मध्य प्रदेश में अब किन्नर सरकारी सहायता से करवा सकेंगे ऑपरेशन और जरूरी उपचार, मध्य प्रदेश उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम का मसौदा तैयार, Digital Education Portal
निजी अंगों की सुधारात्मक सर्जरी, हार्मोन प्रतिस्थापन को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में भी लाएगी सरकार
मध्य प्रदेश उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम का मसौदा तैयार, जनता से मांगे सुझाव
राज्य सरकार ने प्रस्तावित नियम सार्वजनिक कर जनता से दावे-आपत्ति मांगे हैं। इसके बाद सरकार अधिसूचना प्रकाशित करेगी। इसके दो साल के अंदर नीति तैयार की जाएगी। किन्नरों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए जिला और राज्य स्तर पर उभयलिंगी कल्याण बोर्ड भी गठित किए जाएंगे। प्रदेश में 35 हजार से अधिक किन्नर हैं। नए नियमों के अनुसार किन्नरों को महिला से पुरुष और पुरुष से महिला बनने के लिए सुधारात्मक सर्जरी की सुविधा का लाभ तो मिलेगा लेकिन इच्छुक किन्नर को पहले से तय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा।
उन्हें निजी अस्पतालों में एसआरएस (सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी) की प्रक्रियाओं, हार्मोन-लेजर उपचार, परामर्श और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य उपचार के लिए राज्य चिकित्सा बीमा का लाभ दिया जाएगा। सरकार आरोग्यश्री कार्ड की सौगात भी दे सकती है। इस समुदाय को सरकार की ओर से किफायती आवास, संकटग्रस्त किन्नर युवा के लिए आश्रय और सामुदायिक केंद्र की सुविधाओं सहित स्त्री और पुरुष वर्ग के समान स्कूल-कालेजों में समान शिक्षा एवं छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
वृद्ध, अशक्त किन्नर को पेंशन, खाद्यान्न, उत्पीड़न मुक्त सार्वजनिक परिवहन और घर से बहिष्कृत के लिए विश्राम गृह और वृद्धाश्रम की सुविधा भी दी जाएगी। इन्हें जीवन बीमा, बैंकों से सामान्य और शून्य ब्याज पर कर्ज लेने की सुविधा, मनरेगा, स्व-सहायता समूहों के गठन सहित अन्य सुविधाएं देने का प्रविधान नियमों में किया गया है।
ये नियम अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान ने बनाए हैं। अस्पताल में अलग वार्ड नियमों के अनुसार किन्नरों के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड और शौचालय रहेंगे। उन्हें भेदभाव रहित शिक्षा, सामाजिक व सार्वजनिक स्थानों सहित कब्रिस्तान में जाने से कोई रोक नहीं सकेगा।
उनके लिए चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। कलेक्टर किन्नरों के लिए पहचान पत्र जारी करेंगे। पहचान पत्र 30 दिन में जारी करने होंगे। इसके लिए आवेदन करना होगा। जिला-राज्य में उभयलिंगी बोर्ड का गठन प्रदेश में जिला और राज्य उभयलिंगी बोर्ड का गठन किया जाएगा। राज्य बोर्ड के अध्यक्ष सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के मंत्री होंगे।
इसमें दो दर्जन विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सदस्य बनाए जाएंगे। बोर्ड में समुदाय से पांच प्रतिनिधि और समुदाय का सहयोग करने वाले दो समाज सेवी भी सदस्य रहेंगे। वहीं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला उभयलिंगी कल्याण बोर्ड का गठन होगा।
इनका कहना है
– नियम जारी कर दावे-आपत्ति मांगे हैं। इसकी समयसीमा अगले महीने के दूसरे हफ्ते में समाप्त होगी।
– प्रतीक हजेला, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं निशक्त कल्याण, मध्य प्रदेश
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