आदिम जाति कल्याण विभाग में एक शाला एक परिसर के आदेश जारी 150 मीटर की परिधि में आने वाली 10506 शालाओ का होगा 4746 शालाओं में एकीकरण

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के सामान एक शाला एक परिसर योजना संचालित करने के विस्तृत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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आदिम जाति कल्याण विभाग “एक परिसर एक शाला” के मापदण्ड
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक शालाओं का एक ही शाला के रूप में संचालन ।
- • एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक माध्यमिक शालाओं का एक ही माध्यमिक शाला के रूप में संचालन ।
- • एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक आश्रम शालाओं की प्राथमिक अथवा माध्यमिक शालाओं में कक्षा – 1 से 8वी तक की एक ही शाला के रूप में संचालन।
- • एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक अथवा माध्यमिक शालाओं का कक्षा – 1 से 8वी तक की एक ही शाला के रूप में संचालन।
- आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाली आश्रम शाला, प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला हाईस्कूल या हायर सेकेंडरी स्कूल जो कि डेढ़ सौ मीटर की परिधि में आते हैं , को एक शाला एक परिसर योजना के अंतर्गत संचालित किया जाएगा।
- डेढ़ सौ मीटर की परिधि से बाहर वाले विद्यालय सामान्य रूप से संचालित होते रहेंगे ।
- एक शाला एक परिसर योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक अथवा हाई स्कूल शालाओं का कक्षा 1 से 10वी तक की एक ही शाला का संचालन ।
- • एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल अथवा हायर सेकण्डरी शालाओं का कक्षा – 1 से कक्षा 12वीं तक की एक ही शाला का संचालन ।
- एक ही परिसर में संचालित एक से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी शालाओं का एक ही शाला के रूप में संचालन ।
उपरोक्त सभी मापदण्डों के अनुसार समस्त परिसरों में निर्धारित परिधि में आने वाली समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की आश्रम शालाओं को भी सम्मिलित किया जावेगा।
10506 शालाओ का होगा 4746 शालाओं में एकीकरण आदिम जाति कल्याण विभाग
आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित विद्यालयों में से योजना अंतर्गत 10506 स्कूलों का एकीकरण किया जाएगा। 10506 विद्यालय अब 4746 शालाओं में एकीकृत हो जाएंगे। जहां एक और शालाओं के एकीकरण के कारण शासन को विभिन्न प्रकार के भौतिक एवं अकादमिक लाभ प्राप्त होंगे वही वित्तीय रूप से भी करोड़ों रुपए की बचत शासन को प्रतिवर्ष होगी।
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वरिष्ठ स्कूल के प्राचार्य होंगे प्रमुख आदिम जाति कल्याण विभाग
योजना अंतर्गत एकीकृत होने वाले विद्यालयों में यदि प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय हाई स्कूल विद्यालय हैं तो हाई स्कूल विद्यालय के संस्था प्रधान ही एकीकृत विद्यालय के शाला प्रमुख होंगे।
कौन सी शालाएं होगी एक शाला एक परिसर के अंतर्गत
“एक परिसर एक शाला” अंतर्गत एकीकृत परिसरों के विभिन्न श्रेणियों का विवरण निम्नानुसार है :-

एकीकृत शाला के आदेश एवं नामकरण की प्रक्रिया :-
एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरान्त एकीकृत शाला का नाम वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम से जाना जायेगा। वरिष्ठ शाला से आशय उस शाला से है, जिसमें उच्चतम स्तर की कक्षाए संचालित हो रही है समान स्तर की शालाओं में अधिक नामांकन (सत्र 2020-21 की क्षमता अनुसार) वाली शाला को मुख्य शाला के रूप में नामांकित किया जायेगा।
- यदि किसी शाला परिसर में वर्तमान में कोई शाला किसी महापुरूष/विभूति के नाम से संचालित है तो एकीकृत शाला का भी वही नाम रखा जावेगा।
- एक परिसर में संचालित समस्त शाला को एकीकृत करने के उपरांत मुख्य शाला का डाईस कोड (Dise Code)ही एकीकृत शाला का डाईस कोड (Dise Code) होगा।
- एक ही परिसर में संचालित शालायें यदि एक से अधिक पाली में संचालित हो रही है, तो इन शालाओं का भौतिक सत्यापन सहायक आयुक्त द्वारा किया जाएगा तथा भौतिक सत्यापन में उपयुक्त पाये जाने पर जिला स्तरीय समिति के द्वारा इन शालाओं को “एक परिसर एक शाला” के रूप में संचालित करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।
- “एक परिसर एक शाला” के चिन्हाकंन के उपरांत पूर्व से संचालित विद्यालय जो 150 मीटर परिधि में नही आते है, वे सभी विद्यालय यथावत संचालित होगे।
