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मॉस्को: रूस में बनी कोरोना की वैक्सीन के पहले बैच को आम जनता के लिए लॉन्च कर दिया गया है. रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है. रूस के गमेलिया रिसर्च सेंटर और रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने इस स्पूतनिक वी नाम की वैक्सीन को बनाया है.
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “कोरोना वायरस से बचाने वाली स्पूतनिक वी वैक्सीन ने लैब में सभी जरूरी टेस्ट पास कर लिए हैं, इसके पहले बैच को आम जनता के लिए रिलीज़ कर दिया गया है.”
बता दें कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 अगस्त को कोरोना से बचाने का दावा करने वाली वैक्सीन स्पूतनिक वी का रजिस्ट्रेशन करवाया था.
वैक्सीन को लेकर मॉस्को के मेयर सर्जे सोब्यानिन ने उम्मीद जताई कि बहुत आने वाले कुछ महीने में ही राजधानी के सभी लोगों को यह वैक्सीन दे दी जाएगी.
भारत समेत पांच देशों में होगा स्पूतनिक V वैक्सीन का ट्रायल
वहीं दुनिया के अन्य देशों में रूसी वैक्सीन की सप्लाई को लेकर भी बड़ा बयान सामने आया है. रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RFID) के प्रमुख ने कहा है कि इस महीने भारत समेत 5 देशों में क्लीनिकल ट्रायल शुरू होंगे. फेज़ 3 के शुरुआती नतीजे अक्टूबर-नवंबर तक सामने आएंगे. भारत के साथ सऊदी अरब, UAE, फिलीपींस और ब्राज़ील में क्लीनिकल ट्रायल शूरू होंगे.
रूस की कोरोना वैक्सीन का अध्ययन कर रहा भारत
भारत रूस की कोरोना वैक्सीन की का गंभीरता से अध्ययन कर रहा है. भारत में रूस से राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने कहा कि रूस विभिन्न स्तर पर वक्सीन को लेकर भारत के संपर्क में है. अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं. फिलहाल भारत इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर अध्ययन कर रहा है. इस मामले में अभी और अधिक जानकारी का इंतजार है. दोनों देशों के बीच वैक्सीन के सप्लाई और प्रोडक्शन को लेकर भी बात चल रही है.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- टीका प्रभावी और सुरक्षित
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस द्वारा पिछले महीने मंजूरी दिए गए कोरोना वायरस के टीके की प्रशंसा की और कहा कि यह प्रभावी और सुरक्षित है. राष्ट्रपति ने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की जो केवल दो महीने तक कुछ दर्जन लोगों पर परीक्षण के आधार पर मंजूरी देने पर सवाल उठा रहे हैं. पुतिन ने जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले टीके को सरकार ने सख्त रूसी कानून की कसौटी पर परखने के बाद मंजूरी दी है और ये कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है.
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