जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन ने बढ़ाई उम्मीदें, केवल एक डोज में ही ठीक हो सकता है मरीज; वैक्सीन को फ्रीजर में रखने की जरूरत भी नहीं
![जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन ने बढ़ाई उम्मीदें, केवल एक डोज में ही ठीक हो सकता है मरीज; वैक्सीन को फ्रीजर में रखने की जरूरत भी नहीं 4 Screenshot 2020 0927 092537](https://i0.wp.com/educationportal.org.in/wp-content/uploads/2020/09/Screenshot_2020_0927_092537.jpg?fit=770%2C886&ssl=1)
कंपनी ने क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया, 60 हजार लोग हैं शामिल, कहा- साल के अंत तक बता देंगे कि वैक्सीन असरदार है या नहीं
वैक्सीन में एडीनोवायरस का इस्तेमाल कर रही है जॉनसन एंड जॉनसन, यह कोरोनावायरस से जीन को इंसान के सेल तक लेकर जाता है
कोरोनावायरस वैक्सीन की रेस में एक और नाम शामिल हो गया है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने घोषणा की है कि उन्होंने क्लीनिकल ट्रायल्स के आखिरी चरण की शुरुआत कर दी है।
खास बात है कि जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में वैक्सीन निर्माण कर रही तीसरी कंपनी है। हालांकि, कंपनी दूसरे वैक्सीन निर्माताओं से कुछ महीने पीछे चल रही है,
लेकिन इसने अपने क्लीनिकल ट्रायल्स में 60 हजार लोगों को शामिल किया है। कंपनी के मुताबिक, साल के अंत तक यह बताया जा सकेगा कि वैक्सीन काम करेगी या नहीं।
एक डोज में होगा काम और वैक्सीन को जमाकर रखने की जरूरत नहीं
जॉनसन एंड जॉनसन ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, जिसके दूसरे बीमारियों से लड़ने में रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। जॉनसन एंड जॉनसन जिस वैक्सीन का निर्माण कर रही है,
उसे न तो अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत है और हो सकता है कि मरीज का एक डोज में इलाज हो जाए।
इतिहास में कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग और निर्माण इतनी तेजी से नहीं हुआ। जॉनसन एंड जॉनसन के पीछे सैनोफी और नोवा वैक्स भी वैक्सीन डेवलप करने में लगी हुई हैं। इनके भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
एक से ज्यादा वैक्सीन की जरूरत होगी
बेथ इजरायल डिकोनेस मेडिकल सेंटर में वॉयरोलॉजिस्ट डॉक्टर डेन बरूच ने कहा, “हमें कई वैक्सीन की जरूरत है।
दुनिया में 700 करोड़ लोग हैं और कोई भी एक अकेला वैक्सीन निर्माता इतने बड़े स्तर पर वैक्सीन प्रोड्यूस नहीं कर सकेगा।”
कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉक्टर पॉल स्टॉफल्स ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि जॉनसन एंड जॉनसन के फेज 3 के ट्रायल सोमवार से शुरू होंगे।
उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही पिछले ट्रायल्स का डेटा ऑनलाइन पोस्ट कर देगी।
जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोनावायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया है।
इसके बाद सेल कोरोनावायरस प्रोटीन्स बनाता है, न कि कोरोनावायरस। यही प्रोटीन बाद में वायरस से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करते हैं।
एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे जमाने की जरूरत नहीं होती है। जबकि, इस समय वैक्सीन के दो बड़े उम्मीदवार मॉडर्ना और फाइजर mRNA जैनेटिक मटेरियल पर निर्भर हैं।
इन कंपनियों की वैक्सीन को फ्रीज में रखने की जरूरत है, जिसके कारण इनका वितरण और मुश्किल हो जाएगा। खासतौर से उन जगहों पर जहां अच्छी मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं।
वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन में रिसर्च की वाइस चेयर वुमन डॉक्टर ज्यूडिथ फीनबर्ग ने कहा कि किसी को नहीं पता कि फेज 3 ट्रायल्स तक सिंगल डोज काम करेगा या नहीं, लेकिन अगर ऐसा होता है
तो यह तेजी से महामारी रोकने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “यहां असल मुद्दा समय है। हमें काफी तेजी से कई लोगों को वैक्सीन लगाना है।”
वैक्सीन में क्या है खास?
जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोनावायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया है।
इसके बाद सेल कोरोनावायरस प्रोटीन्स बनाता है, न कि कोरोनावायरस। यही प्रोटीन बाद में वायरस से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करते हैं।
एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे जमाने की जरूरत नहीं होती है। जबकि, इस समय वैक्सीन के दो बड़े उम्मीदवार मॉडर्ना और फाइजर mRNA जैनेटिक मटेरियल पर निर्भर हैं।
इन कंपनियों की वैक्सीन को फ्रीज में रखने की जरूरत है, जिसके कारण इनका वितरण और मुश्किल हो जाएगा। खासतौर से उन जगहों पर जहां अच्छी मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं।
वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन में रिसर्च की वाइस चेयर वुमन डॉक्टर ज्यूडिथ फीनबर्ग ने कहा कि किसी को नहीं पता कि फेज 3 ट्रायल्स तक सिंगल डोज काम करेगा या नहीं,
लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह तेजी से महामारी रोकने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “यहां असल मुद्दा समय है। हमें काफी तेजी से कई लोगों को वैक्सीन लगाना है।”
एक डोज कैसे होगा फायदेमंद?
जानवरों में बेहतर नतीजे मिलने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने लोगों पर छोटी स्टडी करना शुरू की। डॉक्टर स्टॉफल ने कहा कि 395 लोगों के एनालिसिस में कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स नजर नहीं आए।
स्टॉफल कहते हैं, “इतना ही नहीं इन लोगों में एक डोज के बाद ही अच्छी मात्रा एंटीबॉडीज तैयार कर दीं।
लोगों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सिंगल डोज काफी हो सकता है।”
दूसरे कंपनियों के मुकाबले बड़े स्तर पर होगा फेज 3 ट्रायल
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अमेरिका, अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको, पेरू और साउथ अफ्रीका के 18 साल की उम्र से ज्यादा के 60 हजार लोगों को नियुक्त करने पर विचार कर रही है।
यह ट्रायल वैक्सीन कंपनी मॉडर्ना के मुकाबले दोगुने स्तर पर किया जा रहा है। इस महीने फाइजर ने अपने ट्रायल को 44 हजार लोगों की संख्या तक बढ़ाने की घोषणा की है। पहले यह आंकड़ा 30 हजार था।
डॉक्टर बरूच कहते हैं कि बड़े स्तर पर ट्रायल्स से वैक्सीन की सेफ्टी का बेहतर पता चलेगा और हो सकता है कि यह प्रभाव पता करने में कम वक्त लगे। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया है
कि फेज 3 की कोई तय तारीख नहीं है। अगर ट्रायल्स ऐसी जगह पर होता है, जहां मामले कम हैं तो पर्याप्त लोगों को कोविड 19 होने में समय लगेगा। वैक्सीन का प्रभाव पता करने के लिए यह जरूरी है।
Discover more from Digital Education Portal
Subscribe to get the latest posts to your email.