एकीकृत विद्यालय में संस्था प्रमुख एवं शैक्षणिक अमले की व्यवस्था:
- एक परिसर में स्थित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण की स्थिति में बरिष्ठतम शाला के प्राचार्य / प्रधानाध्यापक एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक होगे ।
- समान स्तर की शालाओं के एकीकरण की स्थिति में वरिष्ठ प्राचार्य /प्रधानाध्यापक एकीकृत प्राचार्य/प्राधानाध्यापक के रूप में कार्य करेंगे।
- शाला के प्रभारी प्राचार्य/प्रधानाध्यापक होने की स्थिति में वरिष्ठता के आधार पर एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक का प्रभार सहायक आयुक्त के द्वारा सौंपा जायेगा।
- एक परिसर में स्थित समस्त विद्यालयों का शैक्षणिक एवं अन्य अमला एकीकृत विद्यालय के अमले के रूप में माना जायेगा तथा वर्तमान में उक्त विद्यालयों में कार्यरत अमला यथावत कार्य करता रहेगा एवं एकीकृत शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य करेगा ।
- • एकीकृत विद्यालयों की समस्त कक्षाओं हेतु समेकित समय सारणी (टाइम टेबल) बनायी जाकर उसके आधार पर अध्यापन व्यवस्था की जायेगी यह दायित्व भी एकीकृत विद्यालय के प्राचार्य /प्रधानाध्यापक का होगा।
केवल सेकण्डरी स्तर के विद्यालयों के एकीकरण होने की स्थिति में शाला प्रबंध परिषद् की गठन की प्रक्रिया
एकीकृत विद्यालय जो कि केवल कक्षा 9वी से 10वीं एवं 9वी से 12वी तक संचालित होगी उनमे एकीकरण के उपरांत एकीकृत शाला में शाला प्रबंध एवं विकास समिति की व्यवस्था यथावत संचालित होती रहेगी। एकीकृत विद्यालय में शाला प्रबंध एवं विकास समिति के अध्यक्ष एकीकृत शाला के प्राचार्य एवं वरिष्ठ शाला की शाला प्रबंध एवं विकास समिति के सचिव होंगे।
क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति का गठन :-
• एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी। जिसमें जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सहायक आयुक्त/जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग, प्राचार्य डाईट एवं जिला परियोजना समन्वयक सम्मिलित होंगे। समिति के सचिव सहायक आयुक्त होंगे। गठित समिति क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों पर निर्णय लेगी। “एक परिसर एक शाला” के क्रियान्वयन में कोई नीतिगत प्रश्न उद्भुत होता है तो समिति अपने अभिमत सहित प्रस्ताव आयुक्त, आदिवासी विकास को प्रेषित करेगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश :-
- “एक परिसर एक शाला” की शासकीय विद्यालयों में अधोसरंचना विकास हेतु विद्यालय की आवश्यकता अनुसार बजट प्रावधान के अनुसार राज्य मद की राशि से व्यय किया जा सकेगा।
- वर्तमान में उपलब्ध कक्षों एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए “एक परिसर एक शाला” को संचालित करवाने का दायित्व संबंधित जिले के सहायक आयुक्त का होगा।
- • अन्य बिन्दुओं पर आवश्यकतानुसार समय-समय पर कार्यकारी निर्देश जारी किये जाएगे।
- • “एक परिसर एक शाला” अवधारणा के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्यकारी निर्देश जारी करने हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग अधिकृत होगा।
एकीकृत शाला के आदेश एवं नामकरण की प्रक्रिया :-
एक परिसर में संचालित विभिन्न स्तर की शालाओं के एकीकरण उपरान्त एकीकृत शाला का नाम वरिष्ठ स्तर की शाला के नाम से जाना जायेगा। वरिष्ठ शाला से आशय उस शाला से है, जिसमें उच्चतम स्तर की कक्षाए संचालित हो रही है समान स्तर की शालाओं में अधिक नामांकन (सत्र 2020-21 की क्षमता अनुसार) बाली शाला को मुख्य शाला के रूप में नामांकित किया जायेगा।
यदि किसी शाला परिसर में वर्तमान में कोई शाला किसी महापुरूष/विभूति के नाम से संचालित है तो एकीकृत शाला का भी वही नाम रखा जावेगा। एक परिसर में संचालित समस्त शाला को एकीकृत करने के उपरांत मुख्य शाला का डाईस कोड (Dise Code) ही एकीकृत शाला का डाईस कोड (Dise Code) होगा ।
एक ही परिसर में संचालित शालायें यदि एक से अधिक पाली में संचालित हो रही है, तो इन शालाओं का भौतिक सत्यापन सहायक आयुक्त द्वारा किया जाएगा तथा भौतिक सत्यापन में उपयुक्त पाये जाने पर जिला स्तरीय समिति के द्वारा इन शालाओं को “एक परिसर एक शाला” के रूप में संचालित करने हेतु निर्णय लिया जा सकेगा। • “एक परिसर एक शाला” के चिन्हाकन के उपरांत पूर्व से संचालित विद्यालय जो 150 मीटर की परिधि में नही आते है, वे सभी विद्यालय यथावत संचालित होगे।