक हैं। इन सदस्यों से इकठ्ठा की गई राशि में से 14 लाख रुपये दिवंगत सदस्यों के स्वजन को दी गई है। संघ आजीवन सदस्यता शुल्क में से 50 प्रतिशत राशि जिला इकाई को देता है और शेष राशि में से किसी सदस्य की आर्थिक सहायता सहित विभिन्न् कार्यक्रमों पर खर्च करता है।

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इनका कहना है

ऐसे परिवारों को जो पेंशन मिल रही है, उससे भरण-पोषण संभव नहीं है और सरकार भी सुध नहीं ले रही है। इसलिए संघ ने सभी की सहमति से 70 परिवारों को 20-20 हजार रुपये की सहायता दी है। अब हम शिक्षकों का सामूहिक बीमा कराने का भी प्रयास कर रहे हैं। इसे लेकर बीमा कंपनियों से बात चल रही है।

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भरत पटेल, प्रांताध्यक्ष, मप्र आजाद अध्यापक-शिक्षक संघ

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