Virtual card online fraud से बचाने में ब्रह्मा अस्त्र साबित होगा ये कार्ड जानिए इस्तेमाल का तरीका

आगरा, जेएनएन। ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान फ्रॉड से बचने के लिए Virtual card वर्चुअल कार्ड एक बेहतर विकल्प है। यह बैंकों द्वारा दी गई एक सुविधा है। इसमें सीमित समय के लिए आइडी जनरेट कर ऑनलाइन कार्ड बनाया जाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ ऑनलाइन खरीददारी में ही किया जा सकता है।
इसमें एटीएम की तरह ही पिन नंबर जनरेट होता है और उसी की तरह सीवीवी नंबर मिलता है। बस, सीमित खरीददारी करने के बाद इसे कभी भी डी-एक्टिवेट किया जा सकता है। एलडीएम जोगिंदर सिंह का कहना है कि जिले में अभी इस कार्ड को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। हालांकि कुछ जागरूक युवाओं द्वारा इस सेवा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुरक्षित है वर्चुअल कार्ड
बैंक के जानकार बताते हैं कि वर्चुअल कार्ड पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें बिना किसी अकाउंट की डिटेल शेयर किए ऑनलाइन शॉपिंग आदि का पेमेंट कर सकते हैं। वर्चुअल कार्ड 24 से 48 घंटों के लिए ही एक्टिवेट रहता है। शॉपिंग करने के बाद इसे आसानी से कैंसिल भी किया जा सकता है।
क्या होता है वर्चुअल क्रेडिट कार्ड
यह एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड होता है। इसे बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सेवा की मदद से बनाया जाता है। इसके लिए अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का ब्यौरा देना पड़ता है। हर एक वर्चुअल कार्ड का अपना नंबर, सीवीवी नंबर और वैधता होती है। इसे एटीएम कार्ड की तरह मशीन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। हर एक ऑनलाइन ट्रांजिक्शन के लिए अलग कार्ड तैयार करना पड़ता है। क्रेडिट लिमिट और वैधता अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग होती है।
वर्चुअल कार्ड के फायदे
– अपने ई-मेल अकाउंट से ही ऑनलाइन वर्चुअल कार्ड या ई-कार्ड बना सकते हैं।
– उपयोग के बाद यूजर इस कार्ड को कैंसिल कर सकते हैं।
– सौ रुपये से 50 हजार रुपये तक का वर्चुअल कार्ड बना सकते हैं।
– एक महीने में कई बार वर्चुअल कार्ड बना सकते हैं।